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Folk Songs on Market,Fairs & Jeeja Saali etc - बाजारों, मेलो एव जीजा साली पर गीत

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
सुवा रिसैगे - कुमाऊनी लोकगीत
ह्या ये हरयाल मने बजार मा अरे यु रानी खेते बजार मा
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली हरेगे छे
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली हरेगे
अरे यु अल्मोड़े बजार मा अरे यु बागेश्वर खौथिग मा
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली हरेगे छे
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली हरेगे
हे …… होसिया अरे ये आधु क बाट मा जा मि कैदिगे धक
अब ये आधु क बाट मा जा मि कैदिगे धक
नदनी होसिया मेरी अप्डे मन की
अरे अप्डे अ .... अ मन की अरे अब कथा ढूंढ़ दियू ई कनि
ये दाज्यू मेर गाल गाल ऐगे
अरे यु अल्मोड़े बजार मा अरे यु बागेश्वर खौथिग मा
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली हरेगे छे
औ दाज्यू सुवा रिसैगे छे मेरी पगली रिसैगे
हे …… होसिया अरे र वार चानू पार चानू नि पूजैनि आँखि
अब वार चानू पार चानू नि पूजैनि आँखि
तुमल देखि छों यारो बते दियू भागी
अब तुमल ये ..... देखि छों यारो बते दियू भागी
अरे मन में नि सांस लेरो अरे रावत जी महराज ढूंढ़ दियू ई कनि
अरे मेरी सुवा रिसेगे
अरे यु अल्मोड़े बजार मा अरे यु बागेश्वर खौथिग मा
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली हरेगे
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली हरेगे
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली हरेगे
हे …… नाक मा नथुली विंकी कानो मा जाब आई
अरे नीबू ऐ की दानि जैसी कखि मै भुवाई
ऐ शर्मा जी देखो कइले मै भैन्चों
अब कखि मै भुवाई मन में नि सांस लेरो
अब कं ढूँढू दाजी जरा दखो बाल कु न छ कंई ति
अरे मेरी सुवा रिसैगे
अरे यु द्वारहटे खौथिग मा यु अल्मोड़े बजार मा
औ दाज्यू सुवा रिसैगे छे पगली हरेगे
मेरी सुवा रिसैगे छे पगली हरेगे
ये सुवा हरेंगे छे पगली हरेगे
हे …… अल्मोड़े की बजार मा जां पड़ी रों र मौका
अरे जानि कथा ले गे दाज्यू अप्डे मन की
अरे डंगवाल जी लाव विं थे ढूंढे कि भेर
जानि कथा ले गे दाज्यू अप्डे मन की अधुक बाटू मा जा
अरे अड़ डा डा डा अरे रे रे मेरी सुवा रिसेगे
अरे यु बागेश्वर खौथिग मा यु मासिको बजार मा
औ दाज्यू सुवा रिसैगे छे पगली हरेगे
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली हरेगे
अरे यु अल्मोड़े बजार मा अरे यु रानी खेते बजार मा
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली रिसैगे छे
औ दाज्यू सुवा हरेगे मेरी पगली रिसैगे छे
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली हरेगे छे
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली रिसैगे छे
औ दाज्यू सुवा रिसैगे मेरी पगली रिसैगे छे
मेरी पगली रिसैगे मेरी पगली रिसैगे मेरी पगली रिसैगे
कण लगा जी जरूर बतवा जी
सुवा रिसेगे - कुमाऊनी लोकगीत
उत्तराखंडी गीत
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
उत्तराखंड मनोरंजन
बालकृष्ण डी ध्यानी
-देवभूमि बद्री-केदारनाथ
अब भोळ भेंट हुली जी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
एक गढ़वाली लोक गीत
ना बास घुगुती चैत की
खुद लगिंच माँ मैत की … २
डाली फुल्ली माँ फूलों की
खुद लगिंच माँ भूलों की … २
बाट देख्दी रों बाबा आल
चैत फूल कंडी माँ मि कु ल्याल … २
ना बास घुगुती चैत की
खुद लगिंच माँ मैत की …
मिन सोची मा भैजी आल
रखड़ि भंटे माँ मिथे द्याल… २
ना बास घुगुती चैत की
खुद लगिंच माँ मैत की …
स्वामी जी इनि माँ निर्दयी
फोन भी चिठ्ठी नि देई … २
ना बास घुगुती चैत की
खुद लगिंच माँ मैत की …
आदि रात मा उठदु
काठी झंगोरा माँ कुटदु … २
ना बास घुगुती चैत की
खुद लगिंच माँ मैत की …
सासु जेठानी माँ देंदी गालि
नन्द भारी छुँयाळी … २
ना बास घुगुती चैत की
खुद लगिंच माँ मैत की …
क़्या कु बाबा न दूर देनी
बेटी अपरि भूल गैनी … २
ना बास घुगुती चैत की
