Author Topic: Questions & Answers in Jod-चार आंखर (जोड़ में सवाल जवाब) लोक संगीत की विधा  (Read 29335 times)

Vidya D. Joshi

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सवाल जवाफ

गंगा ज्यु का वगड़ में तितरी का खोज ।
मैं सम्जौंलो बारबार तैंइ सम्जली रोज ॥ १

वैं ह्यूं को सेतो दरबार वैं बुरूंशी का बोटा ।
सुवा सम्ज्या उस्सोई रन्छ घी लाया रोटा ॥ २

Vidya D. Joshi

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सवाल जवाफ

पहाड़ को घोट्या गोड़ो मैदान को हाती ।
जसी त्वे ले गोली मारी धन्न मेरी छाती ॥ १

पानी खायो गिलास ले दै खायो बेली मा ।
तसी माया कि ले पड़ी बिराणी चेली मा ॥ २

Vidya D. Joshi

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 सवाल जवाफ
खेल मेरी दरी को दरी ओ दरी हिमाल दरी ।
तेरी बाटा चाना चाना आंखी हे ग्यो लाल मेरी ।।


पिट पिट पत्तल पिट लुहा का घन ले ।
मेरा मुख कि ले चां छै मरिया मन ले ॥


Vidya D. Joshi

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*** डेउड़ा खेल*** (स्रोत : सांस्कतिक कार्यक्रम, क्वीतड़, पिथौरागढ़)

तेरा बैतड़ी का कोलू, कभै नाइ पेल्या को  न्यौल्या ।
सुण सुण सम्धी मेरा, सांच्ची मानो झूठि मानो,
बिना डेउड़ा लाये को खेलू,
कभै नाइ खेल्या को न्यौल्या ॥

सब है अल्गीइ गै छ, देहीमाणौं, की टुणी न्यौल्या ।
हारे हारौं मेरा सम्धी, पातल तोड़ी मुइ लै आयूं
साइ को बचन सुणी न्यौल्या ॥

हांगो झड़्यो पिपलु को, पात झड़्यो खिराई को न्यौल्या ।
शिव शिव राम राम, त्यो मेरो बचन होलो
लालमोती हिराइ को न्यौल्या ॥

ये घानघस्या कानई का लेक, घानघस्या घन न्यौल्या ।
बांचि रया मेरा सम्धी , औनई रया पार वार
मर्या कभै जन न्यौल्या ॥

हात की मुनड़ी मेरि तेरा परान की न्यौल्या ।
सुण सुण सम्धी मेरा, मुइ नाइ जाण्डो मुइ नाइ सुण्डो,
कर्म कलान की न्यौल्या ॥

माल झान्या मलकुखुड़ी, बै रुन्या तितरी न्यौल्या ।
दैव ज्यू ले के लेखे हो, हारे हारौं मेरा सम्धी,
करम भितरी न्यौल्या ॥

Devbhoomi,Uttarakhand

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सवाल जबाब

फूली जाली जई
बांज काटदारी कै गौं की छई

                 बाबल की कुची
                कै भी गौं की होली तू क्या करदू  पूछी

हेम पन्त

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जोशि ज्यु और जाखि ज्यु ’रौनक’ आ गई..

हेम पन्त

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काचो रंग हल्दि को ध्वै बैरे नि जानु
कलेजि में दुख पड़्यो, रवै बैरे नि जानु...

Vidya D. Joshi

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ये रहा पन्त ज्यू ..
पार बाड़ी चरन लाग्यो राजा को हिरन ।
न पी बेरे आंशु खित निर्मोहि छातिउन ॥

काचो रंग हल्दि को ध्वै बैरे नि जानु
कलेजि में दुख पड़्यो, रवै बैरे नि जानु...


Vidya D. Joshi

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सोर की सड़क पन पटवारी का घोड़ा ।
अठन्नी चवन्नी जसा तेरो  मेरो जोड़ा॥

 धान बोया धनाड़ी माटा, मडुवाड़ी में घोगा ।
 जथ ज्यूंलो संग ज्यूंलो तैंई सुइड़ मैं धागा ॥


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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अब देखिये यह जोड़ (चार आंखर)

ओ द्वी डाण निमुवा भागी..
द्वी दाण निमुवा ..
ओ दुःख-२ जहाँ कैए
दुखी छो दुनिया !


 

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