Author Topic: Lyrics Of Uttarakhandi Songs - कुमाऊंनी एवं गढ़वाली गीतों के बोल  (Read 215871 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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नेगी जी का ये गाना बड़ा ही मार्मिक और भावपूर्ण है, इसमें नेगी जी ने पहाडो की नारी की जीवन गाथा का वर्णन किया है, की हमारे पहाडों की नारी किस तरह से प्रीत की कोमल डोर की तरह हैं और पर्वत की तरह कठोर भी है.
प्रीत सी कुंगली डोर सी छिन ये
पर्वत जन कठोर भी छिन ये
हमारा पहाडू की नारी.. बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-2
बिन्सिरी बीटी धान्यु मा लगीन, स्येनी खानी सब हरचिन-२
करम ही धरम काम ही पूजा, युन्कई ही पसिन्यांन हरिं भरिन
पुंगड़ी पटली हमारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२
बरखा बतोन्युन बन मा रुझी छन, पुंगडा मा घामन गाती सुखीं छन-२
सौ सृंगार क्या होन्दु नि जाणी
फिफ्ना फत्याँ छिन गालोडी तिड़ी छिन
काम का बोझ की मारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२
खैरी का आंसूंन आंखी भोरीं चा,मन की स्याणी गाणी मोरीं चा -2
सरेल घर मा टक परदेश, सांस चनि छिन आस लगीं चा
यूँ की महिमा न्यारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२
दुःख बीमारी मा भी काम नि टाली,घर बाण रुसडू याखुली समाली-२
स्येंद नि पै कभी बिजदा नि देखि, रत्ब्याणु सूरज यूनी बिजाली
युन्से बिधाता भी हारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२
प्रीत सी कुंगली डोर सी छिन ये
पर्वत जन कठोर भी छिन ये
हमारा पहाडू की नारी.. बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-2

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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अपड़ी तों सरम्येली आंख्युं,
अपड़ी तों सरम्येली आंख्युं,
अपड़ी तों सरम्येली आंख्युं देखण दया जरा इना ता देखा
देखण दया जरा इना ता देखा
तुमारी समणी सरम च आणि,हम्तै भारी सरम च आणि
पैली तुम जरा उना ता देखा, हो पैली तुम जरा उन ता देखा
कब ताकि सरमाणी लुकणी राली ब्योली
कब ताकि सरमाणी लुकणी राली ब्योली
कभी ता आलू बसंत कभी ता हंसली फ्योली
रुखा डांडा हवे जला हैरा, रुखा डांडा हवे जला हैरा
जरसी तुम यूँ जना ता देखा, हो जरसी तुम यूँ जना ता देखा
तुमारी समणी सरम च आणि पैली तुम जरा उना ता देखा,
हो पैली तुम जरा उन ता देखा
सरम भी तुमारी चा आंख्युं मा तुमि,सरम भी तुमारी चा आंख्युं मा तुमि
जुक्डी मा तुमारी माया कुटी कुटी घुमी
भैर भितर तुमारी मूरत, भैर भितर तुमारी मूरत
क्या जी करा अब कना जी देखा, हो क्या जी करा अब कना जी देखा
अपड़ी तों सरम्येली आंख्युं देखण दया जरा इना ता देखा
हो देखण दया जरा इना ता देखा
छोड़ा देखणा छन लोग हाथ यनु ना खींचा
हमारा गों मा रिवाज सरमाणों कु नीचा
हो छोड़ा देखणा छन लोग हाथ यनु ना खींचा
हमारा गों मा रिवाज सरमाणों कु नीचा
दूर डांडीयूँ का पार लिजावा हमसाणी
चला उड़ी जौला द्वि का द्वि पंछी बणी
पंछी बणी पंछी बणी
डाल्युं का टुख बनौला घोल
सुख ही सुख होलू जाना भी देखा
हो सुख ही सुख होलू जाना भी देखा
————————————-
मेरी बेटुली मेरी लाड़ी लडयाली
मेरी चखुली मेरी फूलो की डाली ..२
आज स्य देखदे -द्खदा ,बिराणी हवे गे सैति-पाली..२
बाबा जी यकुली -यखुली कनु के की जोलु
हे माजी बीरण मुलुक कनु के की रोलु
अफु भी रोई मैती भी रुलेगे आज छके की
हेंस्दु- खेलदु घर सुन कैगे जिकुड़ी यो दुखे की
ख़ुद लगली भ्ये-ब्हेनो मैतियों की रोवए ना
उपरी मुल्क उपरी मनखीयो मा धीरज खोये ना
खूब फल -फूली मैतियों ना भूली ..२
मेरी आंखी यो की उजयाली
बिराणी …….. पाली
अपणु हवे की भी अपणु णी यो धन कन धन चा
याद ओदन तेरा खेल -खिलौना दिन बाला पन का
किल्क्वारी मारी ग्वाया लगाणु याद आणु चा
तुतले की तेरु बोलणु बचियाणु याद आणु चा
नवाई -तपाई गोल्याई हिटाई जिकुडा का काख सिवाली
बिराणी हवे गे सैति पाली
मुख ना लगी दाना सय्नो का प्रेम से रै ई
भल- बुरु जनु होलू भाग मा बेटी चुप सै लेई
अमर रया तेरु सुहाग ,सदनी सुखी सन्ति रै तू
द्वि घरो की छे लाज अपणु धर्म निभे तू
खूब फल -फूली मैतियों ना भूली ..२
मेरी आंखी यो की उजयाली
बिराणी …….. पाली

