Author Topic: Narendra Singh Negi: Legend Singer Of Uttarakhand - नरेन्द्र सिंह नेगी  (Read 82979 times)

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #70 on: August 23, 2008, 04:42:45 PM »
कैमा छे ल्वाला तू खेरी लगाणी-२
  कै का मने कि  कैन नी जाणी...३
               कैन नी सुणी डांडीयू कि खेरी , कैल नी फुंजा डालीयू का आंसू -२
               पुन्गडीयो कि जिकूडीयू मा साखीयू कि पीडा
               धरती कि विपदा कैन पछ्याणी
पूष जडो मा निढ़डेद घिन्दुडी -२
सुविली पीडा मा बिव्दांद घुघूती -२
कैन नी पूछी दुखियारी हिलास गीत खुदेड़ किले राली गाणी
कै का मने कि  कैन नी जाणी...३ 
                 जेठा का घामु मा लगुलीयों पितेन्द-२
                 बांसुरी कि भोड़ मा फूल खुदेंदा ,कैन पछ्याणी चोली कि तीस
                 जिकुड़ी मा डाम आन्खियु मा पाणी
                 कै का मने कि  कैन नी जाणी...३
राती कु डांडा उडीयारु कड़ानद, डोराल डालियु बाच लुकांद-२
कैन नि बिंगी बसा रुण करदा ,बसग्याल रोला रोलो कि बाणी-२
 कै का मने कि  कैन नी जाणी...३

             

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #71 on: August 23, 2008, 06:10:27 PM »
मूल -मूल केकु हेसणी छे तू हे कुलें(चीड़) डाली
कखी तिन मेरी आंखीयू का सुपन्या देखि त नि याली -२

     त्वे मा बोल्दु हे दगडिया मन की गेड खोली
    ब्योला बणी वो सुपिन्यम आई तू कैमा न बोली
    छुयाल घसेरि सुणली बात फेली जाण
    मूल -मूल केकु हेसणी छे.............

हे घुघती, घिडूडी हे हिलासी तू भी भूली नि जेई
मुंड बंदणो मेरा ब्यो मा दगडिया टक लगे की एई
न्यूती बुलोलू ,पूजी पठियोलू मिन पेली बोलियाल
मूल -मूल केकु हेसणी छे तू हे कुलें डाली
   
       कुतग्यली सी लगनी तन -मन मा , सोची -सोची लाज
       धो संकेकी पुरी ह्वेन गेठई गाणी आज
       सैरी दुनिया अपणी व्हे ग्याई, बिराणी ज्वा ब्याली
       मूल -मूल केकु हेसणी छे तू हे कुलें डाली   

सासु मयेलु मेरी ससुरा जी देवता ,भली -भली ननद-जिठाणी
बिसरी नी तवे यन सेसुर मा दगडिया बुरु न मानी
भाग्य मा होलू चा नी होलू सुपिन्या त देखि याली
मूल -मूल केकु हेसणी छे तू हे कुलें डाली   

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #72 on: August 23, 2008, 06:35:01 PM »
स्वर  नरेन्द्र सिंह नेगी एवं अनुराधा निराला
कैसेट - ख़ुद
तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२
            * ज्यूँ हल्कू हवे जालु तेरु भी द्वि आखर चिठ्ठी मा लेखी देई
तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२
कखी तेरी कलेजी कांडो दुपी हो यख रो मी फूलो मा हिटणो
न हो कभी अजाण म न हो न हो
             *कखी तेरी आँखी आंसूं भरी हो यख रो मी खित -खित हैसूणो
             न हो कभी अजाण म न हो न हो
तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२
              कखी तेरा चुलुन्द आग न जगी हो यख रो मी तेका चढाणो
              न हो कभी अजाण म न हो न हो
कखी तेरी गोली हो तिसल उबाणी यख रो मी छामोटा लगाणों
 न हो कभी अजाण म न हो न हो
दुःख हलकू हवे जालु तेरु भी बाटी लेई दुःख ना लुकेई
               *तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२
 कखी तेरी स्याणी हो मै थे खोज्याणी,यख छोड़ी दियू आस पलणु
न हो कखी  अजाण म न हो न हो
तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२
               *कखी तेरा हाथ बटी छुटी जाऊ कलम यख रो मी चिठ्ठी यू जग्वाल्णु
                न हो कखी  अजाण म न हो न हो
                 तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #73 on: August 25, 2008, 04:42:48 PM »
कभी सीला पाखो रीटू, कभी तैला घाम
घास नीच डाली माजी ये लो लआ  डांडा मा-२
मैत की हरियाली डांडी धार मा देखेंदा
टपराणु रैदू माँ जी आंसू नि थामेंदा
कभी .............................................

