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Sad Songs of Uttarakhandi Folk Music- दिल को छूने वाले उत्तराखंडी लोक गीत
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Dosto,
There are hundreds of songs I find in Uttarakhand folk music which are really very meaningful and heart touching We would be posting here lyric of some Sad songs of Uttarakhandi Folk Music. I am sure you would like lyrics and its meaning.
This is the duet Folk Song wherein a Babhi asks her brother in-law about her husband who has not come back to his home since long and is in Delhi. The Song has been composed and sung by veteran Singer Narendra Singh Negi
हे दिल्ली वला दयुरा, हे दिल्ली वला ..
हे दिल्ली वला दयुरा, हे दिल्ली वला ...........
हे दिल्ली वला दयुरा, तेरा भेजी भी दिखेंदिनी रे कभी आन्दा जांदा..२
चोंठी मा तिल वाली भोजी, चोंठी मा तिल वली.......
चोंठी मा तिल वली भोजी हुन्दू क्वी अता पता भेजी कु त खोजी ल्यान्दा....2
हे दिल्ली वला दयुरा, तेरा भेजी भी दिखेंदिनी रे कभी आन्दा जांदा..
भंडी बरस व्हेगीन यून्की, चिट्ठी पतरी ना खबर सार ....2
नयु- नयु ब्यो व्हे छो हमरू, छोड़ी चली गीन घरबार
चोंठी मा तिल वली भोजी हुन्दू क्वी अता पता भेजी कु त खोजी ल्यान्दा
मैं शक-सुभा हूनू भोजी फड़कणी च आँखी मेरी....2
भेजी मेरु रशिलू मिजाज, क्वी बाँध ना हो तख धेरीं
हट ठठा ना कर भे दयुरा, स्यना त नि छिन तेरा भेजी
छोवं आश मा कभी त ल्याली, मेरी खुद तों खेन्ची खेन्ची
हे दिल्ली वला दयुरा, तेरा भेजी भी दिखेंदिनी रे कभी आन्दा जांदा..
तू फिकर ना कर बो पंछी, कख जालू घोलू छोड़ी
बाटू बिरर्युं च भेजी, ए जालू त्वेमा बोड़ी
चोंठी मा तिल वाली भोजी, काटेनी तिन भी दिन याखुली रून्दा रून्दा..
.M S Mehta
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
यह लोक गीत समर्पित है उत्तराखंड के महिलाओं के कठोर जीवन पर.. गीत के रचियता एव गायक - नरेन्द्र सिह नेगी
प्रीत सी कुंगली डोर सी छिन ये
पर्वत जन कठोर भी छिन ये
हमारा पहाडू की नारी.. बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-2
बिन्सिरी बीटी धान्यु मा लगीन, स्येनी खानी सब हरचिन-२
करम ही धरम काम ही पूजा, युन्कई ही पसिन्यांन हरिं भरिन
पुंगड़ी पटली हमारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२
बरखा बतोन्युन बन मा रुझी छन, पुंगडा मा घामन गाती सुखीं छन-२
सौ सृंगार क्या होन्दु नि जाणी
फिफ्ना फत्याँ छिन गालोडी तिड़ी छिन
काम का बोझ की मारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२
खैरी का आंसूंन आंखी भोरीं चा,मन की स्याणी गाणी मोरीं चा -2
सरेल घर मा टक परदेश, सांस चनि छिन आस लगीं चा
यूँ की महिमा न्यारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२
दुःख बीमारी मा भी काम नि टाली,घर बाण रुसडू याखुली समाली-२
स्येंद नि पै कभी बिजदा नि देखि, रत्ब्याणु सूरज यूनी बिजाली
युन्से बिधाता भी हारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२
प्रीत सी कुंगली डोर सी छिन ये
पर्वत जन कठोर भी छिन ये
हमारा पहाडू की नारी.. बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-2
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
उत्तराखंड के rafi... उत्तराखंड के सुर सम्राट, लोक संगीत के स्तम्भ स्वर्गीय गोपाल बाबु गोस्वामी भारत वर्ष के पहाड़ी राज्यों के लिए यह गाना! किस प्रकार से पहाड़ के लोग सीधे साधे होते है, उनकी बोली मीठी है! मेहनती और ईमानदार लोग पहाड़ी .. पढिये इस गाने के बोल -
