Author Topic: Nain Nath Rawal - नैन नाथ रावल: उत्तराखंड का प्रसिद्ध लोक गायक: न्योली सम्राट  (Read 35233 times)

Dinesh Bijalwan

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Bhana aur gang natha ka kissa maine bhi padha hai par is waqt yaad nahin hai. aap sunao saayad aajyee.  Wase hamari Queli  patti , tehri Garhwal main bhi ek Bhana Hui Hai. Jo bahut khoob soorat thi.   Kishan singh Panwar ka ek bahut accha gana bhi hai.-   Kan layo raanso- Aankhi teri Gangadhar, Man tero Pyaso- Bhana e rangeeli Bhani, bhana e Chabbili bhana- kyon halyado aapko yaad aaya- Par bhana gangnath ki kahani usse b hi puraani hai.

kanchhee (कांछी)

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भै जी,  गंगनाथ - भाना की कर्मभूमि डोटी (नेपाल) से लेकर अल्मोड़ा - चम्पावत तक थी। वैसे लोक गीतों में भाना को ’भाना-ओ-रंगीली भाना’ कर के बहुत बार बोला जाता है।  हो सकता है कि पंवार जी के गीतों में उसी भाना का बर्णन हो क्यौकि इनकी प्रेम कहानी अनौखी ठैरी और उसे कुमांऊ से टिहरी तक फ़ैलने में मुझे कोई संसय भी नही ठैरा।
मुईं लेकै यो कथा जाणन्या हुं।  हमरा धार्चुला में त गंगनाथ कि पुजा हुनि हो, राम्रो लाग्न्या हो यो कुरा।



Bhana aur gang natha ka kissa maine bhi padha hai par is waqt yaad nahin hai. aap sunao saayad aajyee.  Wase hamari Queli  patti , tehri Garhwal main bhi ek Bhana Hui Hai. Jo bahut khoob soorat thi.   Kishan singh Panwar ka ek bahut accha gana bhi hai.-   Kan layo raanso- Aankhi teri Gangadhar, Man tero Pyaso- Bhana e rangeeli Bhani, bhana e Chabbili bhana- kyon halyado aapko yaad aaya- Par bhana gangnath ki kahani usse b hi puraani hai.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मैंने कही जागर एक ये लाइन सुनी थी.

भाना ओह रंगीली भाना छम .
जोगी ओह गंगुआ जोगी छम

पंकज सिंह महर

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Bhana aur gang natha ka kissa maine bhi padha hai par is waqt yaad nahin hai. aap sunao saayad aajyee.  Wase hamari Queli  patti , tehri Garhwal main bhi ek Bhana Hui Hai. Jo bahut khoob soorat thi.   Kishan singh Panwar ka ek bahut accha gana bhi hai.-   Kan layo raanso- Aankhi teri Gangadhar, Man tero Pyaso- Bhana e rangeeli Bhani, bhana e Chabbili bhana- kyon halyado aapko yaad aaya- Par bhana gangnath ki kahani usse b hi puraani hai.

गंगनाथ जी भी लोक देवता हैं, ये पश्चिमी नेपाल के डोटी अंचल के राजा वैभव चंद के पुत्र थे। युवाकाल में इन्हें किसी ब्राह्मण (जोशी) स्त्री, भाना से प्यार हो गया, तब राजा वैभव चंद ने इन्हें राजकुमार की पदवी से वंचित कर दिया और उन्हें डोटी छोड़्ने के निर्देश दिया। भाना के पिता या पति ने गंगनाथ जी की हत्या कर दी थी।

पंकज सिंह महर

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गंगानाथ :

यह शुद्रों का प्रिय देवता है।  डोटी के राजा वैभवचंद का पुत्र पिता से लड़कर साधु हो गया।  घूमता-घामता वह पट्टी सालम के अदोली गाँव में एक ब्राह्मण जोशी की स्री के प्रेम-पाश में फँस गया।  जोशी अल्मोड़ा में नौकर था।  जब उसे मालूम हुआ, तो उसने झपरुवा लोहार की सहायता से अपनी गर्भवती स्री तथा उसके राजकुमार साधु प्रेमी को मरवा डाला।  भोलानाथ की तरह ये तीन प्राणी भी भूत हो गये।  अत: उन्होंने इनका मंदिर बनवाया।

कहते हैं, गंगानाथ बच्चों व खूबसूरत औरतों को चिपटता है।  जब कोई भूत-प्रेत से सताया जावे या अन्यायी के फंदे में फँस जावे, तो वह गंगानाथ की शरण में जाता है।  गंगानाथ अवश्य रक्षा करते हैं।  अन्यायी को दंड देते हैं।  गंगानाथ को पाठा (छोटा बकरा), पूरी, मिठाई, माला, वस्र या थैली, जोगियों की बालियाँ आदि चीजें चढ़ाई जाती हैं।  उसकी स्री भाना को अंग (आंगड़ी), चदर और नथ और बच्चे को कोट तथा कड़े व हसुँली।

Risky Pathak

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Asal Me Us Jagar ki 2 Cd Hai... Par Mere pass 1 hi hai...
Me us jagar ko yhaa upload karunga as sson as possible

Yah Kaam, Mere Hisab se Himansu Bhai kar sakta hai.

