Author Topic: Folk Songs Of Uttarakhand : उत्तराखण्ड के लोक गीत  (Read 76251 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Amit Bhatt
April 25 at 9:12am
कुमॉऊनी गीत
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कतुक रंगीलो छ यौ कतुक छबिलो यौ
हमरौ पहाडं!
द्याप्तुकी पुण्य भूमि;पितरो की थाता!
२.हरज्युकी हरकी पैडीं'कनखली
हरिद्वारा!
झाकर मे सैम देवा;बद्री-केदारा
घर-घर मे पुजि जनी;गोलज्यु गंगनाथा
द्याप्तुकी पुण्य भूमि;पितरो की थाता
कतुक रंगीलो छ यौ कतुक छबिलो छ यौ
हमरौ पहाडां
२,चम-चमकु हिमाल कौस;छलकनी गाढ-
गधियारा!बजाडीं धुरा ठंडो
पाडीं;नौल धार पन्यारा!
ऊचा-नीचा डानु मे ट्याडां -म्याडां
बाटा्!
द्याप्तुकी पुण्य भूमि;पितरोकी थाता
कतुक रंगालो छ'यौ कतुक छबिलो छ यौ
हमरौ पहाडां!
२.उत्तराखण्ड भूमि यौ;भौते महाना
रीषि
मनुी रूनी या रूनी विद्वना !
राजुला मालुशाही कीअमर प्रेम गाथा!
द्याप्तुकी पुण्य भूमि; पितरो की
थाता!
कतुक रंगीलो छ यौ:कतुक छबिलो छ यौ
हमरौ पहाडां!
द्याप्तुकी पुण्य भूमि पितरो की थाता!
***************************
आपुन दगडीं
अमित भट्ट
रैंगल(अल्मोडां)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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पी जाओ म्यॉर पहाड़ को ठंडो पाणी……ठंडो पाणी……ठंडो पाणी…….
पी जाओ, पी जाओ, म्यॉर पहाड़ को ठंडो पाणी…ठंडो पाणी…ठंडो पाणी….ठंडो पाणी…
पी जाओ, पी जाओ, म्यॉर पहाड़ को ठंडो पाणी…ठंडो पाणी…ठंडो पाणी….ठंडो पाणी…
खै जाओ जंगलू हवा ठंडो ठंडो पाणी, खै जाओ जंगलू हवा ठंडो ठंडो पाणी
घाम की यो काली मुखड़ी है जाली गुलाबी, घाम की यो काली मुखड़ी है जाली गुलाबी
देखो रे देखो फुल बुरुसी फूली रै छो, देखो रे देखो फुल बुरुसी फूली रै छो
ठंडो पाणी….ठंडो पाणी…ठंडो पाणी….ठंडो पाणी…
रसीला काफल खाओ, रसीला किलमोड़ी, रसीला काफल खाओ, रसीला किलमोड़ी
सेब,अनारा, आड़ू, मेहला, दाणिमा, खुबानी,सेब,अनारा, आड़ू, मेहला, दाणिमा, खुबानी
देखो रे बैणा माठ मादिरा चम चमकिनी, देखो रे बैणा माठ मादिरा चम चमकिनी
ठंडो पाणी….ठंडो पाणी…ठंडो पाणी….ठंडो पाणी…
रंगीलो मुलुक देखो कुमु गढ़्वाला, रंगीलो मुलुक देखो कुमु गढ़्वाला
देबों की जनमभुमि बैकुंठी हिमाला, देबों की जनमभुमि बैकुंठी हिमाला
आओ रे आओ म्य्रार पहाड़ा धात लगूनी, आओ रे आओ म्य्रार पहाड़ा धात लगूनी
ठंडो पाणी….ठंडो पाणी…ठंडो पाणी….ठंडो पाणी…

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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सुख दुःख लागिये रौला, जब लै रुला ज्युना.....
रूड़ि गयो, चौमास आयो, चौमासी बे ह्यूना....
भूल बेर ले इन बातों कें कब्बै ने भुलुना...
जब झड़नी पाता, डाई हूँ छो उभ्याता....
एक ऋतु बसन्त उँछि पतझड़ का बाद..
लस्का कमर बांध... हिम्मत का साथ
फिर भोल उज्याई होलि.. कां ले रोलि रात