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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तु नौनि छै कमालै की (कोरस गढ्वाली गीत)
नौनू:-- हे भाना, ज्वानि च उकालै की,सोला सतरा साले की
बाटु बिरडी जायि ना, तु नौनि छै कमालै की….
तु नौनि छै कमालै की… तु नौनि छै कमालै की

नौनी:-- यु बाटु सुहा ढाल कु, कुमाऊ अर गढवाल कु
उन्द रौडी जायि ना, तु नौनु छै कमाल कु….
तु नौनु छै कमाल कु…. तु नौनु छै कमाल कु

नौनू:-- मठु-मठु कै हिट चुची, मेसि-मेसि कै रख खुटी
कमरि लच्कि जालि त, हकीम बुलौला कख बटी….
हकीम बुलौला कख बिटी,..हकीम बुलौला कख बिटी

बात च य हालै की, वल्या-पल्या छालै की
बाटु बिरडी जायि ना, तु नौनि छै कमालै की….
तु नौनि छै कमालै की…तु नौनि छै कमालै की…

नौनी:-- देखि-देखि कै रख खुटा, चिफुलु च यु बाटु चुचा
खस्स रौडी जायि ना, ढुन्गौ मा यख का उच-ऊचा.
ढुन्गौ मा यख का उच-ऊचा. ढुन्गौ मा यख का उच-ऊचा

रौलु च यु पाल कु, बौण सीलु माल कु
उन्द रौडी जायि ना, तु नौनु छै कमाल कु..
तु नौनु छै कमाल कु… तु नौनु छै कमाल कु…

नौनू:-- ह्युं का ऊचा डान्डा छन, मुन्डा ऐंच घान्डा छन
यु बाटु मा जग-जगहो, किन्गोडा का कान्डा छन..
किन्गोडा का कान्डा छन… किन्गोडा का कान्डा छन

पाति काचा डालै की, तु फ़ान्कि छै ग्विरयाल की
बाटु बिरडी जायि ना तु नौनि छै कमालै की…
तु नौनि छै कमालै की.. तु नौनि छै कमालै की….

