महाराज, नेगी जी, एक बात बताओ, आपको तो मालुम ही होगा, हमारी उत्तराखंड की सरकार भी कुछ कर रही है उत्तराखंड के संस्कृति को बचाने, बढ़ाने के लिए कि नहीं? क्यौकि हमने तो सुना है कि वहां देहरादून में एक 'संस्कृति बिभाग' भी है जो बहुत खर्चा करता है, अब किस में खर्चा करता है? कैसे खर्चा करता है, भगवान् जाने हो महाराज. हमारे यहाँ गावूँ में तो सरकारी कार्यक्रम के नाम पर एक फूटी कौडी भी नहीं खर्च होती, तो क्या हमारी संस्कृति देहरादून, नैनीताल जैसे बड़े शहरों में ही फलेगी फूलेगी वहीं से सज-धज कर आगे बढेगी, हम लोग जनम भर हल जोतते रह जायेंगे कि कुछ नया भी देख पाएंगे. इन सरकार वालों को कोइ ये क्योँ नहीं समझाता कि भैया, किसी भी चीज की तरक्की करनी है तो पहले ये तो देख लो कि इसकी जड़ मजबूत है कि नहीं.