Author Topic: Folk Songs Of Uttarakhand : उत्तराखण्ड के लोक गीत  (Read 76724 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Gopal Babu Goswami Ji song

माठु माठु हिट जरा हौले हौले चल तू,माठु माठु हिट जरा हौले हौले चल
खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू, खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू
हौले हौले चल जरा माठु माठु चल तू
मैं लै उनो त्यॉर पीछ रुक जा तू रुक कौ, मैं लै उनो त्यॉर पीछ रुक जा तू रुक कौ
भाजा-भाज किलै हैरे रुक जा तु रुक कौ, भाजा-भाज किलै हैरे रुक जा तु रुक कौ
अरे ..माठु माठु हिट जरा हौले हौले चल तू,माठु माठु हिट जरा हौले हौले चल तू
खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू, खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू
तितरी जै सर सर सरकींछै हाय वे, तितरी जै सर सर सरकींछै हाय वे
निमुवै की दाणि जस घुर घुर जैंछी वै, अरे निमुवै की दाणि जस घुर घुर जैंछी वै
तु माठु माठु हिट जरा हौले हौले चल तू,माठु माठु हिट जरा हौले हौले चल
खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू, खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू
अरे चढ़ी रे जवानी तुकें खै खै बेर लाल छै, अरे चढ़ी रे जवानी तुकें खै खै बेर लाल छै
बुड़्या-काव ब्या के करौ ऐगो मेरो गाव -गाव, बुड़्या-काव ब्या के करौ ऐगे गाव –गाव बे
जरा माठु माठु चल जरा हौले हौले चल तू,माठु माठु चल जरा हौले हौले चल
खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू, खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू
अरे बीसवां बरस की तू मैं है गयूं साठ वै , सुन ले भलिक , अरे बीसवां बरस की तू मैं है गयूं साठ वै
जरा माठु माठु हिट जरा हौले हौले चल तू,माठु माठु हिट जरा हौले हौले चल
खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू, खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू
खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू, खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू
खुट, घुन म्यॉर पुठ टोड़ी जै राखेली तू, माठु माठु हिट जरा हौले हौले चल तू
ओ मधुली रुक जा रुक जा मधुली

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आपुं छौ चिपड़पट्ट, ब्योली चैंछ हीरोईन
आपुं छौ चिपड़पट्ट, ब्योली चैंछ हीरोईन
चिमड़िया गाल, बार बाज रै मुखड़िम
आपुं छौ चिपड़पट्ट, ब्योली चैंछ हीरोईन
चिमड़िया गाल बार बाज रै मुखड़िम
ओ बखता कै ग्ये छै, आपुणी चुटुकी लगै ग्ये छै
ओ बखता कै ग्ये छै, आपुणी चुटुकी लगै ग्ये छै
बाज मेरी हुड़ुकी घमा, घम घमा घम
आपुं छौ चिपड़पट्ट, ब्योली चैंछ हीरोईन
चिमड़िया गाल बार बाज रै मुखड़िम
ओ बखता कै ग्ये छै, आपुणी चुटुकी लगै ग्ये छै
ओ बखता कै ग्ये छै, आपुणी चुटुकी लगै ग्ये छै
बाज मेरी हुड़ुकी घमा, घम घमा घम
चार पढ़ी आजकला बण जानी एम-एल-ए-
एम- ए- पास एम-एल-ए- सैबूंक छू पी- ए-
चार पढ़ी आजकला बण जानी एम- एल- ए-
एम- ए- पास एम- एल- ए- सैबूंक छू पी- ए-
ओ बखता कै ग्ये छै, आपुणी चुटुकी लगै ग्ये छै
ओ बखता कै ग्ये छै, आपुणी चुटुकी लगै ग्ये छै
बाज मेरी हुड़ुकी घमा, घम घमा घम

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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नाज पाणी कुछ नि दीदा सब बान्दरोंन,सुंगरोंन खयाली,
आप ऐला मुलाकात हेजाली हमर भाग खुलजाली,
रुन्दु बिलांदु उत्तराखंड की या दशा दगड़ा दगड दिखे जाली।
केशव डोबरियाल "मैती"

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं

कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं
ये पहाड़ की कुमौ गड़वाल की
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं

रिता कूडों की तीसा भांडों की -२
बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की

कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं
ये पहाड़ की कुमौ गड़वाल की
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं

सर्ग तेरी आशा कब आलू चौमासा -2
गंगा जमुनाजी का मुल्क मनखी गोर प्यासा

कख लगाण छविं
क्या रूडी क्या हयुन्द, पाणी नीच बूंद-2
फिर बणी च योजना बल देखा अब क्या हून्द

कख लगाण छविं
रिता कूडों की तीसा भांडों की -२
बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं

ये पहाड़ की कुमौ गड़वाल की
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं

बैख डुबयाँ दारू मा नौना टुन्न यारू मा-2
कजेणी आन्दोलन चलाणी, दफ्तर बाजारू मा

कख लगाण छविं
कच्ची गद्न्य छान्यु मा, पक्की खुली दुकान्यु मा-2
दारू का उद्योग खुल्याँ उंकी मेहर्बंयु मा

कख लगाण छविं
रिता कूडों की तीसा भांडों की -२
बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं

ये पहाड़ की कुमौ गड़वाल की
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं

कुड़ी टूटणी ठेस मा छिपाडा लाग्यां रेस मा-2
भीतर मूसा बिराला बस्याँ मनखी भैर देश मा

कख लगाण छविं
न भीतर न भैर कखी भी नीच खैर-२
दिन मा गिज्युं बाघ रात भ्युन्चाला की डैर

कख लगाण छविं
रिता कूडों की तीसा भांडों की -२
बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की

कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं
ये पहाड़ की कुमौ गड़वाल की
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं

जंगल घेर बाड़ मा, खेती बाड़ी त्याड मा-२
सार खायी बान्दरून, सगोडी गै उज्याड़ मा

कख लगाण छविं
कर्ज गाडी पैन्छू, फैलूं मा अल्झी भैन्सू-2
गोर दुब्याँ बाड़ मा सूखू पोडी ऐंसू

कख लगाण छविं
रिता कूडों की तीसा भांडों की -२
बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की

कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं
ये पहाड़ की कुमौ गड़वाल की
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं


कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं

गढ़वाली गीत नरेंद्र सिंग नेगी का
बस अनुवाद किया है गढ़वाली भाषा को बढ़वा देने के लिये

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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त्यारा रूप कि झौळमां
त्यारा रूप कि झौळमां

त्यारा रूप कि झौळमां, नौंणि सि ज्यू म्यारु
गौळि भि ग्याई, जौळि भि ग्याई,
ना हैंस ना हैंस, दंतुड़ि दग्येली, भौंरु ना बैठुं,
उंठुंड़ि ढकेली
रंग देखीकि त्यारु हो-------------- रंग देखीकि त्यारु,
बुरांस बिचारु खौळ्ये भी खौळ्ये भी ग्याई, बौळ्ये भी ग्याई,
कख बटि लैई स्य घुघती सि सांखी, कख पाई
होली सि छुंयाल आंखि
तौं आँख्यूँको रगर्याट हो---------------------तौं आँख्यूँको रगर्याट
, त्यारा मन की बात- खोलि भी
खोलि भी ग्याई, बोलि भी ग्याई,

द्यब्तौं की टक्क त्वैंमां, मनख्यौं कु ज्यूं चा,
मुखड़िका सासा चकोर लग्यूं
चा तेरि मुखड़िका सारा चकोर लग्यूं चा
त्वै देखी हे राम! हो----------------- त्वै देखी हे राम! स्यु ब्यखुनी को घाम,
स्येळ्ये भि अछ्ल्ये भी ग्याई, स्येळ्ये भि ग्याई
लो अछ्ल्ये भी ग्याई
जै कैमा क्वी सुद्दी माया नि लाँद, कौज्याल
पाणिमा छाया नि आंद
त्यारा छाळा मन बीच हो-------- त्यारा छाळा मन बीच तस्वीर कैकी,
जाणि भी हालि, पछ्याणि भी हालि,
जाणि भी हालि, पछ्याणि भी हालि
त्यारा रूप कि झौळमा, नौंणि सि ज्यू म्यारु
गौळि भि ग्याई, जौळि भि ग्याई,
गौळि भि ग्याई लो जौळि भि ग्याई......

