पहाड़ सवारने का संकल्प
तारा रम - पम, तारा रम पम, तारा रम - पम, तारा रम पम,
हम भी कै से हम नि छावा, कम नि छावा हम
तारा रम - पम, तारा रम पम, तारा रम - पम, तारा रम पम,
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स्कूल छन धारु मा, बाणु मा, लैट नि च घरु मा, घरु मा
पड़ लिखे मा फिर भी कै से कम नि छावा हम!
तारा रम - पम, तारा रम पम, तारा रम - पम, तारा रम पम,
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घास नि छ बाणू मा... बाणु माँ, पाणि नि छ गौउ मा ... गौउ मा ...
डाल्यू येंच डानडियो बीच, डाली - बौटी लागुला हम
तारा रम - पम, तारा रम पम, तारा रम - पम, तारा रम पम,
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पहाड़ मा बेकारी च ... बेकारी छ .. भैर जाण लाचारी छ .. लाचारी छ
काम धंदा कुछ भी नि , कनकी इखी रुला हम
तारा रम - पम, तारा रम पम, तारा रम - पम, तारा रम पम,
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जवानी की उमंग मा.. .उमंग मा, सौजडियो को संग मा ... संग मा.
अपनी माटी- अपनी धरती.. स्वर्ग बनौला हम..
तारा रम - पम, तारा रम पम, तारा रम - पम, तारा रम पम,
( मेरी प्यारी बोई फ़िल्म का यह गीत )
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