मीठी मीठी पहाड़ों की बोली
ओ मीठी मीठी पहाड़ों की बोली
ओ मीठी मीठी पहाड़ों की बोली
हो रंग रंगीला लोग पहाड़ी
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
मीठी मीठी पहाड़ो की बोली
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
कुमाऊं गढ़वाल हो या नेफ़ा हो लद्दाख हो
कुमाऊं गढ़वाल हो या नेफ़ा हो लद्दाख हो
जम्मु हो कशमीर हो या त्रिपुरा आसाम हो
मीठी मीठी हिमांचली बोली
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
मीठी मीठी पहाड़ो की बोली
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
तिब्बती किन्नौरी हो या पड़ोसी नेपाली हो
तिब्बती किन्नौरी हो या पड़ोसी नेपाली हो
म्यु ज्यौना का जौनसारी लागी प्यारी प्यारी हो
म्यु ज्यौना का जौनसारी लागी प्यारी प्यारी हो
मीठी मीठी पहाड़ो की बोली
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
मीठी मीठी पहाड़ो की बोली
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रंगीला पहाड़ी
सीदा सादा लोग हम मेहनती इन्सान हम
सीदा सादा लोग हम मेहनती इन्सान हम
यारों का हम यार सदा, दुश्मनों का काव हम
यारों का हम यार सदा, दुश्मनों का काव हम
दुश्मणों की आंख दीनू फ़ोड़ी
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
रंगीला छबीला पहाड़ी
मीठी मीठी पहाड़ो की बोली
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
शूरबीर योद्धा हम, हम बड़ा विद्वान छौं
शूरबीर योद्धा हम, हम बड़ा विद्वान छौं
सीमा का संतरी हम भारत का लाल छौं
सीमा का संतरी हम भारतीय लाल छौं
फ़ौलादी चट्टान हम पहाड़ी
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
मीठी मीठी पहाड़ो की बोली
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
देवों की जन्मभूमि यौं सारे पहाड़ छैं
देवों की जन्मभूमि यौं सारे पहाड़ छैं
देवों का लाड़िला लाल पहाड़ी तमाम छैं
देवों का लाड़िला लाल पहाड़ी तमाम छैं
किन्नरों की यौ छू मेरी भूमि
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
मीठी मीठी पहाड़ो की बोली
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
रंग बिरंगी वेशभूषा रस भरी त्यौहार छैं
रंग बिरंगी वेषभूशा रस भरी त्यौहार छैं
रीत धीत गीत सबै रह्स्य की खान छैं
रीत धीत गीत सबै रह्स्य की खान छैं
नाचनी उमंग में पहाड़ी
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
मीठी मीठी पहाड़ो की बोली
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
एक देश भारत छू, हम भारती लाल छौं
एक देश भारत छू, हम भारती लाल छौं
देश की एकता लीजी हम सदा तैयार छौं
देश की एकता लीजी हम सदा तैयार छौं
संस्कृति हमरी न्यारी न्यारी
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
मीठी मीठी पहाड़ो की बोली
रंग रंगीला लोग पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
छबीला रसीला पहाड़ी
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
उत्तराखंड राज्य आन्दोलन पर बना यह गाना jise sun kar लोग आन्दोलन में कूद पड़े थे! आज भी यह गाना उत्तराखंड राज्य आन्दोलन kee यादे ताजा करता है ! दुःख है जिस प्रकार का विकास उत्तराखंड का जन मानस चाहता था वो अभी तक नजर नहीं आया है!
नरेन्द्र सिह नेगी जी द्वारा रचित यह गाना!
मथि पहाड़ बटी , निस गंगाडू बटी
मथि पहाड़ बटी , निस गंगाडू बटी
स्कूल ,दफतर , गोऊ , बाज़ार बटी
मन्खियु की डार धारू-धारू बटी
हिटण लगिया छन , हिटण लगिया
हिटण लगिया छन बैठण लगा नि
बाटा भरा छन सड़क यु मा जगा नि
हे जी कख जाणा ..................
