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Pandav Nritya: Mythological Dance - पांडव नृत्य उत्तराखंड का पौराणिक नृत्य

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Dhanu Wala Scene.


Rudraprayag pando nritya 2009 3

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:


See the culture of Our Uttarakhand. Devbhoomi.

Rudraprayag Pando Nritya 2009 4

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Pandev Nritya Rudraprayag

Pandev Nritya of Jalae,Post Sursal (Rudraprayag).mp-1

Devbhoomi,Uttarakhand:
पांडव लीला में उमड़ रही भीड़
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 गोपेश्वर: ग्राम पपड़ियाणा में 15 वर्षो के बाद आयोजित पांडव लीला में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। पांडव लीला में जहां एक ओर पात्रों के कुशल अभिनय के माध्यम से भगवान पांडवों के चरित्र वर्णन को प्रस्तुत किया जा रहा है वहीं पहाड़ी संस्कृति पर आधारित पांडव नृत्य के बेहतर प्रदर्शन पर श्रद्धालुओं में भक्तिमय वातारण देखने को मिल रहा है।
 सामाजिक कार्यकर्ता मुरारी लाल का कहना है कि लंबे समय बाद आयोजित होने वाली पांडव लीला के माध्यम से हम अपनी संस्कृति का व्यापक रुप से प्रचार-प्रसार कर नई पीढ़ी को इससे वाकिफ कराकर इसका संरक्षण कर सकते है।
 लीला में भीमसैन के पात्र कुंवर, अर्जुन के राजेन्द्र सिंह, धर्मराज युधिष्ठर का कमल नेगी, सहदेव का सत्यप्रसाद, नागार्जुन सोबत सिंह, नकुल का उपेन्द्र सिंह, बबरिक देवेन्द्र सिंह, द्रोपदी का सैन सिंह, नन्दुमोर का सुरेन्द्र सिंह, हनुमान का गौरव, माता का पुष्पा देवी ने बेहतर अभिनय प्रस्तुत किया।

Devbhoomi,Uttarakhand:
  मंडाण में खूब झूले पांडवों के पश्वा
 
           
               
      नैनबाग, : उत्तराखंड की देवभूमि में प्राचीन काल से
पांडव की कर्म भूमि और तप स्थली रही है। पौराणिक पांडव की अद्भुत संस्कृति
आज भी जौनपुर क्षेत्र में जीवित है।
प्रखंड जौनपुर के तहत ग्राम पंतवाड़ी में विगत पांच दिन व रात पांडव
मंडाण चल रहा है। मंडाण में भीम, द्रौपती, अर्जुन, नकुल सहदेव, काली,
द्रोपता आदि देवगण ढोल दमाऊ की थाम पर खूब झूले।
पंचायती चौक में बुधवार को समस्त ग्रामवासियों ने हाथ में थाल सजाकर
पांडव के साथ सभी पश्वा पांडव स्नान करने के लिए नाग देवता के पानी स्थान
बाड़ासारी गये जहां सभी देवगण स्नान किया उसके बाद गांव में मंडाण शुरू हुआ।
 विधि-विधान के साथ गांव का बंधन कर सभी देवी-देवता की पूजा अर्चना के साथ
पांडव नृत्य सम्पन्न हुआ।
इस मौके पर गांव सामाजिक कार्यकर्ता बलवीर सिंह रावत, ग्राम प्रधान
श्रीमति रोशनी देवी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य कुंवर सिंह, भंडारी,
विजेन्द्र सिंह हनुमंती आदि का कहना है कि हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित
लोक संस्कृति व पांडव नृत्य अपने में एक अद्भुत संस्कृति है। लेकिन इस
आधुनिकरण व पाश्चात संस्कृति चलते आज भी जौनपुर में पौराणिक संस्कृति को
कायम रखा है। किन्तु इसके संरक्षण के लिए हम सबको एकजुट होकर अपनी पहचान व
धरोवर का बचाए करना होगा।
वहीं दूसरी ओर जौनपुर में पौराणिक परंपरा के आधार पर बड़ी दीपावली का
बाड़ा त्यौहार धूमधाम के साथ संपन हुआ जिसमें विभिन्न गांव में बांडा को
तोड़कर इस त्यौहार को बड़ी दीपावली के साथ मनाते है
 
 
     

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