दिल्ली वाला दयूरा - दिल्ली से आये हुए पङोसी देवर से एक महिला अपने पति के समाचार जानने को उत्सुक है.
हे दिल्ली वाला दयूरा, तेरा भैजी भी दिखेदन कभी त्वे आंदा-जांदा -२
चौठी मा तिल वाली भोजी,होन्दु कुई अता-पता भैजी कु त ढूढी ल्यान्दा-२
हे दिल्ली वाला दयूरा, तेरा भैजी भी दिखेदन कभी त्वे आंदा-जांदा -२
भंडी वर्ष ह्वे गनी उंकी,चिठ्ठी पत्र न खबर सार
नयु-नयु ब्यो हो छो हामरू छोड़ी चलगेनी घर बार
हे दिल्ली वाला दयूरा, तेरा भैजी भी दिखेदन कभी त्वे आंदा-जांदा -२
चौठी मा तिल वाली भोजी,होन्दु कुई अता-पता भैजी कु त ढूढी ल्यान्दा-२
मै शक -सुभो हूणों भोजी ,फडकणी च आँखी मेरी
भैजी मेरु रशिक मिजाज क्वी बांद न हो तख धारी