Author Topic: Lyrics Of Uttarakhandi Songs - कुमाऊंनी एवं गढ़वाली गीतों के बोल  (Read 215927 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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हीरा सिह राणा जी यह गाना जिसके बोले यहाँ पर सविता नेगी जी उपलब्ध कराये है

सुरा- शराबैल हाय मेरी मौ , लाल कै दी हो,
छन डबलौं ठन ठन गोपाल कै दी हो,

न पिये न पिये कोय सबुले , कैकी नि मानी ,
साँची लगौनी अकला- उम्र दघोङी नि आनी,
अफ्फी मैले अफ्फु हैणी जंजाल कै दी हो,
छन डबलौं ठन ठन
गोपाल कै दी हो ,

बुड बड्यो जे जात खैदी घरवाई जीवर,
पेट खैदी नान तिना कौ गोठ्का डंगर,
कां छि मैं थोकदार येल कंगाल कै दी हो,   
छन डबलौं ठन ठन
गोपाल कै दी हो ,

अब पियूँ ? क्ये छवादू ? जवां खुन चुसीगो,
गौं गाङाका  कूने छे योंक खूंट बुस्यिगो ,
भल भलों का येल बड बुर हाल कै दी हो,
छन डबलौं ठन ठन
गोपाल कै दी हो ,

Mukesh Joshi

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जय चक्रबंदनी  जोग माया खप्परभरनी
तू ही चामुंडा शैलपुत्री नंदा इंगला पिंगला दैत्याधाविनी
महानारी चंद्रघंटिका महाकालरात्रि कालीमाता
जब देवतों को अत्यचार हुए तब त्येर माता को जन्म हुए
राज राजेश्वरी गोरजा भवानी चमन्कोट चामुंडा
श्री शक्लेश्वर कार्तिकेय श्री देवी दैन्य संघारे
श्री गणेशाय नमः जाए नमः उद्हारिणी पिंगला महेश्वरी
महेश्वरी दैत्यधाऊ गेमन मिचाऊ तब त्वे देवी कै जाप सुनाऊ       

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला
जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला
जय बोला तेरी जय बोला
जय बोला तेरी जय बोला
बल गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला
हाँ  गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला


जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला


बेली बधान माता बल तेरा मैती होला
बेली बधान माता बल तेरा मैती होला
मल बधान जालू माँ नंदा जी को डोला
शिव कैलाश जालू माँ नंदा जी का डोला

सिद्धपीठ नौटी से चले राज जात
त्येर मैतार नौटी से चले राज जात
नन्द केसरी में हौला गढ़ कुमो का साथ
नन्द केसरी में हौला गढ़ कुमो का साथ

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

११  वर्षा पुजा हूनी  वैदिनी का ताल
११  वर्षा पुजा हूनी  वैदिनी का ताल
देख तेरा हाथून हवे राज्ञसू को काल
देख तेरा हाथून हवे राज्ञसू को काल

बारहू साल में त्येर चौसीघा हवे खांडू
बारहू साल में त्येर चौसीघा हवे खांडू
बान गो माँ भाई त्येरु देवता रे दुलातु
बान गो माँ भाई त्येरु देवता रे दुलातु

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

रजा कनकपाल न चंदपुरान बती
रजा कनकपाल न चंदपुरान बती
कन्नोज का राजा छाणी दैज देन भेटी
कन्नोज का राजा छाणी दैज देन भेटी

१ बार ऊ भी बल माला खून ग्येन
१ बार ऊ भी बल माला खून ग्येन
अरे येन भग्यान हवेन नि घर बोडी एइन
अरे येन भग्यान हवेन नि घर बोडी एइन

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

अध बाटा मलानी कुपुत्र हून ल्हेगे
अध बाटा मलानी कुपुत्र हून ल्हेगे
नर संहार ह्वेगे माता कुचील हवे गे
नर संहार ह्वेगे माता कुचील हवे गे

