मैं यही बात कह रहा हूं, हम लोग जितने भी इस विषय के बारे में बात कर रहें हैं, सभी को अपनी स्थानीय भाषा का तो ग्यान है ही। इसका शाब्दिक अर्थ मैंने कहीं से नहीं खोजा या किसी विद्वान से नहीं पूछा, जो हमारी बोली-भाषा में उसका अर्थ निकलता है, उसके आधार पर मैंने फोरम को इसके अर्थ से अवगत कराया है। इन शब्दों का अर्थ हमारे यहां निम्न प्रकार से है-
तीलै- तुमुकें, त्वीले, तैंले, त्येन
धारु- धरौ, धरीछ
बोला- बोल, वचन, शब्द
इन सबको मिलाकर बना, तुमने मेरे वचनों की लाज रखी, SIMPLE