Author Topic: Lyrics Of Uttarakhandi Songs - कुमाऊंनी एवं गढ़वाली गीतों के बोल  (Read 215907 times)

renu rawat

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dever bhabhi ka geet ..narender singh negi ji ki SURMA-SARELA SE.

bhauji--byali ik chandi ku  taar si dikheni latliyu ma
         diura chandi ku ik taar si dikheni latliyu ma
diurji-abhi th hiyun podalu bhauji hiyun podalu
        abhi th hiyun podalu bbhauji hiyun jaamalu..

bhauji--daruni umer ch yanu hensi na udawa diurji-2
diurji--abhi th aina hensalu bhauji aina hesalu-2

bhauji--aisu aji tak basant kiley ni ao holu.]
          diura aji tak basant kiley ni ao holu.
 diurji--aji th mo tutalo fir fagun lagalu.
         bhauji mo tutalo fir fagun lagalu

bhauji--rang pichkari na maar sukhi gaat ma
          diura pichkari na maara sukhi gaat ma
diurji--abhi th hiyo barkhalo bhauji hiyo barkhalo-2

bhauji--kandudi byani ch anboli baat sunini diurji-2
diurji--abhi th aankhi bolali bhauji jiya sunalo
        abhi th aankhi bachyali bhauji jiya sunalo

bhauji--aaj kiley ji holu kablaanu pran diurji-2
diurji--chitthi ni bheiji holi bheijin bheiji zhuranu holu-2

bhauji--binsari swapniyu tumhara bheiji dikheni diurji-2
diurji--saz dhaz lyawa bhauji bheiji chutti aanu holu-2
        saz dhaz lyadi bhauji bheiji ghor aanu holu..

Devbhoomi,Uttarakhand

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WAH RENU JI GRATE KYA BAAT HAI KAMAAL KAR DIYA APNE

renu rawat

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thanx ji.

actually time ki kami hai nahi to mujhe bhot saare geet likhne ka mann karta hai yahan..

mujhe negi ji ke saare geet bhot pasand hai...

Devbhoomi,Uttarakhand

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RENU JI APKA BAHUT BAHUT DHANYWAAD LEKIN RENUJI AAP KIRPAYA KARKE HUMARE LIYE OR HUMARI SANSKIRTI KE LIYE THOD SA APNA AMULYA SAMAY NIKAAL LIJIYEGA

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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This is the one of superhit song of Narendra Singh Negi Ji. The song is on Basant Ritu.

SINGER : N S NEGI & MENA RANA

==================================================
मेर डण्डि कण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त रितु मा जैयि -२
हैर बण मा बुराँसि का फूल, जब बण आग लगाण होला..
पीता पखों थैं फ्योलिं का फूल, पिन्ग्ला रंग मा रंग्याण होला ..
ळाइयां पैयां ग्वीराल फूलु ना-२, होलि धर्ति सजि देखि ऐइ …
बसन्त रितु म जैयि…
मेर डांडि....

रन्गील फागुन होल्येरोन कि टोलि, डांडि कांठियों रंग्यणि होलि...
कैक रंग म रंग्युं होलु क्वियि, क्वि मनि-मन म रंग्श्याणि होलि..
किर्मिचि केसरि रंग कि बाढ-२, प्रेम क रंगों मा भीजि ऐइ...
बसन्त रितु म जैयि….
मेर डांडि....

बिन्सिरि देय्लिओं मा खिल्दा फूल, राति गों-गों गितेरुं का गीत...
चैता का बोल, ओजियों का ढोल, मेरा रोंतेला मुलुके कि रीत...
मस्त बिग्रैला बैखुं का ठुम्का-२, बांदूं का लस्सका देखि ऐइ....
बसन्त रितु म जैयि...
मेर डंडि....

सैणा दमला र चैतै बयार, घस्यरि गीतों मा गुंज्दि डांडि...
खेल्युं मा रंग-मत ग्वेर छोरा, अट्क्दा गोर घम्डियंदि घंडि..
वखि फुन्डे होलु खत्युं मेरु भि बच्पन, -२ ऊक्रि सक्लि त ऊक्रि कि लैयि...
बसन्त रितु म जैयि...

मेर डण्डि कण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त रितु मा जैयि -२


P S :

May I request the Esteemed members to avoid other talk in any other thread, other than the topic as it may spoil the sweetness  / series of the thread. Hope u would not mind it.

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इस गाने को इसके अर्थ और सही बोलों के साथ यहाँ सुनें और वीडियो देखें..

http://apnauttarakhand.com/mera-daanda-kanthiyon-ka-muluk-narendra-singh-negi/


This is the one of superhit song of Narendra Singh Negi Ji. The song is on Basant Ritu.