खुद लगिंच माँ मैत की …
डाली फुल्ली माँ फूलों की
खुद लगिंच माँ भूलों की …
खुद लगिंच माँ भूलों की …
खुद लगिंच माँ भूलों की …
कण लगा जी जरूर बतवा जी
एक गढ़वाली लोक गीत ना बास घुगुती चैत की
उत्तराखंडी गीत
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
उत्तराखंड मनोरंजन
बालकृष्ण डी ध्यानी
-देवभूमि बद्री-केदारनाथ
अब भोळ भेंट हुली जी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन..
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन.. २
तेरी खुट्यु की पेजबी मेरी सुआ
भली सजन... २
रानीखेत रामढोला ...रानीखेत
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन.. २
तेरी खुट्यु छम छम
तेरी खुट्यु की पेजबी मेरी सुआ भली सजन...
तेरी खुट्यु की पेजबी मेरी सुआ
भली सजन...
कोरस
{रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन..
तेरी खुट्यु की पेजबी मेरी सुआ
भली सजन...
तेरी पाऊ की पुलिया ..तेरी पाऊ..
तेरी पाऊ की पुलिया मेरी सुआ .भली सजन..
तेरी हथो की पोछिया...मेरी सुआ भली सजन..
तेरी गोले.....तेरी गोले की हसुली मेरी सुआ. भली सजन..
तेरी गोले की हसुली मेरी सुआ. भली सजन
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन.. २
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन..
कोरस
{रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन..
तेरी खुट्यु की पेजबी मेरी सुआ
भली सजन...}
तेरी माथे की बिंदुली ...तेरी माथे
तेरी माथे की बिंदुली मेरी सुआ
भली सजन ..
कन्दुरुयो मा तेरु कुंडल ..मेरी सुआ भलु .
सजन ..
तेरी नाके ....तेरी नाके की बिसार मेरी सुआ भली सजन .
तेरी नाके की बुलाक मेरी सुआ भलु सजन ..
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन..
कोरस
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन..
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन..
तेरी खुट्यु की पेजबी मेरी सुआ
भली सजन...
तेरी गोटे की अंगड़ी तेरी गोटे
तेरी गोटे की अंगड़ी मेरी सुआ ..भली सजन...
त्यारा सिरा को सीस फुला मेरी सुआ .भलु सजन...
तेरी सूंघी ई तेरी सूंघी को संघल मेरी सुआ
भलु सजन...
तेरी सूंघी को संघल मेरी सुआ भलु सजन
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन.. २
कोरस
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन..
तेरी खुट्यु की पेजबी मेरी सुआ
भली सजन.... २
रानीखेत रामढोला घम घामा कन बजन..
उत्तराखंडी गीत है
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चलचित्र के नीचे गीत लिखा है बस
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
प्रयाग पाण्डे
December 17 at 8:30pm
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
सावनी साँझ आकाश खुला है
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
छानी खरीकों में धुआं लगा है
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
थन लागी बाछी कि गै पंगुरी है
द्वी - द्वा, द्वी - द्वा दुधी धार छूटी है
दुहने वाली का हिया भरा है
ओ हो ये मन धौ धिनाली।
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
मुश्किल से आमा का चूल्हा जला है
गीली है लकड़ी कि गीला धुआं है
साग क्या छौंका है कि गौं महका है
ओ हो रे गंध निराली।
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
कांसे की थाल - सा चाँद टंका है
ओ हो रे साँझ जुन्याली।
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
दूर कहीं कोई छेड़ रहा है
ओ हो रे न्योली "सोरयाली"
जौल्यां मुरुली का "सोर" लगा है
आइ - हाइ रे लागी कुतक्याली
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
- गिरीश तिवाड़ी "गिर्दा"

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
घुघुती नि बासा, आमे कि डाई मा घुघुती नि बासा,
घुघुती नि बासा ssss, आमे कि डाई मा घुघुती नि बासा।
तेर घुरु घुरू सुनी मै लागू उदासा,
स्वामी मेरो परदेसा, बर्फीलो लदाखा, घुघुती नि बासा।

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