नौनी:-- होश आपणा ख्वाइ ना, तु ई उमर गवाइ ना
ज्वानि का ये रंग मा चुचा, रंग्मतु ह्वै जाइ ना…
तु रंग्मतु ह्वै जाइ ना… तु रंग्मतु ह्वै जाइ ना’

रख नाक अपण ख्वाल कु, कर काम इन धमाल कु
उन्द रौडी जायि ना, तु नौनु छै कमाल कु..
तु नौनु छै कमाल कु… तु नौनु छै कमाल कु….

नौनू:-- ज्वानि का ये धैडा मुंद, ओंश की न डाल बुन्द
भाना चुचि इ उमर मा, क्वासु यु प्राणि हुन्द..
कवासु यु प्राणि हुन्द..क्वासु यु प्राणि हुन्द

रख बात यीं जन्जाल की, तु गेडी पर रुमालै की
बाटु बिरडी जायि ना तु नौनि छै कमालै की…
तु नौनि छै कमालै की.. तु नौनि छै कमालै की.. !!
Posted by पी.सी.गोदियाल "परचेत
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गढ़वाली गीत -अब ऐजा सुहा !
भेंटी जा दू मी तै सुहा, मेरा गौं का तीर मा
कब तक लुकौं चिट्ठी तेरी, काकर-सैतीर मा,

खै याली मीन भौत सुहा, विरह कु यु जैर
अब नी रयेंदु सुहा मीसी, और तेरा बगैर,

तु ऐजा अब बारात लीकी, ऐंसू का मंगसीर मा
कब तक लुकौं चिट्ठी तेरी, काकर-सैतीर मा,

फुकणी च दिन रात मी, जवानी की या झौल
बाली-तरुणी उमर सुहा, फिर नी राली भोल,

लप्स्या नि राली भोल, अर जान ये शरीर मा
लुकौं कब तलक चिट्ठी तेरी काकर-सैतीर मा

त्वै परै अटकी च साँस, त्वी छै मेरी आश
सहारू छै तुही एक मेरु, करी ना निराश,

और ना अब फिकर डाल, ये मेरा धीर मा
कब तक लुकौं छिट्टी तेरी,काकर-सैतीर मा,

भेंटी जा दू मी तै सुहा, मेरा गौं का तीर मा
कब तक लुकौं छिट्टी तेरी,काकर-सैतीर मा,
Posted by पी.सी.गोदियाल "परचेत"

http://gurugodiyal-pcg.blogspot.com/

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एक बहुत ही प्यारा गीत जो श्री नरेंदर सिंह नेगी जी ने गाया है. एक नारी की १२ महीनों की आत्म ब्यथा को इस गीत के माध्यम से बहुत मार्मिक ढंग में वर्णित किया गया है. जरा गौर फरमाए इन शब्दों पर…
बारा मैनो की बारामास गायी
घगरी फटीक घुंडियों माँ आयी २
चैत का मैना दिशा भेट होली
तेरी ब्येटुली ब्वे डब डब रोली
बैसाख मैना कोथीग कुरालु
बिना स्वामी जी का प्राण झुरोलू
बारा मैनो की…..
जेठ का मैना कोदू बूती जालू
मेरी पुन्गरियों ब्वे कु बूती आलु
आषाढ़ मैना कुयडी लोकैली
बिना स्वामी जी का कनु के कटीली
बारा मैनो की…..
सोंड का मैना कूडो चुयालो
जो पाणी भैर, भीतिर भी आलो
भादो का मैं संगरांद आली
मेरु कु च ब्वे जु मैत बुलाली
बारा मैनो की…..
अशूज मैना शरद भी आला
पितर हमारा टुक टुक जाला
कार्तिक मैना बग्वाल आली
स्वामी जौंका घौर पकोडा पकाली
बारा मैनो की…..
मंगसीर बैख ढाकर जाला
मर्च बिकैक गुड ल्वोन ल्योला
पूष का मैना झाडु च भारी
बिना स्वामी कि कु होली निर्भागी नारी
बारा मैनो की…..
माघ मॉस बीच मकरेण आली
कन होली भग्यान जु हरद्वार जाली
फागुण मैना होरी खिलेली
रसीला गीतों सुणी जिकुडा झुरोली
बारा मैनो की…..
बारा मैनो की बारामास गायी
घगरी फटीक घुंडियों माँ आयी २

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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N S Negi Song.

