Prayag Pande
कुमाऊनी लोक गीत और संगीताक रसिकों लिजी आज एक भौते पुराण प्रसिद्ध लोक गीत चै लै रयुं |आपूं आज य कृषि सम्बन्धी लोक गीतक आनन्द लीजियो ...............
ए संज्या झुकि गेछ भगवान , नीलकंठ हिवाला |
ए संज्या झुकि गेछ हो रामा, अगास रे पताला|
ए संज्या झुकि गेछ भगवाना ,नौ खंडा धरति मांझा|
नौ खंडा धरति हो रामा , तीन हो रे लोका |
के संज्या झुकि गेछ भगवाना ,के संज्या झुकि गेछ |
के संज्या झुकि गेछ रामा ,कृष्ण ज्यु की द्वारिका |
हो के संज्या झुकि गेछ हो रामा , यो रंगीली वेराटा|
के संज्या झुकि गेछ भगवाना , यो पंचवटी मांझा |
के संज्या झुकि गेछ हो रामा ,रामाज्यु की अजुध्या |
के संज्या झुकि गेछ भगवाना , कौरवुं को बंगला |
के संज्या झुकि गेछ हो रामा ,यो गेली समुन्दरा|
के संज्या झुकि गेछ भगवाना ,पंचचुली का धुरा |
के संज्या झुकि गेछ हो रामा ,हारीहरा हरिद्वारा|
के संज्या झुकि गेछ भगवाना ,सप्ता रे सिन्धु ,पंचा रे नंदा |
ए संज्या झुकि गेछ हो रामा ,सुनै की लंका धामा ||