Heera Singh Rana

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गाड़ो गुलबंद , गुलबंद को नगीना (गढ़वाली लोकगीत )
-
संकलन व इंटरनेट प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
गाड़ो गुलबंद , गुलबंद को नगीना,
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना।
सहायक चरण - बुडड़ी लगौंद जवानी का रीसा
बुडड़ी तैं धरला पुंगड़ी का ढीसा।
गाड़ो गुलबंद , गुलबंद को नगीना,
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना।
में से नि रयांदु सासू की जेल मा,
स्वामी जी घौर आवा बैठिकी रेल मा।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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हाथन हुसुकि पिलायी
हाथ न whisky पिलाई, फूल न पिलायो रम
छोटा दल, निर्दलीय दिदो न कच्ची मा टरकाया हम
ऐसु चुनुओ मा मजा ही मजा
हो हो हो हो हो
ऐसु चुनुओ मा मजा ही मजा
दारू भी रूपया भी ठम-ठम
हाथ ..........................................................
सुबेरा पैक पे घड़ी दगडी,
दिन का पैक साईकिल मा चडी
बियाखुन कुर्सीम टम-टम पड़ी
रात म हाथी मा बैठी की तड़ी
ऐसु चुनुओ मा ठाठ ही ठाठ
हो हो हो हो हो
ऐसु चुनुओ मा ठाठ ही ठाठ
प्रत्याशी पैदल अर घोड़ा मा हम
हाथ ..........................................
आज ये दल मा, भोल वे दल मा
दल बदलिन नेतौन हर पल मा
हमरी भी दारू की brand बदलिन
कभी soda coke मा कभी गंगा जल मा
ऐसु चुनौ मा ठाठ ही ठाठ
हो हो हो .....हो
ऐसु चुनौ मा ऐस ही ऐस
देशी विदेशी local हजम
हाथ ..........................................
मुर्गो की टांग च बखरो की रान च
हाथ मा सिगरेट मुख मा पान च
जुगराज रया मेरा लोकतन्त्र
तेरा प्रताप गरीबो की शान च
पहली नि छो पता अब चलिगे
हो हो हो हो हो
पहली नि छो पता अब चलिगे
Vote की चोट मा कथगा दम
हाथ ..........................................
हवेगे चुनोऊ सरकार बणीगे
क्वी मवशी बणी क्वी उजड़ी गे
अब नि दिखेणा क्वी ल्योण वाला
खाली ह्वे बोतल नशा उडिगे
चिफला का राज कै मौज मरेन
हो हो हो हो हो
चिफला का राज कै मौज मरेन
जुंगो का राज मा ठम -ठम
हाथ न whisky पिलाई, फूल न पिलायो रम
छोटा दल, निर्दलीय दिदो न कच्ची मा टरकाया हम
ऐसु चुनुओ मा मजा ही मज़ा
-----------------------------------------श्री नरेंद्र नेगी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया ..
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया ..
टूट्या न कभी ....
टूट्या न कभी ...टूट्या न कभी ..

तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंजडया..
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंजडया..
छुट्या न कभी .... छुट्या न कभी ....
छुट्या न कभी ....

तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंज्द्या..
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंज्द्या..

तिन लगेनी बडुली.......हो हो ..
मै पाणी पीन्दी रो ...हो..हो...
तिन लगेनी बडुली....... मै पाणी पीन्दी रो
तिन पठेनी पराज , मै खुट्यु कनुदी रो ..
मिन त आंखी नि बूझी ,
तू स्वीणु में सी माया भिंडे दे ..

तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंज्द्या..
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंज्द्या..

तेरी मुखुड़ी दिखेंदी .....हो हो ..
जन फ्योलड़ी को फूल ..हो हो ..

तेरी मुखुड़ी दिखेंदी .....जन फ्योलड़ी को फूल ..
तेरी दत्युरी की ढोल जन सोबना की डोल..
आंखी आंख्यु न मंशा लगाये तिन . लगाये तिन ...
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंज्द्या..
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया

तेरु प्रेम सुआ यनु ...हो हो ..
मेरा मन बसी ग्यायी ....हो हो ..
तेरु प्रेम सुआ यनु ...मेरा मन बसी ग्यायी ....
छुटी गैनी धाण काज सुद बुद हर्ची ग्यायी ..
कखी बैरी दुनिया तेरी मेरी छुई न सरै दे ..

तेरी आंख्युं का किनारा....हो हो ..
तू बोल त बेठ्यु रो ..हो हो ..
तेरी आंख्युं का किनारा.... तू बोल त बेठ्यु रो ..
जब तलक छ ज्यू मा जानतब तलक बेठ्यु रो ..
खेरी विपदा का आंशु थमोंदी रो ...थमोंदी रो ..

उत्तराखंडी गीत है
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया ..
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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बरखा चुप व्हैजा
स्वर प्रीती रणाकोटी, गुंजन डंगवाल
गीत शांति भूषण
धन्यवाद अमित सागर
संगीत सुमंत पंवार
एल्बम गंजो मेरा गोँ कि
लेबल MGV DIGITAL
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
ना बारखि बरख ना बारखि
ना बारखि रणुमणुम झणुमणुम कैकि चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
भौल सुबेर मिल दूर चली जाण
ऊँकी अनवर मिल कै मा खोजाण
भौल सुबेर मिल दूर चली जाण
ऊँकी अनवर मिल कै मा खोजाण
मेल्दी आँखि मेल्दी आँखि आंसूधारा बगेना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
ऊँ का बाना करर्युं साज सिंगार र
थोत ख्याल जरा बरखा रिसाड
ऊँ का बाना करर्युं साज सिंगार र
अरे थोत ख्याल जरा बरखा रिसाड
परीत माया परीत माया अध बाटा छुपै ना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
ईकुली बिंदूल सुर मा पंधेर बगीगे
खिलियु खिलियु रूप रंग और सजीगे
कुंगली गात स्युंदी फूंदी रुझिगे
जल्मो जल्मो की तिस बुझिगे
रणुमणुम झणुमणुम
रणुमणुम झणुमणुम लगि रै रुकी ना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
उत्तराखंडी गीत है
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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क्या दिन क्या रात हे जी...हो

