Author Topic: Lyrics Of Uttarakhandi Songs - कुमाऊंनी एवं गढ़वाली गीतों के बोल  (Read 215920 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उत्तराखंड से पैत्रिक संभंध रखने वाले, भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिह धोनी पर यह गाना, उनके चाहने वालो ने बनाया है:

स्वर :   मीना राणा, तोम्क्याल और अन्य साथियों का "

एल्बम का नाम :  धोनी तेरो हाय कमाल, (हिमाल पर)

धोनी तेरो हाय कमाल
धोनी तेरो हाय कमाल
सारी दुनिया का हैरा भेर
करी गेछे तो हाय कमाल

            कोरस

             धोनी तेरो हाय कमाल
            धोनी तेरो हाय कमाल
            सारी दुनिया का हैरा भेर
            करी गेछे तो हाय कमाल

भारत की लाज धरि समाली छो कामान
पाकिस्तान के हैरा भेर, वै कर गेछे तो बबाल .... २.

                    धोनी तेरो हाय कमाल
           धोनी तेरो हाय कमाल
           सारी दुनिया का हैरा भेर....
                   करी गेछे तो हाय कमाल


२०-२० बाद, ONE डे क ले बन गेछे कप्तान
सब की नजर मे तू बनी गेछे महान
चक दे इंडिया हुनरी रे. तू सभाल अब कमान

           सारी दुनिया के हैरा ....
                   करी गेछे तो हाय कमाल
                   धोनी तेरो हाय कमाल
           धोनी तेरो हाय कमाल
           सारी दुनिया का हैरा भेर
 

चौका मारी छक्का मारी, जाणी कदी रन तेरो नाम
जब तो खेलन उन्छे, सभी की रुक जाछे सास
हमेशा तू कर जान्छे, कुछ कुछ धमाल

              सारी दुनिया के हैरा ....
                        करी गेछे तो हाय कमाल
                       धोनी तेरो हाय कमाल
             धोनी तेरो हाय कमाल

             सारी दुनिया का हैरा भेर....
                       करी गेछे तो हाय कमाल

झारखण्ड की तू शान उत्तराखंड क है तू जान
गोलू जियू क करिए ध्यान..

                   धोनी तेरो हाय कमाल
           धोनी तेरो हाय कमाल
           सारी दुनिया का हैरा भेर....


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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चौमास यानी पहाडो मे वर्षा ऋतू में जब धरती हरी भरी हो जाती उस पर यह गाना :

ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे
ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे

            तीसाई धरती की तीस भुझे गे
        ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे

ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे
ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे

          लस्कारी घस्यरी, घास को ज्ञानी
          बरखा, बतुयुनी मा उडियार लुकीनी
           रूजी गे दीदा पतरोल पहुची गे

ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे
ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे

            पैजेड़ बदीगे,  कखेदी मुकोरी
            फोल्यार ल्ग्यान चिच्डा गुदेडी

ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे
ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Singer Narendra Singh Negi

Ablum :  Maya ko Mudaro

देवभूमि को नौं बदलि, बिजली भूमि कर्याली जी
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी
डामुन डाम्यालि जी, सुरंगुन खैण्यालि जी
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी.....

नदि-नयाल, खाल, धार, हवा-पानि बेच्यालि जी
जल जंगल जमीनु का पुश्तैनी हक छिन्यालि जी...
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी.....

व्योपारि ह्वै गैनि नेता सरकार सौकार जी
कर्ज कि झीलों मां यूं न जनता डुबा ह्यालि जी
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी.....

गंगा, जमुना गोमति कोसी जीवन देण वालि जी
बिजली का तारो मां हमरो जीवन टांगि हालि जी
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी.....

हमारा घर, कुङि-पुंगङि, बणों मां बिजलि घर बणालि जी
जनता बेघरबार होलि सरकार रुपया कमालि जी
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी.....[/
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Narendra Singh Negi Ji song on 12 month of year and working. Album Burash.

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रूठी  पकी  जवादी  चुना  की , हरी  बोला   जी
हरी  बोला   जी
हरी  बोला   जी
रूठी पकी  जवादी  चुना  की , हरी  बोला  जी
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

चैत  का महना , चोरी  न  कियां , चोरी  की  चीज  न  छुइयाँ   -2
प्यारु  छ  महना ,  बैसाख  बिना , बीडी  तम्बाखू  धुवां
कालू  भैसू , कलेजू  बैथालू , खांसी  पडली  भ्वेइआन
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

जेठ जेथैयाँ , दें  छ  धनदो , जब  बांट  बतियाँ  -2
महना अशाद , बात  बिगाड़ , जी  तेरी शादी   न  हियाँ
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

सौंण भी  सौंण  झादिकी  लागौना , सुधि  नि  सेय्नु  भ्वियाँ  -2
भाग  भदैयां , काग  बिरिया , भाई  भैयुं  मा चुईयाँ
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