तब से नार का कालू  न बनी रूप कुंद
तब से नार का कालू  न बनी रूप कुंद
माँ कु श्राप ल्हेगे बची अस्थि और मुंड
माँ कु श्राप ल्हेगे बची अस्थि और मुंड

 जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

भद्रेस्वर निस्मा चा कडू रो को धाम
भद्रेस्वर निस्मा चा कडू रो को धाम
६ मेहना बवून ६ दसौली का नाम
६ मेहना बवून ६ दसौली का नाम

पडो हो नंदा कु बल पैलू कुल सारी माँ
पडो हो नंदा कु बल पैलू कुल सारी माँ
जख बिराज मान चा भगवती काली माँ
जख बिराज मान चा भगवती काली माँ

 जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

रूप कुंद पित्रू तर्पण दिए जांदु
रूप कुंद पित्रू तर्पण दिए जांदु
होम कुंद खाडू चौसिंघ पूजी जांदु
होम कुंद खाडू चौसिंघ पूजी जांदु

माता ९ दुर्गा की पुनि आरती पूजा देना
कैलाश की और चौसिंघ पाठी देना
 

Meena Rawat

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wao bahut acha laga .....well done..

हेम पन्त

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नरेन्द्र नेगी जी की एल्बम "माया कु मुंडारु" का गाना..... orkut पर नेगी कम्यूनिटी के सदस्य मनोज नेगी और योगेश भाई के सौजन्य से
इसमे नयी नयी शादी शुदा वाली नारी का दुःख को प्रकट किया गया है, जिसका आदमी शादी करके अपनी नौकरी पर दिल्ली गया और अभी तक अपने घर वापिस नहीं आया है, वह औरत दिल्ली से आये किसी अन्य युवक से अपने पति के हाल-चाल जानने को उत्सुक है.. बङा अर्थपूर्ण और मार्मिक गाना है, एक बार फ़िर नेगी जी ने "पलायन" की समस्या पर अपनी सशक्त कलम चलायी है...

हे दिल्ली वला दयुरा, हे दिल्ली वला ...........
हे दिल्ली वला दयुरा, तेरा भेजी भी दिखेंदिनी रे कभी आन्दा जांदा..२

चोंठी मा तिल वाली भोजी, चोंठी मा तिल वली.......
चोंठी मा तिल वली भोजी हुन्दू क्वी अता पता भेजी कु त खोजी ल्यान्दा....2
हे दिल्ली वला दयुरा, तेरा भेजी भी दिखेंदिनी रे कभी आन्दा जांदा..

भंडी बरस व्हेगीन यून्की, चिट्ठी पतरी ना खबर सार ....2
नयु- नयु ब्यो व्हे छो हमरू, छोड़ी चली गीन घरबार
चोंठी मा तिल वली भोजी हुन्दू क्वी अता पता भेजी कु त खोजी ल्यान्दा

मैं शक-सुभा हूनू भोजी फड़कणी च आँखी मेरी....2
भेजी मेरु रशिलू मिजाज, क्वी बाँध ना हो तख धेरीं

हट ठठा ना कर भे दयुरा, स्यना त नि छिन तेरा भेजी
छोवं आश मा कभी त ल्याली, मेरी खुद तों खेन्ची खेन्ची
हे दिल्ली वला दयुरा, तेरा भेजी भी दिखेंदिनी रे कभी आन्दा जांदा..

तू फिकर ना कर बो पंछी, कख जालू घोलू छोड़ी
बाटू बिरर्युं च भेजी, ए जालू त्वेमा बोड़ी
चोंठी मा तिल वाली भोजी, काटेनी तिन भी दिन याखुली रून्दा रून्दा...


