लोहाघाट शरदोत्सव में सड़कों पर उतरा भारत का सांस्कृतिक स्वरूपOct 30, 02:05 am
लोहाघाट(चम्पावत)। लोहाघाट में पांचवें शरदोत्सव समारोह का सोमवार को आकर्षक झांकियों व मार्च पास्ट के साथ आगाज हो गया। नगर के मुख्य मार्गो से गुजरी झांकियों को देखने के लिए प्रात: से ही अपार जन समूह छतों व सड़कों के दोनों ओर एकत्रित होना शुरू हो गया। अनेकता में एकता को दर्शाने वाली भारत के विभिन्न प्रांतों की लोक संस्कृति का दिलकश नजारा इन झांकियों में देखने को मिला। छोलिया व डांडिया नृत्य, नंदा सुनंदा डोला, नंदा राज जात, लखिया भूत, कलश यात्रा तथा देवडांगरों की प्रस्तुति झांकियों के प्रमुख आकर्षण रहे।
प्रात: 10:30 बजे हथरंगिया से शुरू हुई झांकी मीना बाजार, डाग बगला रोड, मोटर स्टेशन तथा खड़ी बाजार होते हुए रामलीला मैदान पहुंची। झांकी के सबसे आगे एसएसबी के जवान व पूर्व सैनिक मार्च पास्ट करते हुए चल रहे थे। कुमाऊं की लोक संस्कृति के नजारे के साथ महर्षि विद्यामंदिर की कलश यात्रा, प्राथमिक विद्यालय का नंदा-सुनंदा डोला, राजीव नवोदय का डांडिया नृत्य, केन्द्रीय विद्यालय का भारत की प्रगति को दर्शाने वाली झांकी, ओक लैण्ड की हिलजात्रा, डीएवी का नंदा-सुनंदा डोला, आदर्श विद्यामंदिर व मल्लिकार्जुन, सीमांत मान्टेसरी की देव डांगरों का उत्सव तथा पर्यावरण प्रेम को दर्शाने वाली झांकियों के अलावा नंदा-सुनंदा नृत्य व गायन संग्रह लोहाघाट द्वारा प्रस्तुत गढ़वाली व कुमाऊंनी संस्कृति के दृश्य तथा हास्य क्लब द्वारा पालीथिन उन्मूलन पर निकाली गयी झांकी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।