मसूरी (देहरादून)। शरदोत्सव-2007 का आगाज स्वर सम्राट नरेंद्र सिंह नेगी की जादुई आवाज से हुआ। पहली संध्या में नेगी के गीतों पर पहाड़ों की रानी मसूरी झूम उठी। देर रात तक श्रोताओं ने नेगी के गीतों का लुत्फ उठाया। सुरमा सरैला व भलु लगदू भनुली युगल गीताें पर दर्शक खूब झूमे।
शुक्रवार की रात को शरदोत्सव की पहली संध्या का उद्घाटन विधायक जोत सिंह गुनसोला व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। स्वर सम्राट नरेंद्र सिंह नेगी जैसे ही मंच पर पहुंचे, पंडाल के चारों ओर से दर्शकों ने उनका तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया। नेगी ने गीत संध्या की शुरुआत नंदादेवी राजजात की आकर्षक झांकी व देवी स्तुति से की। इसके बाद नेगी ने नये व पुराने गीतों से देर रात तक समा बांध कर रखा। एक के बाद एक दमदार प्रस्तुतियों से रात तक पंडाल में बैठे दर्शक झूमते रहे। नेगी ने चुनाव के दौरान मतदाताओं को रिझाने व हथकंडे अपनाये जाने को गीत के माध्यम से कुछ इस तरह बयां किया। हाथ न व्हिस्किी फुलन पिलायो रम्म, सुनाया तो दर्शक नाचने लगे। इसके बाद जै दुर्गे गाया। सुरमा सुरैला, भलु लगदू भनुली, तैरू मछोई गाड बगिगी आदि सामूहिक गीत सुनाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। मेरा जोग जाणी सिलसारी-बिलसारी व सर जुन्याली रात गाये। कार्यक्रम के दौरान जौनसारी, कुमाउंनी, गढ़वाली, थडि़या नृत्य की खूब धूम रही।
Photos by Mr. Amit Joshi