अशौज  असुज , तू  रेहंदु  बेबूझ , दिन हरी भजिया  -2
प्यारी  छ  रात , कार्तिक मॉस , कलि  कमली  ओढ़ना  बिचैयाँ
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

आलू  मंगसीर , रहनु   धन्ग्सीर , उध्मतु  न  हियाँ  -2
पूष  छ  प्यारु , पीयान  ना  दारु , दारु  दरोल्या  ना  हियाँ
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

मागु  रे  मागु , रांड  को  लागु , धर  धरून  न  जियान  -2
देख्की की  बहनी , महना  फागुनी , धान  कमानी  नि  लानी  लगनी  नि चुइयाँ
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जीji
दा बोला
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी
 
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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ललित मोहन जोशी जी की गीत माला 'मीठी तेरी बोली ' का एक कर्ण प्रिय गीत

ब्रह्मचारी छी मै कमु त्वीले बिगाडी
ब्रह्मचारी छी मै कमु त्वीले बिगाडी
दिन मेहन त्वील मेरी नींद उडाई
दिन मेहन त्वील मेरी नींद उडाई

९ मेहन ड्यूटी मीले कैसी निभायी
३ मेहन छुट्टी मीले कैसी बिताई 
ब्रह्मचारी छी मै कमु त्वीले बिगाडी
ब्रह्मचारी छी मै कमु त्वीले बिगाडी
दिन मेहन त्वील मेरी नींद उडाई
दिन मेहन त्वील मेरी नींद उडाई

डाकिया दाज्यू आई चिट्ठी नि लायी
याद आई जब ले तेरी आंसू बहाई
ब्रह्मचारी छी मै कमु त्वीले बिगाडी
ब्रह्मचारी छी मै कमु त्वीले बिगाडी
दिन मेहन त्वील मेरी नींद उडाई
दिन मेहन त्वील मेरी नींद उडाई

रुद्राक्ष की माला मेरी कि ले छुडाई
बरसो की तपस्या त्वीले पल में मिटाई
ब्रह्मचारी छी मै कमु त्वीले बिगाडी
ब्रह्मचारी छी मै कमु त्वीले बिगाडी
दिन मेहन त्वील मेरी नींद उडाई
दिन मेहन त्वील मेरी नींद उडाई

काम धंध के दिन छुट्टी मी उनो
२ मेहन छुट्टी मीले संग बितून
ब्रह्मचारी छी मै कमु त्वीले बिगाडी
ब्रह्मचारी छी मै कमु त्वीले बिगाडी
दिन मेहन त्वील मेरी नींद उडाई
दिन मेहन त्वील मेरी नींद उडाई

Provided by Himanshu Pathak in portal

Devbhoomi,Uttarakhand

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ये गाना अभी अभी आया है इसको स्वर दिय है उभरते गायक गजेन्द्र राणा और मीना राणा ने , दुरु पर्देसू छौं तुमु अपणु ख्याल रख्यान

बरखा हवेली बत्वानी होलू रै, छौया मन्दारों कु पाणी होलू रै
जाली सुवा घासु का डांडीयों मा, मन विन्कू खुदेणु होलू रै !!

            धरयों खांदा मा चाकू कितलू, चुल्ला मा भावरानी च आग !
            छन स्वामी परदेश मा देवतों, रख्या राजी तुमु मेरु सुहाग !!

मेरी प्यारी उदास न होई ,मैं छुटी का अरज देणु छौं !
लगदा मंगसीर का मैना,मेरी प्यारी मैं घोर ऑनु छौं !!

            लगी सौणकी  कुरेडी  रोला गदरियों मा ,हौंदु सिंस्याट !
            घुट घुट लगदी च बडुली, दिल मा हौंदु धक् धक्द्याट    !!!

बौन पंछी , गाड गद्नियों ,मेरी प्यारी खुदेनं न देना !!
होली घासु क जांई बाणु मा तुमु सौं छन वीं रौन न देना !!!

            सेवा सौंली, राजी खुसी अपणी तुमु फ़ोन मा दी दयान!
            बाटु देखुलू मंगसीर क मैना ,स्वामी घोर जरूर अयान !!

प्यारी कन क्वे कटेला यी दीन,मेरु त्वेसी बिछाडाट करयों च !
बाकि पर्देसू नौकरी क बानाघर गाँव गुठयार छोडीयूँ च !!!!

             पर्देसू मा अफु रयान , मेरा बाना नि मन झुराण!
            मैं जन्नी छुओं ,अपणाघोर  मा स्वामी तुमु अपणु ख्याल रख्यान!!!

सुवा तू अपणु ख्याल रख्यान , बरखा होली बत्वानी होलू रै चौया मंद्रों कु पाणी होलू रै!
जाली सुवा घासु क डंडियों मा, मन विन्कू खुदेणु होलू रै !!!!