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Mukesh Joshi

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मंगलेश डंगवाल जी का के गीत एल्बम = सिल्की बांद
द प्रभो ओ sssssssssssssssssssssss
तुम्हारी छत्र छाया मा सिल्की बांद की प्रेम माया मा यना ह्वेनी हॉल
मेरी आँखी रोई -रोई  की हुवे नि लाले ऐ sssssssssssssssssssss
नौ हाथ नौ बेध दिवा जसी बर्फ रंग गोरु
सुणी याली मेरी माँ
मैन जाण सिल्की बांद का धोरो ओ ssssssssssssssssssssssssss
सिल्की धनिया को बीज
बांद धनिया को बीज, दुनिया देखली बांद छै क्या तू छीज
                             

manjkholayogi

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ek netaji apni mahima ka gungan kar rhe hain

दारू नि पेंदू मी हे राम राम रम रम रम रम-2
शिकार नि खान्दू सिरी सिरी
नेता समाज सुधारक छौंउ
भज गोविन्दम भज हरी

भज गोविन्दम भजो हरी हे प्रभु अब त्वी रक्षा करी-2(ch..)

तुमरै गुटयारौ गोर छौं मी-2
गोट डल्यां जरा देख चरी

गोट डल्यां जरा देख चरी(ch..)

जाती कु ठाटी कु भीतर कु भैरा कु
खाऊ आर बौ कु ख्याल करी
दारू आर कच्मोली तुमन ही खाण -2
तुमारी जीत च जीत मेरी
भाज्गोविन्दम भजो हरी

भज गोविन्दम भजो हरी हे प्रभु अब त्वी रक्षा करी-2(ch..)

फिकर नि कर हे दरिद्र नारें-2
लोन मंजूर करौलू तेरु

लोन मंजूर करौलू तेरु,कर्ज मंजूर करौलू तेरु(ch..)

तेरी गरीबी की गवई दयोलू
ऐंसु भी हॉल लागैदे मेरु
गंत्खुला दयेजा कर्जा लिजा-2
आँखा बुजी अंगोठु धरी
भज गोविन्दम भज हरी

भज गोविन्दम भजो हरी हे प्रभु अब त्वी रक्षा करी-2(ch..)

बाबा अर दादा भी नेता छा मेरा-2
मी भी छौं औलाद बिराली

मी भी छौं औलाद बिराली-2(ch..)

नेतागिरी कु ठेक्का लियुं चा
लाख जोड्यावा लाख दया गाली
यी जोनिम भी वी जोनिम भी-2
नेता छों नेता ही रौलू मरी
भज गोविन्दम भज हरी

भज गोविन्दम भजो हरी हे प्रभु अब त्वी रक्षा करी-2(ch..)

कड़ी पैरी पैरी छाला पोडयान-2
धरना हड़तालून टूटीन भट्युड़

धरना हड़तालून टूटीन भट्युड़-2(ch..)

भासण देखी जीव छणेगी
गाली सुनी सुनी फूटीनि कंदुड़
ख़ुर्शि का खातिर मरी मिति जौलु-2
छोड़ी नि सकुदु नेतागिरी
भज गोविन्दम भज हरी

भज गोविन्दम भजो हरी हे प्रभु अब त्वी रक्षा करी-2(ch..)

गरीबु की सेवा कु बर्त लियुं चा-2
नेता भी छौं ठेकादार भी छौं

नेता भी छौं ठेकदार भी छौं(ch..)

ब्योला ब्योल्युं को बल्द भैन्स्युं को
ब्योपारी गलेदार भी छौं
सभी कुछ छौं पर मनखी नि छौं मी
देवता बन्यु छौं घडेलु धरी
भज गोविन्दम भज हरी
दारू नि पेंदू मी हे राम राम रम रम रम रम-2
शिकार नि खान्दू सिरी सिरी
नेता समाज सुधारक छौंउ भज गोविन्दम भज हरी

भज गोविन्दम भजो हरी हे प्रभु अब...-2(ch..)

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Rajen

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Good song.  Thanks Yogesh ji.

Rajen

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छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं
by गोपाल बाबू गोस्वामी


हिमाला को.........
हिमाला को....
हिमाला को उंचा डांडा, प्यारो मेरो गांव,
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं ।
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं॥   हिमाला को.....हिमाला को..

यो भुमि जनम मेरा, माधोसिंह मलेखा
यो भुमि जनम मेरा, माधोसिंह मलेखा,
गबर सिंह, चन्दर सिंह, आजादि का पैदा.
मिटायो जुलम तैको, दिखायो उजायो
मिटायो जुलम तैको, दिखायो उजायो..
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं॥   
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं॥    हिमाला को.....हिमाला को..