नरेंद्र सिंह नेगी
गीत : क्या दिन क्या रात हे जी... हो
गायक : नरेंद्र सिंह नेगी
एल्बम : छिबड़ाट
पुरुष:-
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी मेरा मन की बात हे जी... हो
मेरा मन की बात हे जी... हो
स्त्री:-
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हे जी... हो
हरी भरी गात हेजी... हो
स्त्री:-
उन त मर्जी चा तेरी समली ले की भूली जा तोड़ी करार जाणु छै
जैली पर कबूली जा-जैली पर कबूली जा
बांज कु बगोट हेजी हो बंजा कु बगोट
देखि याली पछ्याणी भी याली तेरी नज़र कु खोट हे जी... हो
पुरुष:-
फूलु माँ देख ऐगेनि भौरा ये बरस भी
तेरी मयाली माया कु
जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी-जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी
बाँजा कु बगोट हेजी हो-बाँजा कु बगोट
बाला मनसी साची माया मा तिन क्या पायी खोट हे जी... हो
स्त्री:-
ऐसो बस्ग्याल फिर कुयेड़ी लौकली
आँखी रोली दणमण जिकुड़ी यकुली डौरली-जिकुड़ी यकुली डौरली
लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात
खुदे-खुदे की पट मोरी जौलु छोड़ी न दे या साथ हे जी... हो
पुरुष:-
मेरा ही समणी बैठी रा कुछ न कैर कखी न जा
माया खौला माया लौला मायादार छुई लगा-मायादार छुई लगा
लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात
माटा मा मिली जाली काया तौभी नि छोड़ू साथ हे जी... हो
स्त्री:-
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हे जी... हो
हरी भरी गात हे जी... हो
पुरुष:-
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी मेरा मन की बात हे जी... हो
मेरा मन की बात हे जी... हो
उत्तराखंडी गीत है
क्या दिन क्या रात हेजी हो
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
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उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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गीत : अरे दीपा मिजात
एल्बम: अरे दीपा जींस टॉप वाली
गायक: फौजी ललित मोहन जोशी, मीना राणा
संगीत लेबल टी-सीरीज
हे दीपा मिजात दीपा मिजात तू सुणी दीपा
छोड़ी दियोंलो पहाड़ दीपा नेह जोंलो परदेश दीपा
हे दीपा मिजात दीपा मिजात तू सुणी दीपा
छोड़ी दियोंलो पहाड़ दीपा नेह जोंलो परदेश दीपा
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
पनि को मासिक दीपा पनि को मसिक दीपा
तू भूल ना भूल जली मैं भुलु कसिक दीपा . .
पनि को मासिक दीपा पनि को मसिक दीपा
तू भूल ना भूल जली मैं भुलु कसिक दीपा . .
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
नरिंगे कि दाणी दीपा नरिंगे कि दाणी दीपा
त्वेले मे कुबानी ले के न नख न बैठ दीपा . .
नरिंगे कि दाणी दीपा नरिंगे कि दाणी दीपा
त्वेले मे कुबानी ले के न नख न बैठ दीपा . .
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
हाथे कि चुँडिये दीपा हाथे कि चुँडिये दीपा
तू मिके लगछे दीपा आज ले कुड़िये दीपा . .
हाथे कि चुँडिये दीपा हाथे कि चुँडिये दीपा
तू मिके लगछे दीपा आज ले कुड़िये दीपा . .

तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
रंगीलो मिजात दीपा रंगीलो मिजात दीपा
ने कर नि आज दीपा मेरो संग फ़्स्द दीपा .
रंगीलो मिजात दीपा रंगीलो मिजात दीपा
ने कर नि आज दीपा मेरो संग फ़्स्द दीपा .
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
हे दीपा मिजात दीपा मिजात तू सुणी दीपा
छोड़ी दियोंलो पहाड़ दीपा नेह जोंलो परदेश दीपा
हे दीपा मिजात दीपा मिजात तू सुणी दीपा
छोड़ी दियोंलो पहाड़ दीपा नेह जोंलो परदेश दीपा
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
उत्तराखंडी गीत है
हे दीपा मिजात दीपा मिजात तू सुणी दीपा
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

 

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