SINGER : N S NEGI & MENA RANA

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मेर डण्डि कण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त रितु मा जैयि -२
हैर बण मा बुराँसि का फूल, जब बण आग लगाण होला..
पीता पखों थैं फ्योलिं का फूल, पिन्ग्ला रंग मा रंग्याण होला ..
ळाइयां पैयां ग्वीराल फूलु ना-२, होलि धर्ति सजि देखि ऐइ …
बसन्त रितु म जैयि…
मेर डांडि....

रन्गील फागुन होल्येरोन कि टोलि, डांडि कांठियों रंग्यणि होलि...
कैक रंग म रंग्युं होलु क्वियि, क्वि मनि-मन म रंग्श्याणि होलि..
किर्मिचि केसरि रंग कि बाढ-२, प्रेम क रंगों मा भीजि ऐइ...
बसन्त रितु म जैयि….
मेर डांडि....

बिन्सिरि देय्लिओं मा खिल्दा फूल, राति गों-गों गितेरुं का गीत...
चैता का बोल, ओजियों का ढोल, मेरा रोंतेला मुलुके कि रीत...
मस्त बिग्रैला बैखुं का ठुम्का-२, बांदूं का लस्सका देखि ऐइ....
बसन्त रितु म जैयि...
मेर डंडि....

सैणा दमला र चैतै बयार, घस्यरि गीतों मा गुंज्दि डांडि...
खेल्युं मा रंग-मत ग्वेर छोरा, अट्क्दा गोर घम्डियंदि घंडि..
वखि फुन्डे होलु खत्युं मेरु भि बच्पन, -२ ऊक्रि सक्लि त ऊक्रि कि लैयि...
बसन्त रितु म जैयि...

मेर डण्डि कण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त रितु मा जैयि -२


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इस गानो को यहाँ सुनें..इसका अर्थ देखें और वीडियो देखें...

http://apnauttarakhand.com/ghughuti-na-basa-gopal-babu-goswami/


घुघुती ना बासा, आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा ssss, आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।
तेर घुरु घुरू सुनी मै लागू उदासा
स्वामी मेरो परदेसा, बर्फीलो लदाखा, घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा ssss, आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।

रीतू आगी घनी घनी, गर्मी चैते की
याद मुकू भोत ऐगे अपुना पति की, घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा ssss, आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।

तेर जैस मै ले हुनो, उड़ी बेर ज्यूनो
स्वामी की मुखडी के मैं जी भरी देखुनो, घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा ssss, आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।

उड‌ी जा ओ घुघुती, नेह जा लदाखा
हल मेर बते दिये, मेरा स्वामी पासा, घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा ssss, आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।


Devbhoomi,Uttarakhand

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उत्तरांचल के हिमालयी क्षेत्रों में ढोल नेगी जी की गूंजती आवाज वादन की बहुत पुरानी और समृद्ध परंपरा रही है लेकिन समय के साथ ढोल का शास्त्र और इसे बजानेवाले कलाकार हाशिये पर जाने लगे थे.ऐसे में कुछ संस्कृतिकर्मियों और लोककलाकारों ने ढोल और सोलह ठेठ पहाड़ी साज़ों को मिलाकर अनूठा ऑर्केस्ट्रा तैयार किया है.अब तक इन साज़ों को अलग-अलग ही बजाया जाता था या ज़्यादा से ज़्यादा दो या तीन साज की जुगलबंदी होती थी.लेकिन पहली बार एक दर्जन से अधिक लोकवाद्यों को एक साथ एक जगह रख दिया गया है,ये गाना भी काफी पुराना है

रीधी कु सुमिरो,सीधी कु सुमिरो,सुमिरो सारदा माई,
अर् सुमिरो गुरु अभिनासी को,सुमिरो किशन कनाई!
 
सदा अमर या धरती नि रैन्दि,मेघ पड़े शुखी जाई,
अमर नि रैंदा,चन्द्र सूरज चुचा,गर्हण लगे छुपी जाई!

माता रोये जनम-जनम को,बहिन रोये छै मासा,
तिरिया रोये डेड घडी को,आन करे घर वासा!

ना घर तेरा न घर मेरा,चिडिया रैन बसेरा,
अस्ति घोड़ा कुटुंब कबीला रै चला-चली का फेरा!
रीधी कु सुमिरो सीधी कु सुमिरो,सुमिरो सारदा माई ,

सुन ले बेटा गोपीचंद जी बात सुनों चितलाई,
झूटी तेरी माया ममता,मति कैसी भरमाई!