सासु की डोर को घासो भेलू -भिएलू जानू
रुमक हवे जान्द माजी दगडो नि रांदु
कभी ...........................

न कफु बसद यख न घुघूती घूर- घूर ..२
कैमा देऊ रेबार माजी चखूला भी दूर - दूर ..२
कभी .................................................

रुखा डांडा सुखा छोया छेल नीच पाणी..२
ये लो अला मुलुक माजी बेटी नी बीवाणी
कभी .................................................

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #74 on: August 25, 2008, 05:12:09 PM »
मेरी बेटुली मेरी लाड़ी लडयाली
मेरी चखुली मेरी फूलो की डाली ..२
आज स्य देखदे -द्खदा ,बिराणी हवे गे सैति-पाली..२
                बाबा जी यकुली -यखुली कनु के की जोलु
                हे माजी बीरण मुलुक कनु के की रोलु
अफु भी रोई मैती भी रुलेगे आज छके की
हेंस्दु- खेलदु घर सुन कैगे जिकुड़ी यो दुखे की
ख़ुद लगली भ्ये-ब्हेनो मैतियों की रोवए ना
उपरी मुल्क उपरी मनखीयो मा धीरज खोये ना
खूब फल -फूली मैतियों ना भूली ..२
मेरी आंखी यो की उजयाली
बिराणी ........ पाली

                    अपणु हवे की भी अपणु णी यो धन कन धन चा
                   याद ओदन तेरा खेल -खिलौना  दिन बाला पन का
                   किल्क्वारी मारी ग्वाया लगाणु याद आणु चा
                   तुतले की तेरु बोलणु बचियाणु याद आणु  चा
                   नवाई -तपाई गोल्याई हिटाई जिकुडा का काख सिवाली
                   बिराणी हवे गे सैति पाली
मुख ना लगी दाना सय्नो का प्रेम से रै ई
भल- बुरु जनु होलू  भाग मा बेटी चुप सै लेई
अमर रया तेरु सुहाग ,सदनी सुखी सन्ति रै तू
द्वि घरो की छे लाज अपणु धर्म निभे तू
 खूब फल -फूली मैतियों ना भूली ..२
मेरी आंखी यो की उजयाली
बिराणी ........ पाली

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #75 on: August 25, 2008, 05:42:00 PM »
बंडी दिनों मा दिखे आज
दिन आज को जुगराज ..२
बंडी देनो मा ...........४
                 देणा हुया वो बाटा- घाटा
                 राजी रया वो दिशा धार
                 राजी रया ..................२
                जोन जोड़ी का सोज्यडया मिलेनी
                रखी माया दारो की लाज
                बण्डी दिनों मा ............
फुल्या -फल्या वो पाखा वो पैरा
हैरा -भैरा रयाँ पुनगडीयू का मैंडा
हैरा -भैरा ..........................२
जो सारियो बीच हिटी की तू अई
तो सारियो खारियो हो अनाज
बंडी दिनों मा .........................२
                           ब्याली बटी भभराणी छै आग
                          बिन्सरी बटी बसुनो  छो काग
                          बिन्सरी बटी ......................२
                          आस नी टूटन दे तिन कागा -२
                          कागा तेरे मुंड सुनो ताज
                         बंडी दिनों .............................
जुग बटी छो माला गठियाणु
केला कुले का द्वार स्ज्याणु-२
आज अचणचक प्रकट हवे गे -२
चो- दिश मंगल बजे  बाज
बंडी दिनों ....................... 