त्यारा रूप कि झौळमां
गढ़वाली गीत नरेंद्र सिंग नेगी का
बस अनुवाद किया है गढ़वाली भाषा को बढ़वा देने के लिये

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
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धरती हमरा गढ़वाल की
धरती हमरा गढ़वाल की

धरती हमरा गढ़वाल की,धरती हमरा गढ़वाल की,
कथगा रौंतेली स्वाणी चा,कथगा रौंतेली स्वाणी चा
धरती हमरा गढ़वाल की,धरती हमरा गढ़वाल की (कोरस)
कथगा रौंतेली स्वाणी चा,कथगा रौंतेली स्वाणी चा (कोरस)
हो……कथगा रौंतेली स्वाणी चा, हो …
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी चा (कोरस)


पांच बदरी, पांच केदार, पांच प्रयाग एखी छन, पांच प्रयाग एखी छन
पांच प्रयाग एखी छन,पांच प्रयाग एखी छन (कोरस)
पांच पंडोव ऐनी एखी, भाग हमरा धन धन, भाग हमरा धन धन
भाग हमरा धन धन्, भाग हमरा धन धन् (कोरस)
कुण्ड छीन, इक ताल छीन, मठ यखे महान छीन
मठ यखे महान छीन,मठ यखे महान छीन
ताल सहस्त्र घाटी, फुलु की असमान छीन
हो……गंगा जमुना, एखी बटी सभु की, भूख तीस बुझाणी चा
हो… कथगा रौंतेली स्वाणी चा
धरती हमरा गढ़वाल की,कथगा रौंतेली स्वाणी चा, (कोरस)
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी चा (कोरस)

डांडी कांठीयों का देखा, लैन्जा लग्यान,लैंजा लग्यान
लैंजा लग्यान, लैंजा लग्यान (कोरस)
देवतों की धरती मा, मनखी बस्यान, मनखी बस्यान
मनखी बस्यान, मनखी बस्यान (कोरस)
देवदार बुरांश बाँझा, कुलै पय्या डाली कुलै पय्या डाली
देब्तों रोपी, मन्ख्युन पाली
हो ……..भेद देव -देवता मनखी को डोंरु – थाली मिटाणी चा
कथगा रौंतेली स्वाणी चा, (कोरस)
धरती हमरा गढ़वाल की,कथगा रौंतेली स्वाणी चा, (कोरस)


पति व्रता नारी एख, बांध कीसाण छीन, बांध कीसाण छीन
बांध कीसाण छीन, बांध कीसाण छीन (कोरस)
तीलू रौतेली एख, रामी बौराण छीन, रामी बौराण छीन
रामी बौराण छीन, रामी बौराण छीन (कोरस)
भांडू का पवड़ा सुणा, बीरू का देखा गढ़
बीरू का देखा गढ़,बीरू का देखा गढ़
नरसिंह,नागराजा, पंडों का देखा रण
हो… तुम ते लाकुड, दमो, ढोलकी.. धै लगे की, भटियाणी च,
कथगा रौंतेली स्वाणी चा
धरती हमरा गढ़वाल की ,धरती हमरा गढ़वाल की,कथगा रौंतेली स्वाणी चा, (कोरस)
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी चा (कोरस)

गढ़वाली गीत नरेंद्र सिंग नेगी का
बस अनुवाद किया है गढ़वाली भाषा को बढ़वा देने के लिये

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हिन्दी गीता कु ये च गढ़वाली बोळ संस्करण तुम थै कंण लग जी
October 6
मथी पहाड़ भति निस गांगडु
स्कुल दफ्तर गौं बजार भति

मथी पहाड़ भति निस गांगडु
स्कुल दफ्तर गौं बजार भति

मनख्यूं दार धार धार भति
हिटण हिटण लग्यां छं
हिटण हिटण लग्यां
हिटण हिटण लग्यां छं
भैठाना कु लगा नि
बाटा भरयां छं सड़कियुं मा जगा नि
दीदा कख जाणा
भैजी कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा
दीदी कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा
भुला कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा

बेरोजगार ज्वानि सड़कियुं मा
दुकी लाचार बुढ्पा सड़कियुं मा

बेरोजगार ज्वानि सड़कियुं मा
दुकी लाचार बुढ्पा सड़कियुं मा

भविष्य नौन्याल लुक सड़कियुं मा
माँ भैनों कु दुक सड़कियुं मा

हिटण हिटण लग्यां छं
हिटण हिटण लग्यां
हिटण हिटण लग्यां छं
भैठाना कु लगा नि
बाटा भरयां छं सड़कियुं मा जगा नि

