बिरत्वाई (बिरुदावली) की ताल देवता का अवतरण करने से पहले प्रांरभ में बजाई जाती है। इसमें समस्त देवताओं, स्थानीय देवताओं मंदिरो, तीर्थों में निवास करने वाले देवताओं का आह्वान किया जाता है, इसमें हुड़का और कांसे की थाली बजाई जाती है, हुडके के बोल इस तरह से होते हैं-
तुकि दुं दुं दुं, तुकि दुं दुं दुं।
तुकि दुं दुं दुं, तुकि दुं दुं दुं।
दुदुं दुदुं तुकि दुंग,
दुदुं, दुदुं, दु-दुदुं
दुदुदुं, दुदुदुं, दुदुं
दुदुदुं, दुदुदुं, दुदुं, दुदुं, दुदुदं
किदुं दुदुं दुदुदुं किदुं दुदं दुदुदुं
तुकि दुं, तुकि दुं, तुकि दुं...............