Risky Pathak

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ललित मोहन जोशी जी की गीत माला 'मीठी तेरी बोली ' से 'गोल्ज्यू देवता' पर एक गीत|


हे देवा तू दैण है जाए देवा हो|
तू दैण है जाए देवा हो|
भूमि का भूमिया देवा हो|
भूमि का भूमिया देवा हो|

जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार

दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|

निर्धन कै तू धन दी छे, बाझँ कै दी संतान
४ धाम में छे त्येर नाम, हाथ जोड़ी करू परनाम
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|

जागीश्वर में छू जागनाथ, सारी दुनिया ल्थामी हात
बागीश्वर में छू बाघनाथ, पवित्र छू सरयू की घाट
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|

दूनागिरी में छू दुर्गा माता, महा काली छू गंगोली हाट
पांखू थल में कोटगारी माता, चंडी का धाम बसी छू घाट
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|

तेरी दरबार जो औनि देवा, उके मिल जानी तेरी मेवा
अन्याय के नाश करी छे, न्याय को छो यो तेरी दरबार
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|

Risky Pathak

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ललित मोहन जोशी जी की गीत माला 'दिल कैसी थामुला ' से एक गीत|

मन मेरो ने लागन त्येर बिना
परदेश मुलूक, परदेश मुलूक
मन मेरो ने लागन त्येर बिना
परदेश मुलूक, परदेश मुलूक

दिल मेरो नै लागनी सुवा हो, तेरी याद मै सतुनो
दे दिए मेरो प्यार, मै करुलो इंतज़ार
मै करुलो इंतज़ार सुवा हो
मन मेरो ने लागन त्येर बिना
परदेश मुलूक, परदेश मुलूक

सुवा हो कैसी है रे छे, सुवा बाटुली लगो छे
यो बात मै नी जान, दिन है रे धो काटन
दिन है रे धो काटन सुवा हो
मन मेरो ने लागन त्येर बिना
परदेश मुलूक, परदेश मुलूक

रात मै तू सैण आई, मेरी आख्नो में समाई
त्वीले सार नींद चुराई, क्वे सन्देश नि आई
क्वे सन्देश नि आई सुवा हो
मन मेरो ने लागन त्येर बिना
परदेश मुलूक, परदेश मुलूक

Pawan Pahari/पवन पहाडी

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कमला ओ कमला कमाल देखि छे, तू जुनेली रातों की चाँद देखि छे.
बसंत ऐगोछो बुरुस फुलिगे , बुरुसी के फूलों जय बाण देखि छे ,  तू जुनेली रातों की चाँद देखि छे.
कमला ओ कमला.....................................................................

हेम पन्त

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स्व. ब्रजेन्द्र लाल शाह उत्तराखण्ड के प्रमुख रंगकर्मी, संगीतकार व गीतकार थे. मोहन उप्रेती जी के साथ मिलकर इन्होंने ही "बेङू पाको बारामास" गाना तैयार किया था. उन्हीं के द्वारा लिखा गया यह नातिणी-बङबाज्यू (नातिनी-दादा) का संवाद बालमन की आकांक्षाओं और वृद्धावस्था की विवशता को बखूबी उजागर करता है. इस सुन्दर रिश्ते को मजबूती देनी वाली भावनाओं को दर्शाने के लिये इससे अच्छा गीत नहीं लिखा जा सकता.

   
नातिणी-बङबाज्यू संवाद

नातिणी
बङबाज्यू

उत्तरैणी कौथिग ऐगो ओ बङबाज्यूI
थर थरानै पूस न्हैगो ओ बङबाज्यूII


होई नातिनी मैं लकी बजार जूँलो
तेल, तमाख, लूंण, गूङ मोल ल्यूँलो


ओ बङबाज्यू! धोति तुमरि बगि रै छो
आग लागौ सुरयाल मांजि नाङो नै छो


ल्या नातिणी मेरि फतोई टाल हालि दे
मेरि कुथई घर-कुटा तमाखुँ हालि दे


लियो बङबाज्यू यो आपुंणी ह्वाक लिजाया
बाट-घांट मे स्यांक्क-स्यांक्क दम लगाया

प्यास लागलि काँठि रिखु चबुनै रैया
भूख लागलि यो भुटिया भट बुकाया


पाँज नातिणी त्यौर सामल काम आलो
मरण बखत यो बुङो आब भट बुकालो


ओ बङबाज्यू! आजि बताओ के के ल्याला?
तुम तो बुबु! भुलि जैं जाँ छाँ यै बुङियांकाला


लाल मुखीया, बानर को पोथो ल्यूँलो
वी दगाङा त्वै खण्यूंणी को ब्या करूँलो


पलि कै जाओ मी तुमूं थैं नी बोलूंलो
जो कौतिकी बाना ल्याला पार चोटयूँलो
 

यह पंक्तियां वार्षिक प्रकाशन "पहाङ" के 12वें अंक में गिरीश "गिर्दा" तिवारी द्वारा ब्रजेन्द्र लाल शाह जी की स्मृति में श्रद्धांजली स्वरूप लिखे गये लेख से साभार ली गई है.

 

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