बोला कख
बोला कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा
कख क कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा
सबी कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा

भूक ना तिस ना दर ना फ़िक्र छ
मुठी बोटी छं कसी कमर छ

भूक ना तिस ना दर ना फ़िक्र छ
मुठी बोटी छं कसी कमर छ

हाथ मा मुछ्ला आँखों मा आंगार
खुथ धरती मा आकास नजर छ

हिटण हिटण लग्यां छं
हिटण हिटण लग्यां
हिटण हिटण लग्यां छं
भैठाना कु लगा नि
बाटा भरयां छं सड़कियुं मा जगा नि

दीदा कख जाणा
भैजी कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा
दीदी कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा
भुलू कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा

बाबा बी दादा बी नाती सड़क मा
एक वें सबी जाती सड़क मा

बाबा बी दादा बी नाती सड़क मा
एक वें सबी जाती सड़क मा

माँ बेटी सासु ब्वारी सड़क मा
आच बनी सबी चिंगारी सड़क मा

हिटण हिटण लग्यां छं
हिटण हिटण लग्यां
हिटण हिटण लग्यां छं
भैठाना कु लगा नि
बाटा भरयां छं सड़कियुं मा जगा नि

बोला कख
बोला कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा
कख क कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा
सबी कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा

मथी पहाड़ भति निस गांगडु
स्कुल दफ्तर गौं बजार भति

मथी पहाड़ भति निस गांगडु
स्कुल दफ्तर गौं बजार भति

मनख्यूं दार धार धार भति
हिटण हिटण लग्यां छं
हिटण हिटण लग्यां
हिटण हिटण लग्यां छं
भैठाना कु लगा नि
बाटा भरयां छं सड़कियुं मा जगा नि

बोला कख
बोला कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा
कख क कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा
सबी कख जाणा छं तुम लोक
उत्तराखंड आंदोलन मा



गढ़वाली गीत नरेंद्र सिंग नेगी का
बस अनुवाद किया है गढ़वाली भाषा को बढ़वा देने के लिये

एक उत्तराखंडी

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घुगुती घुरोण लगी
घुगुती घुरोण लगी

घुगुती घुरोण लगी म्यारा मैत की
बॉडी बॉडी आये गै ऋतू , ऋतू चैत की
घुगुती घुरोण लगी म्यारा मैत की
बॉडी बॉडी आये गै ऋतू , ऋतू चैत की
ऋतू , ऋतू चैत की

डंडी कांठियुं को ह्यू , गौली गे होलु
म्यारा मैता को बॉन , मौली गे होलु
डंडी कांठियुं को ह्यू , गौली गे होलु
म्यारा मैता को बॉन , मौली गे होलु
चकुला घोलू छोड़ी , उड़ाना व्हाळा
चकुला घोलू छोड़ी , उड़ाना व्हाळा
बेठुला मैतुड़ा कु , पैठना व्हाळा
घुगुती घुरोण लगी
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
घुगुती घुरोण लगी म्यारा मैत की
बॉडी बॉडी आये गै ऋतू , ऋतू चैत की
ऋतू , ऋतू चैत की

दंडीयुं खिलना होला , बुरॉन्सी का फूल
पठियुं हैंसणि होली , फ्योली मोल मोल
दंडीयुं खिलना होला , बुरॉन्सी का फूल
पठियुं हैंसणि होली , फ्योली मोल मोल
कुलरी फुलपाटी लेकि , देल्हियूं देल्हियूं जाल
कुलरी फुलपाटी लेकि , देल्हियूं देल्हियूं जाल
दगड्या भगयान थड्या , चौपला लागला
घुगुती घुरोण लगी हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
घुगुती घुरोण लगी म्यारा मैत की
बॉडी बॉडी आये गै ऋतू , ऋतू चैत की
ऋतू , ऋतू चैत की