अपड़ी तों सरम्येली आंख्युं,
अपड़ी तों सरम्येली आंख्युं,
अपड़ी तों सरम्येली आंख्युं देखण दया जरा इना ता देखा
देखण दया जरा इना ता देखा
तुमारी समणी सरम च आणि,हम्तै भारी सरम च आणि
पैली तुम जरा उना ता देखा, हो पैली तुम जरा उन ता देखा
कब ताकि सरमाणी लुकणी राली ब्योली
कब ताकि सरमाणी लुकणी राली ब्योली
कभी ता आलू बसंत कभी ता हंसली फ्योली
रुखा डांडा हवे जला हैरा, रुखा डांडा हवे जला हैरा
जरसी तुम यूँ जना ता देखा, हो जरसी तुम यूँ जना ता देखा
तुमारी समणी सरम च आणि पैली तुम जरा उना ता देखा,
हो पैली तुम जरा उन ता देखा
सरम भी तुमारी चा आंख्युं मा तुमि,सरम भी तुमारी चा आंख्युं मा तुमि
जुक्डी मा तुमारी माया कुटी कुटी घुमी
भैर भितर तुमारी मूरत, भैर भितर तुमारी मूरत
क्या जी करा अब कना जी देखा, हो क्या जी करा अब कना जी देखा
अपड़ी तों सरम्येली आंख्युं देखण दया जरा इना ता देखा
हो देखण दया जरा इना ता देखा
छोड़ा देखणा छन लोग हाथ यनु ना खींचा
हमारा गों मा रिवाज सरमाणों कु नीचा
हो छोड़ा देखणा छन लोग हाथ यनु ना खींचा
हमारा गों मा रिवाज सरमाणों कु नीचा
दूर डांडीयूँ का पार लिजावा हमसाणी
चला उड़ी जौला द्वि का द्वि पंछी बणी
पंछी बणी पंछी बणी
डाल्युं का टुख बनौला घोल
सुख ही सुख होलू जाना भी देखा
हो सुख ही सुख होलू जाना भी देखा

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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चदरी यो चदरी – पारम्परिक लोकगीत है, गांव के ग्वालों के साथ एक महिला गाय चराते हुए अपनी चादर सुखाने को डालती है. तेज हवा से सूखती हुई चादर उङ जाती है. इसी पर गाय चराने वाले लङके हंसी-मजाक करते हैं.
 
 चदरी यो चदरी तेरी चदरी फ्वं फ्वां फ्वां
 कनी भली छै चदरी तेरी चदरी फ्वं फ्वां फ्वां -२
 जान्दरी रूणाई बल जन्दरी रूणाई
 पल्या खोला की झुप्ली गए डांडा की वणाई
 डांडा की वणाई…….तेरी चदरी फ्वं फ्वां फ्वां
 चदरी यो ……………………………………….
 
 झंगोरे की घाण बल झंगोरे की घाण
 धार ऐच बैठी झुपली चदरी सुखाण
 चदरी सुखाण…….तेरी चदरी फ्वं फ्वां फ्वां
 चदरी यो ……………………………………….
 
 किन्गोडा का कांडा बल किन्गोडा का कांडा -२
 चदरी उडी -उडी पोहुची खैरालिंगा का डांडा
 खैरालिंगा का डांडा …………..तेरी चदरी फ्वं फ्वां फ्वां
 चदरी यो ……………………………………….
 
 कान्गुला की घांघी बल कान्गुला की घांघी
 ढाई गजे की चदरी उडी
 तेरी मुंडली रेगी नांगी
 तेरी मुंडली रेगी नांगी………तेरी चदरी फ्वं फ्वां फ्वां
 चदरी यो ……………………………………….
 