Kuch line mujhe bhi yaad hai.. Es jagar mae Jogi and Bamani ka khastaur se jigar hoa hai.


श्री नैननाथ जी की "गंगनाथ जागरी" सुनने योग्य है।  क्या कोई सज्जन इसे यहां अपलोड कर सकता है?


Nain Naath Rawal Jee ki Gagnaath Jaagri bhi maarket me aayi thi...

Or wo Bhot Bhot Bhot Badiya Thi.... Nain naath Jee sach me Jaagri ke bhi Ustaad Hai...

Us Jagar ki Kuch Line....

Paalyuli Junglaa, Nyoli Baasi re...
Ko chhe tu ghsyaara, Daathuli baaji re...

हेम पन्त

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नैन नाथ रावल
« Reply #26 on: July 14, 2008, 03:33:51 PM »
नैन नाथ रावल जी द्वारा गायी गयी कुछ न्यौलियां मैने लिखने की कोशिश की है..

हरिद्वार मां हरि ज्यू रूनी, झांकर में सैम
तेरि मेरि हसन्या चाल, लोग खानि फैम.
लोग खानि फैम होसिया लोग खानि फैम....

पन्छी उड़ी- उड़ी न्हैगे, हिमालि काठि मैं
उनी रये, जानि रये, मैं बै रूंलो बाटि मैं

काच्चो रंग हलदी को, ध्यो बैर ने जानूं
बालकाल पड़िया का दुख, रवै बैर ने जानूं

सडक तीर सडक नीच, बानर रूख्यारी
मन मेरो हौसिया छियो, करम दुख्यारी
करम दुख्यारी नैनुवा करम दुख्यारी......

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Great effort Hem Da.

नैन नाथ रावल जी द्वारा गायी गयी कुछ न्यौलियां मैने लिखने की कोशिश की है..

हरिद्वार मां हरि ज्यू रूनी, झांकर में सैम
तेरि मेरि हसन्या चाल, लोग खानि फैम.
लोग खानि फैम होसिया लोग खानि फैम....

पन्छी उड़ी- उड़ी न्हैगे, हिमालि काठि मैं
उनी रये, जानि रये, मैं बै रूंलो बाटि मैं

काच्चो रंग हलदी को, ध्यो बैर ने जानूं
बालकाल पड़िया का दुख, रवै बैर ने जानूं

सडक तीर सडक नीच, बानर रूख्यारी
मन मेरो हौसिया छियो, करम दुख्यारी
करम दुख्यारी नैनुवा करम दुख्यारी......

हेम पन्त

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गोरख्या पल्टन टेड़ि टोपि, पुलिस पगड़ी
कैको पाल जन पडो, निर्मोही दगड़ी

ठांगरि मां पन्छी बैठो, हरिया रंग को
छन छको मायादार, छने छ संग को

गोठ भैसी, दुया म्यारा, भैसी काली-काली
त्यार नाम कि चिट्ठी द्यूलो, आंसू ढली-ढली

रात बिछून्या रात कामलि, दिन बिछून्या दरि
सुखी त हुनी त्यारा संग, कित जानि मरी

शीघ्र ही इन गानों को अपलोड करके आप सबको उपलब्ध कराने की कोशिश करता हूँ.

हेम पन्त

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नैननाथ रावल जी की इस बेहतरीन न्यौली को डाउनलोड कीजिये या ओनलाइन सुनने का आनन्द लीजिये इस लिंक पर...

http://www.esnips.com/doc/2d3e8988-3183-4bec-aa13-1abaf7c8491b/NYAULI-Haridwar-mein

नैन नाथ रावल जी द्वारा गायी गयी कुछ न्यौलियां मैने लिखने की कोशिश की है..

हरिद्वार मां हरि ज्यू रूनी, झांकर में सैम
तेरि मेरि हसन्या चाल, लोग खानि फैम.
लोग खानि फैम होसिया लोग खानि फैम....

पन्छी उड़ी- उड़ी न्हैगे, हिमालि काठि मैं
उनी रये, जानि रये, मैं बै रूंलो बाटि मैं

काच्चो रंग हलदी को, ध्यो बैर ने जानूं
बालकाल पड़िया का दुख, रवै बैर ने जानूं

सडक तीर सडक नीच, बानर रूख्यारी
मन मेरो हौसिया छियो, करम दुख्यारी
करम दुख्यारी नैनुवा करम दुख्यारी......

 

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