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #76 on: August 25, 2008, 06:06:09 PM »
वा जुनियाली रात ऐगे फ़िर याद -२
ऐगेनी फ़िर याद वो दिन वो दिनों की बात
              निराला - वा जुनियाली रात ऐगे फ़िर याद -२
हिटदी रात रुकिया पन्त
हमना कैक रंता -मन्ता -2
                     दुनिया सेई नींद निचंत
                     हमारी छुयो कु नी क्वी अंत
                     वा जुनियाली रात ऐगे फ़िर याद -२
उजियल दिनों न जब डराई
अँधेरी रातो न सारु दयाई
                     भाग्य हम बदली नी सक्या
                     बगत झणी किले बदलियाई
                      वा जुनियाली रात ऐगे फ़िर याद -२
गेणा खोजियाणा आगास
जून बेठी मेरा पास -२
                    मै साणी जून बथोंण वाला
                    कख गे वो तेरु विस्वास
                    वा जुनियाली रात ऐगे फ़िर याद -२
तेरु सौबत का रात दिन
आज आँखीयो  रिटना छन-२
क्या बतो  अब तवे बिन
क्या खोई क्या पाई मिन
वा जुनियाली रात ऐगे फ़िर याद -२

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #77 on: August 27, 2008, 05:59:44 PM »
नया जमाना का छोरों कन उठी बौल
तिबारी दिन्दाला मा रॉक एंड रोल
तिबारी डिंडाला मा छजा धुर्पला मा
ओबरा पांडा मच्युन रौल मखौल

तिबारी डिंडाला मा रॉक एंड रोल
नया जमाना का छोरों कन उठी बौल
तिबारी डिंडाला मा रॉक एंड रोल

रॉक एंड रोल बोडा रॉक एंड रोल पुराना जमाना की छविं न करो
रॉक एंड रोल बोडा रॉक एंड रोल अपड़ा जमाना की छविं न करो

मातु खाणेगी मेरी डिंडाली कू

डिस्को च डिस्को देखदी जा तू

पठालु रडिगे मेरी धुर्पाली कू

डोंट वर्री अंकल होन्दु च यू

मेरी घर कुड़ी उन्द लगी अब जोल

तिबारी डिंडाला मा रॉक एंड रोल
नया जमाना का छोरों कन उठी बौल
तिबारी डिंडाला मा रॉक एंड रोल

रॉक एंड रोल बोडा रॉक एंड रोल पुराना जमाना की छविं न करो
रॉक एंड रोल बोडा रॉक एंड रोल अपड़ा जमाना की छविं न करो

टुटीगे रे टुटीगे मेरा भीतर कू द्वार

फिकर नोट बोडा लिंटर डाल

टुटीगे रे टुटीगे मेरु मोर संघाड़

धर नया जमाना का अंग्रेजी द्वार

नाती नातेणा झास्किनी लगी छौल
तिबारी डिंडाला मा रॉक एंड रोल
नया जमाना का छोरों कन उठी बौल
तिबारी डिंडाला मा रॉक एंड रोल

रॉक एंड रोल बोडा रॉक एंड रोल पुराना जमाना...
रॉक एंड रोल बोडा रॉक एंड रोल अपड़ा जमाना...

रंग न ढंग ब्यो बाराती कू आज

बरमाला विडियो कू चलन रिवाज

मांगल बेदी न त धूलि अरग

बेकवर्ड बोडा हट फुडें सरक

छोपट च्यांचढ़ चढ़या ह्वेनी गोल
तिबारी डिंडाला मा रॉक एंड रोल
नया जमाना का छोरों कन उठी बौल
तिबारी डिंडाला मा रॉक एंड रोल

रॉक एंड रोल बोडा रॉक एंड रोल पुराना.....
रॉक एंड रोल बोडा रॉक एंड रोल अपड़ा...