गोरिया अवतारि देवा, द्वि भाइ रमौला
हिट्ज्यु भुमिया देवा, भोलू गंगनाथा
जनमि अवतारि नंदादेबि रे कल्याणू
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं॥   
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं॥    हिमाला को.....हिमाला को

Rajen

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एक कर्णप्रिय गीत (नेगी जी द्वारा) 
मेर डण्डि कण्ठियों का मुलुक


मेर डण्डि कण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त रितु मा जैयि -२
हैर बण मा बुराँसि का फूल, जब बण आग लगाण होला..
पीता पखों थैं फ्योलिं का फूल, पिन्ग्ला रंग मा रंग्याण होला ..
ळाइयां पैयां ग्वीराल फूलु ना-२, होलि धर्ति सजि देखि ऐइ …
बसन्त रितु म जैयि…
मेर डांडि....


रन्गील फागुन होल्येरोन कि टोलि, डांडि कांठियों रंग्यणि होलि...
कैक रंग म रंग्युं होलु क्वियि, क्वि मनि-मन म रंग्श्याणि होलि..
किर्मिचि केसरि रंग कि बाढ-२, प्रेम क रंगों मा भीजि ऐइ...
बसन्त रितु म जैयि….
मेर डांडि....


बिन्सिरि देय्लिओं मा खिल्दा फूल, राति गों-गों गितेरुं का गीत...
चैता का बोल, ओजियों का ढोल, मेरा रोंतेला मुलुके कि रीत...
मस्त बिग्रैला बैखुं का ठुम्का-२, बांदूं का लस्सका देखि ऐइ....
बसन्त रितु म जैयि...
मेर डंडि....


सैणा दमला र चैतै बयार, घस्यरि गीतों मा गुंज्दि डांडि...
खेल्युं मा रंग-मत ग्वेर छोरा, अट्क्दा गोर घम्डियंदि घंडि..
वखि फुन्डे होलु खत्युं मेरु भि बच्पन, -२ ऊक्रि सक्लि त ऊक्रि कि लैयि...
बसन्त रितु म जैयि...


मेर डण्डि कण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त रितु मा जैयि -२

Mukesh Joshi

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ईखी ई प्रथ्वीम येही जनमा, देखि त छै च कख देखि होली
रूप सी बांद ज़्व बसीगे मन मा ,देखि त छै च कख देखि होली
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...२
                        चोरी कखड़ी बिराणी सगवडी की सी ...छै व्
                        सवादी यनी की पैणा की पकोड़ी सी ....छै व्
                        कांडो का बोट मा हिसला गोंद सी ...
                                          पिंडाला पात मा ओंस की बूंद  सी .......
                                          कख देखि होली
                        सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...२
दाना दीवाना की ब्याव की गाणी सी ... छै व्
रूडी यू का दिन मा छोया कु पाणी सी ...छै व्
बादलो बीच मा जुन्यी झलक सी
दाता का मुख मा मंगत्या की टक सी
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...२
                      हियुन्द का दिनों मा घाम निवाती सी छै व्
                      बाला की मन की स्याणी दूध भाती सी छै व्
                      मर्चायाणा खाणा मा खीर जन मीठी सी
                      दूर परदेश मा घर की चिठ्ठी सी
                      कख देखि होली
                      सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...२
ब्यो -बरातियु मा स्याली यू की गाली सी छै व्
नाती -नातेणों पर दादी अंग्वाल सी छै व्
भूखा का अगड़ी भोजन थाली सी .
चोका का तिरवली नारंगी डाली सी
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...२
                     सोना की गोला मा मोती यो की माला सी... छै व्
                     पाणी की तोली मा जून ओंज्वाल सी ....छै व्       
                     ओंसी की घन -घोर रात मुछियाल सी
                     अँधेरा मन मा आस उजयाली सी
                     कख देखि होली
                     सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...२

 

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