हे जी कख जाणा छा तुम लोग
.co.......उत्तराखंड आन्दोलन मा
सभी कख जाणा छा तुम लोग
co ........उत्तराखंड आन्दोलन मा
दीदी कख जाणा छा तुम लोग
co ........उत्तराखंड आन्दोलन मा
भूख न तीस न डर न फिकर चा
मुठ बोटी छन कसी कमर चा
हथ म मुछियला आँखों म अंगार
खुटा धरती म आकाश नजर चा
हिटण लगिया छन , हिटण लगिया
हिटण लगिया छन बैठण लगा नि
बाटा भरा छन सड़क यु मा जगा नि
हे जी कख जाणा छा तुम लोग
.co.......उत्तराखंड आन्दोलन मा
काका भी दादा भी नाती सड़क मा
एक ह्वेनी सभी जाती सड़क मा
माँ बहिनों कू दुःख सड़कों मा
दुखी लाचार बुढाप सड़कों मा
बेरोजगार जवानी सड़कों मा
हिटण लगिया छन , हिटण लगिया
हिटण लगिया छन बैठण लगा नि
बाटा भरा छन सड़क यु मा जगा नि
हे जी कख जाणा छा तुम लोग
.co.......उत्तराखंड आन्दोलन मा
सभी कख जाणा छा तुम लोग
co ........उत्तराखंड आन्दोलन मा
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
उत्तराखंड के लोक गायक प्रहलाद सिंह महरा ने फौजी भाइयो के जीवन पर यह गीत रचा है! एक फौजी भाई जिसकी छुट्टी ख़त्म होने वालो और उसे देश की रक्षा में जाना है और अपने माँ और घरवाली को कैसे समझाता है, पढिये इस गाने के बोल :
आजा का दिन छियो घर माजा
आजा का दिन छियो घर माजा भोल जाण छो मील परदेश माजा.
आजा का दिन............
मेरी सुवा तू भली है रिये
इजा बाजियु की सेवा करिए
मेरी भुली जिया, मेरी भुला
मेरी भुला तू ..
मै जाण रियो परदेश, म्यार दिल यही छो .
आजा का दिन छियो
.......
झन करिया मेरी फिकर
लौटी उना जरुर में घर
ईजा ना मार डाड, बाजियु ना उदास
भारत माता का छियो में च्यल साच
दिन ऊछा जान्छा ..
आजा का दिन छियो
चार दिन का यो जिन्दगी ये जिन्दगी में
झूटी माया की ये दुनिया में
क्वेके का को ना हून
अमर क्वे नि हूना... 2
प्राणी ले उडी जाण , खाली माट ये रूछा
आजा का दिन छियो घर माजा
आजा का दिन छियो घर माजा .
भोल जाण छो मील परदेश माजा.
.
आजा का दिन छियो घर माजा ...
दिन ऊछा जान्छा .
दिन ऊछा जान्छा .
दिन ऊछा जान्छा .
हिंदी में भावार्थ
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फौजी आपने पत्नी से कहता है:-
आज के दिन वह घर में है,
कल के दिन उसे प्रदेश की नौकरी में जाना है!
पत्नी और अपनी भाई बहिन से कहता है :
मेरी सुवा (पत्नी) तू अपना ख्याल रखने और
मेरी माता पिता (ईजा बाजियु) की सेवा करना
मेरी भुली (बहिन) मेरा भुला (भाई) जी.
तुम अपना ख़याल रखना
मै तू परदेश जा रहा हूँ, लेकिन मेरा दिल यही है.
आज के दिन वह घर में है,
कल के दिन उसे प्रदेश की नौकरी में जाना है!
अब कहता है :
मेरी फिकर नहीं करना, मै घर लौट के जरुर आवूंगा.
मेरी ईजा (माँ) तू रो मत, मेरे बाज्यू (पिता) आप उदास मत हो
भारत माँ का में सच्चा लाल हूँ,
दिन आते है और जाते है. ...
आज के दिन वह घर में है,
कल के दिन उसे प्रदेश की नौकरी में जाना है!
चार दिन की यह दुनिया है
सब झूठी माया मोह है,
किसका कोई नहीं है..
मिटटी यही रहेगी, प्राणी (आत्मा) को उड़ के जाना है
आज के दिन वह घर में है,
कल के दिन उसे प्रदेश की नौकरी में जाना है!
दिन आते जाते है..
दिन आते जाते है..
दिन आते जाते है..
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