ढोल दमाऊ तुरी कख हर्ची


बैंड मंगयुं बिंडी रूप्या खर्ची

पंडों नाचादी रांसा मंडान


हमन ब्रेक डांस कौख लगाण

फैली गे लोचड़ी तैल्या मैल्या खोल
तिबारी डिंडाला मा रॉक एंड रोल
नया जमाना का छोरों कन उठी बौल
तिबारी डिंडाला मा रॉक एंड रोल

रॉक एंड रोल बोडा रॉक एंड रोल पुराना जमाना की छविं न करो
रॉक एंड रोल बोडा रॉक एंड रोल अपड़ा जमाना की छविं न करो

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #78 on: August 27, 2008, 06:34:02 PM »
रुकदी छे  ना सुखदि छे  .....
रुकदी छे ना सुखदि छे, नयारजनि बगदी छे,
वो माया हरी भरी सी , आज किले  सुखी होली ,
रूडीयू की मंगरी सी ...2
     छेल सी नि छूटी कभी, नातुसी नि टूटी कभी
    दगडू चकोर चकोरी सी, आज किले टूटी होलू 
    माटा की कशेरी सी …2
रात नि खुलंदी छे, सिराना बैठि जान्दी छे ...
सिराना बैठि जान्दी छे
छुयुं की रामेण व जो ठेली ठेली नि जांदी छे  .
जो ठेली ठेली नि जांदी छे..
जो बियाली तक अपणी सी...
आज किले बणी होली, अजाण बिराणी  सी ...
अजाण बिराणी  सी
     आंखियुं ला बच्यान्दु  छो , जो सनियुला नाचंदु छो
     जो सनियुला नाचंदु छो
    रुन्दाऊ हसान्दु छो, जो रूसायू मनादु छो
     रूसायू मनादु छो
    जो ब्याली तक मयलु  सी,
     क्याल रूसे होलू आज, बाला जन जिदेरू सी
    बाला जन जिदेरू सी
रूप की गुणों  की भोरी , प्रेम की परोठी  छे ..
प्रेम की परोठी  छे
गिची उन्द   24 घड़ी शहद की जलोठी  छे
शहद की जलोठी  छे
जो गिची मीठी -मीठी सी.......
आज किले सुणाणी होली वो जली कटी सी ...
 बथ व्  जली कटी सी

    हौंसिया मिज़ज़ा छयुं , रंगमतु रसिया  छो
    रंगमतु रसिया  छो
    चांदी की गात  वो जो, सुना कु सी हिया छो ,
    सुना कु सी हिया छो
   जो ब्याली तक उज़लू सी........
   आज किले हुयुन होलू उदास दुखेरू सी ...
   .उदास दुखेरू सी
रुकदी छे  ना सुखदि छे  .....

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #79 on: September 06, 2008, 11:59:14 AM »
सैरा बसग्याल बण मा ,रुड्डी कुटड  मा
हियुन्द पिसी बितैना म्यार सदनी इनी दिन रैना
     कुटी की पिसी की मिल -2 रात -दिन एक कायी
     सोतेली ब्वे छाई मेत मा भी खेरी खाई
     सैसुरा मा जुदा कुदिन रैना ..............
मेला हवेनी -खोला हवेनी -२
सोंजडिया कोथिग गैनी
बारह महिना बोलू कै की मीम दुई(२) झूली नि रैनी
स्वामी जी भी मिथे बिसिरी गेनी
म्यारा सदनी ............................
         बेटीयू का खुदेड़ महिना -२
     चेत -पुष ऐना -गेना -२
     मैतीयू का सारा छाई
     तो न रैबार नि दियाई
दगडिया भग्यानी मेरी मैत गैना
म्यारा सदनी इन दिन गैना
सैरा बसग्याल बन

 

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