 पाली पोडी सेड बल पाली पोडी सेड
 चदरी का किनारा झुपली बुखणो की छै गेड-2
 बुखणो की छै गेड………..तेरी चदरी फ्वं फ्वां फ्वां
 चदरी यो ……………………………………….
 
 बाखरी का खुर बल बखरी का खुर
 पैतु जन चलिगे चदरी झुपली का सैसुर
 झुपली का सैसुर ……………….
 तेरी चदरी फ्वं फ्वां फ्वां
 चदरी यो ……………………………………..

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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CHHWIN = BAATEIN (GOSSIP) – N.S.Negi
Ikhma chhwi ukhma chhwi jakhma dekha takhma chhwi
Ikhma chhwi ukhma chhwi uthda baithda chhwi hi chhwi
Ikhma ukhma jakhma takhma pucha na ab kya bon ki kakhma
Ikhma chhwi ukhma chhwi jakhma dekha takhma chhwi
Sudh budh ni raindi din raat kii, kan chunyal whe tu baki baatai ki
Baki batai ki , kan chunyal whe tu baki baatai ki
Baki batai ki
Tailya khola kutnu jand, tailya khola
Tailya khola kutnu jand, urkhelyu ma chhwin lagand
Meri ganjeliiiiii rukdi neeee
Mailya khola pisnu jand, mailya khola
Mailya khola pisnu jand, raat basa raiki aand
Meri jandriii thakdi neee
Dwi angul ki gichi, gichi, ar jeev ded haath kiii
Kan chhunyal whe tu baki batai ki, baki batai ki-2
Bhuji banand chwin lagand, bhuji banand
Bhuji banand chwin lagand, bhuji chulai ma fuke jaand
Chula jugtaaaa godadi bhendii
Roti pakand chhwin lagand, roti pakand
Roti pakand chhwin lagand, roti tawai ma bisri jaand
Meri sagoryaaaa ab kha bindiiii
Ko bhagyan khalo, khalo, aji khalo tera haath kiiii
Kan chunyal whe tu baki batai ki, baki batai ki-2
Banu ma kachidi lagaand, banu ma
Banu ma kachidi lagaand, panderon ma panchet baithand
Hey meri chhunyun, buki rai gayunnn
Bijya ma ta thau ni khaand, bijyan ma
Bijya ma ta thau ni khaand, nind ma bhi bachyaani raand
Barsu batiiii unindu chaun..uuuu
Syeni khani harchi, harchi, aji harchi din ratai kiiii
Kan chunyal whe tu baki batai ki, baki batai ki-2
Chhunyu bati chhwin nikald, chhunyu bati
Chhunyu bati chhwin nikald, gichi jan machine chald
Hey meri gichii, kya karu kya karuuuu..
Daad pida ji sai lend,daad pida
Daad pida ji sai leind, par ghadek chup ni raind
He meri bweyi mundaru mundaru
Kya chiz rachin cha we bidhata kii..
Kan chunyal whe tu baki batai ki, baki batai ki-2
Ikhma chhwi ukhma chhwi jakhma…
Ikhma chhwi ukhma chhwi uthda baithda chhwi hi chhwi
Ikhma ukhma jakhma takhma pucha na ab kya bon ki kakhma
Ikhma chhwi ukhma….
Sudh budh ni…,
kan chhunyal…

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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किन्नर समुदाय का एक प्रचलित लोक गीत

 

गाडी जाली कूल

निठुर फ्यूंळी , तू इखुली ना फूल

पाकी च मिठाई

निर्मोही फ्यूंळी , तू कैकी छे पिठाई

घुघती घूरली

त्वे देखी फ्यूंळी  , इखुली नार्युं की जिकुड़ी झुरली

काटी  जाली बूझी

निर्मोही मौळयार त्वे कन्न इन सूझी

म्योल़ू तोड़ी खाया

तौं सणि माल को ढब मै सणि पाड़ की माया

मेलुड़ी बासली

तौं की खुद मा बौल़े गेऊं व्हवे ग्यों इखुली सी फ्यूंळी

 