तिबारी मा बैठ्या व्हाळा बाबाजी उदास
बटु हेनी होली माजी , लगी होली सास
तिबारी मा बैठ्या व्हाळा बाबाजी उदास
बटु हेनी होली माजी , लगी होली सास
कब म्यारा मैती औजी , देस भेंटि आला
कब म्यारा मैती औजी , देस भेंटि आला
कब म्यारा भाई बेहनो की , राजी ख़ुशी ल्याला
घुगुती घुरोण लगी हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
घुगुती घुरोण लगी म्यारा मैत की
बॉडी बॉडी आये गै ऋतू , ऋतू चैत की
ऋतू , ऋतू चैत की ऋतू , ऋतू चैत की
ऋतू , ऋतू चैत की ऋतू , ऋतू चैत की
ऋतू , ऋतू चैत की

गढ़वाली गीत नरेंद्र सिंग नेगी का
बस अनुवाद किया है गढ़वाली भाषा को बढ़वा देने के लिये

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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मेरा डंडी कंठीयूं का मुलुक जैल्यु
मेरा डंडी कंठीयूं का मुलुक जैल्यु

मेरा डंडी कंठीयूं का मुलुक जैल्यु ,
बसंत ऋतू मा जैई , बसंत ऋतू मा जैई
मेरा डंडी कंठीयूं का मुलुक जैल्यु ,
बसंत ऋतू मा जैई , बसंत ऋतू मा जैई

हैरा बण मा बुरांस का फूल , जब बनाग लगाना होला
बीता पखों तें फ्योलिं का फूल , पिंगला रंग माँ रंग्यणा होला
लैयाँ पैयाँ ग्वीराळ फूलु न, लैयाँ पैयाँ ग्वीराळ फूलु न ,
होली धरती सजी देखि ऐई …
बसंत ऋतू मा जैई…
मेरा डंडी कंठीयूं....

रंगीला फागुन होल्येरूं की टोली , डंडी काण्ठियों रंग्यणी होली ,
कैका रंग मा रंग्युं होलु क्वीई , क्वी मणि -मन मा रंग्श्याणी होली
किरमिची केसरी रंग की बार किरमिची केसरी रंग की बार ,
प्रेम का रंगों मा भीजि ऐई
बसंत ऋतू मा जैई…
मेरा डंडी कंठीयूं....

बिन्सिरी देलिओं मा खिल्दा फूल , राति गाऊं -गाऊं गीतेरुं का गीत ,
चैता का बोल , औजियों का ढोल, मेरा रौंतेला मुलुकेय की रीत ,
मस्त बिगरैला बैखुं का ठुमका ,मस्त बिगरैला बैखुं का ठुमका
बांदूं का लसका देखि ऐई
बसंत ऋतू मा जैई…
मेरा डंडी कंठीयूं....

सैना दमला अर चैते बयार, घस्यारी गीतों न गुन्ज्दी दांडी
खेल्युं मा रंग -मत ग्वेर छोरा , अत्कडा गोर घामडांडी घंडी ,
उखी फुंडेय होलु खत्युं मेरु भी बचपन उखी फुंडेय होलु खत्युं मेरु भी बचपन
उकरी सक्ली ते उकरी की लैई
बसंत ऋतू मा जैई…
मेरा डंडी कंठीयूं का मुलुक जैल्यु ,बसंत ऋतू मा जैई
बसंत ऋतू मा जैई
बसंत ऋतू मा जैई


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य बाट का जान्हौल सुरा -सुरा देबी क मंन्दिरा
चमकनी गिलास सुवा रमकनी चहा छु
तेर पति- मेरी प्रीत को डहा छु
य बाट का जान्हौल सुरा -सुरा देबी क मंन्दिरा
जइ फुली चमेली फुली दैणं फुली खेता
त्यर बाटंक चानै चानै उमर कटि मैता
य बाट का जान्हौल सुरा -सुरा देबी क मंन्दिरा
गाड गध्यारा मारा दैत्यपिसाचा लै
मैं य देख दुबय हैग्युंँ त्यर निसास लै
य बाट का जान्हौल सुरा -सुरा देबी क मंन्दिरा
तेरी गाव मुगं की मावा मेरी गावा जंजीरा
तेरी मेरी भेट हौली देबी को मंनदीरा
य बाट का जान्हौल सुरा -सुरा देबी क मंन्दिरा
अस्यारी को रेट सुवा-अस्यारी को रेट
य दिन य मासं आब कभत हौली भेट
य बाट का जान्हौल सुरा -सुरा देबी क मंन्दिरा

 

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