कागज पटरी सब कोई बांचे करम न बांचे कोई,
राज घरों को राज कुवंर चुचा करणी जोग रमाई !
रीधी कु सुमिरो सीधी कु सुमिरो सुमिरो सारदा माई.
अर् सुमिरो गुरु अभिनासी कु सुमिरो किशन कनाई !

renu rawat

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Maachhi paani si jiyu teru meru hoMaachhi paani si
negi ji ka yugal geet bhot achcha hai


ladka-Maachhi paani si jiyu teru meru hoMaachhi paani si jiyu teru meru ho
      Maachhi paani si jiyu teru meru ho,
     Bina tero ni jiyendu, ni rayedu twe bina,

ladki-Diyu baati si jiye teru meru ho,
      Bina tero ni jiyendu, ni rayendu twe bina,

ladki--Din doobi dhaaru por-2, khud khewayin ae ghor ,
     Phir ankhiyun basgyal, phir umali umaal,
     Phir umali umaal suwa ho...............
    Bina tera ni thamdedu, ni thamedu twe bina

ladka--Machhi paani si...................

ladka--Ritu molyaar ki aaundi-2, phool daaliyun haisaundi,
   Bhandya barsun ma aesnsu , man boda mi bhi hansu
   Man bodu mi bhi hansu suwaa ho...........
  Bina tera ni haisandu, ni haisandu twe bina,

   Diyu baati si .........................

ladki--Paanda suchani siloti-2, ubra unghani zandari,
     Chowk tapraanu urkhyalu, baatu hairanu chulkhandu,
     Baatu hairanu chulkhandu suwa ho...............
   Bina tera ni jagadu, ni jagudu twe bina,

ladka--Machhi paani ................

ladka--Moari chaitwali gumdodi, geet maya ka sunodi,
      Man bodu mi bhi goun, goun khud bisroun
      Goun khud bisroun suwa ho................
      Bina tera ni gayendu, ni gayendu twe bina

ladki--Diyu baati si ..................

renu rawat

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भोल जबरी रात खुलली
नेगी जी के ये सदाबहार गीत न भुलाये जायेंगे न ही भूल सकता कोई, इन गीतों में एक अलग ही शाकून है,

भोल जबरी रात खुलली
धरती मा नयी पौध जमली
पुराना डाला खंगारा हवे की ,
नयी लग्ल्युं शाहरु दयाला
मी ता नी रोलु , मेरा भूलों , तुम दगडी ये गीत राला -2
भोल जबरी रात खुलली

इखी ये माटम जन्म्यु मी भी
मेरी भी रह ब्वोती अंग्वाल -2
धरा खेरी का सार नी मिलदी
में भी हिटू उन्धारी उंकाल -2
डालियुं कु छेल , और बाटो का गारा -2
मेरा हिटयां की गवेह दयाला
मी ता नी रोलु , मेरा भूलों , तुम दगडी ये गीत राला -2
भोल जबरी रात खुलली

बरखा बर्खाली , घाम चमकला
सुख दुःख आना जाना राला -2
उचिलियुं मा हेंस्दा खेल्दा ब्येटुला
देख्दा देख्ह्दा ब्वारी हवे जाला -2
भोल ये फुल्मुन्द्या सासु बनी की -2
नयी नयी ब्वारियुं रुवाला
मी ता नी रोलु , मेरा भूलों , तुम दगडी ये गीत राला -2
भोल जबरी रात खुलली

बस्ग्याल रूज , ह्युन्द कौन्पू
मिल भी सह रूधियुं की मार -2
मिल भी बरती ऋतू बसंत
में फरें भी आई मौल्यार -2
मिल भी के छे आस केह की -2
ये डंडा कांता छ्वें लागला
मी ता नी रोलु , मेरा भूलों , तुम दगडी ये गीत राला -2
भोल जबरी रात खुलली

मेरा भी अफडा पराया हर्चिनी
मेला थौलों मा अचान्चक -2
मी भी रोऊँ भाकोरा -भाकोरी
आन्स्युं आंख्युं मा रहनी जब तक -2
कौथिग यानी बी रेना राला -2
नया नया कौथिगाएर आला
मी ता नी रोलु , मेरा भूलों , तुम दगडी ये गीत राला -2
भोल जबरी रात खुलली

मिल भी सेंई फुलवा कांडा
गीत्वी माला गच्यानु कु -2
जन द्वे एक गीत मिल भी
गनेने रून्दो हेसानु कु -2
हैस्दारा जब बिसरी जाला -2
रौन्दारा रवे रवे की संभालना राला
मी ता नी रोलु , मेरा भूलों , तुम दगडी ये गीत राला -2
भोल जबरी रात खुलली

 

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