पिछले दिनों मेरा पहाड़ के फॉरम पर मंत्री जी से चैट हुई ! और उन्होंने जो भी जवाब दिए उनके बारे मई भी सभी लोग परिचित हैं ! उनके जवाबों मे कहीं कोई गंभीरता नही थी ! सिर्फ़ 'कर रहे हैं ', 'देख रहे हैं ' हो जाएगा ' किस्म के जवाब दिए हैं ! उनके जवाब निराश करने वाले है , सरकार के पास उत्तराखंड के विकास का कोई एजेंडा नही है ! अपराधों के विषय पर उनकी टिपण्णी वास्तव मे सोचनीय है , पूरा पहाड़ अपराध के बारूद पर बैठा है !गैर संगठित अपराधों के अलावा, पहाड़ संघठित अपराधों का पूरा नेटवर्क पहाड़ मे है ! शराब माफिया , लकड़ी माफिया , बजरी माफिया , खनन माफिया,जानवरों की खालों की तस्करी का माफिया , भू माफियाओं के सिकंजे मे पहाड़ जकडा हुआ है ! और सरकार इन अपराधों के बारे में अनजान हैं क्यूंकि कहीं न कहीं इन सबको सरकारी सरक्षण प्राप्त है ! वास्तव मे जब तक हम पहाड़ के विकास के बुनियादी सवालों व पॉलिसी , नीतियों पर हम बात नहीं करेंगे तब तक पर्यटन क्या किसी भी नीती का सही रूप मे क्रियान्वयन नही हो सकता है !