स्रोत्र : श्रीनिधि सिद्धान्तालंकार , मालिनी के बनों में , पृष्ठ 51

 

Copyright@ Bhishma Kukreti

 

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 A Love Folk Song for Chanchari folk Dance of Kumaun -Garhwal

                         चांचरी लोक गीत#

 

चंदी गड़ी बंदी सुआ , चंदी गड़ी बंदी

कैकी सुआ होली इनी, लगुली सि लफन्दी, दीवा जन जोतअ

चदरी की खांप सुआ चदरी की खांप

कैकी सुआ सुआ होली इनी , सेल़ू जन लांप,  Whose lover would be as flexible as fiber (selu)

दीवा जन जोतअ   Bright as earthen lamp

पाणी जन पथळी  Thin  as water

रूंवां जन हंपळी  Spongy as cotton

डाळी जन सुड़सुड़ी straight as fine tree

कंठ कि सि बडुळी memorable as hiccups of neck (it is Garhwali phrase)

बखरों कि तांद , सुआ बखरों कि तांद

कैकी सुआ होली इनी , अंछेरी  जन बांद ,   Whose lover would be so beautiful as fairy

दीवा जन जोतअ Bright as earthen lamp

धुवां जन धुपेळी  Attractive as smoke of Dhupan

राजुला जन राणी Queen as Rajula

केल़ा जन हतेळी Whose hand are as banana

बाज़ी जालो भंकोर , सुआ बाजी जालो भंकोर ,

कैकी सुआ होली इनी , टपरांदी चकोर ,  Whose lover would be as waiting Chakor (Chakor is symbol of lover)

दीवा जन जोतअ Bright as earthen lamp

स्वीणा सि लिख्वार  की  Beautiful as the imagination of a writer

पिरथी कि सि मोल Costly as globe 

बाळी सुरत बांकी Beautiful face

सोना जनि तोल Weight as gold

घास कि गुंडळी  सुआ , घास कि गुंडळी,   

मिरग सि आंखी सुआ , घुन्घर्याळी लटुली,   Eyes as deer, curly hair

दीवा जन जोतअ  Bright a earthen lamp

नौसुर मुरली की, गितांग जन गौली whose throat is as sweet as nine tunes of Nausuri fluit

बुरांस जनि फूल Who is as rhododendron flower (red)

फ्यूंळी  जनि रौंतेली Splendid as Fyunli flower

लगुड़ी लचीली सुआ , लगुड़ी लचीली,  Flexible as Lagudi (a type of Paratha)

कै चाल चल्दी सुआ , साज सि सजीली . What a scenic (attractive) movement

 दीवा जन जोतअ Bright as earthen lamp

 

# मूल स्रोत्र : केशव ध्यानी

सन्दर्भ : डा शिवा  नन्द नौटियाल , श्याम छम घुंघरू बाजला

As far as poetic value is concerned this song is figurative and each stanza has simile (Upmalankar) as

पूर्णोपमालंकार  : धुवां जन धुपेळी  Attractive as smoke of Dhupan

राजुला जन राणी Queen as Rajula

 

गुण सादृश्य उपमालन्कार : कैकी सुआ सुआ होली इनी , सेल़ू जन लांप,  Whose lover would be as flexible as fiber (selu)

 

धर्मसाद्रिश्य उप्मालंकार: डाळी जन सुड़सुड़ी straight as fine tree

कंठ कि सि बडुळी memorable as hiccups of neck (it is Garhwali phrase

लुप्तौपमालान्कार : मिरग सि आंखी सुआ

 The song is very agile in nature and both the dancers and audience enjoy the song and dance with same rapture.

Copyright@ Bhishma Kukreti

 

 

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