Author Topic: Some Exclusive Kumaoni Folk Songs- कुछ प्रसिद्ध कुमाऊंनी लोकगीतों का संग्रह  (Read 22560 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

प्रयाग पाण्डे
December 17 at 8:30pm
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
सावनी साँझ आकाश खुला है
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
छानी खरीकों में धुआं लगा है
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
थन लागी बाछी कि गै पंगुरी है
द्वी - द्वा, द्वी - द्वा दुधी धार छूटी है
दुहने वाली का हिया भरा है
ओ हो ये मन धौ धिनाली।
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
मुश्किल से आमा का चूल्हा जला है
गीली है लकड़ी कि गीला धुआं है
साग क्या छौंका है कि गौं महका है
ओ हो रे गंध निराली।
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
कांसे की थाल - सा चाँद टंका है
ओ हो रे साँझ जुन्याली।
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
दूर कहीं कोई छेड़ रहा है
ओ हो रे न्योली "सोरयाली"
जौल्यां मुरुली का "सोर" लगा है
आइ - हाइ रे लागी कुतक्याली
ओ हो रे ओ दिगौ लाली।
- गिरीश तिवाड़ी "गिर्दा"

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

प्रयाग पाण्डे
July 17
ऋतु औनी रौली भंवर उडला बलि,
हमारा मुलुका भंवर उडला बलि |
दै खायो पात मे भंवर उडला बलि,
के भलो मानी छो भंवर उडला बलि,
ज्यूनाली रात मे भंवर उडला बलि,
के भलो मानी छो भंवर उडला बलि,
है जा मेरी भैया भंवर उडला बलि,
यो गैली पातला भंवर उडला बलि,
पंछी वांसनया भंवर उडला बलि,
है जा मेरी भैया भंवर उडला बलि,
कविता की लेख भंवर उडला बलि,
सुणो भाई बन्दों भंवर उडला बलि,
मिली रया एक भंवर उडला बलि,
सुणो भाई बन्दों भंवर उडला बलि,
ऋतु औनी रौली भंवर उडला बलि,
हमारा मुलुका भंवर उडला बलि |
-मोहन सिंह रीठागाड़ी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
पै सुणो कुमाऊँनी जोड़ाक द्वि- तीन टुकड़ -
(१)
दातुलै की धार........... ।
अदगाड़ छोड़ी गैछै ,
न वार न पार ॥
(२)
बाकेरे की खुटी,
आपण जोभन देखी ,
आफी रैछै फुटी ॥
(३)
मारी हैछ माखी ,
तराजु में तोली दिए , कैकी माया बांकी ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
मित्रो ! पै सुणो कुमाऊँनी बैराक द्वि टुकड़ -
(१ )
रहटै की ताना , घट कुल वाना , कैलै पाले जतिया कसो , कैका बिगड़ा दाना ,
जैल त्वीकैं जनम दिया , वी है भलि राना , मुखडी की छवि त्यरी गदुवा उसाणा ।
(२)
दोतारी को तारा , अल्मवाड़ा मोटर चली , नैनीताल कारा ,
गिवाजो की चारा , फुटिया करम जसा , फुटिया विचारा ,
कांणी आँखी रीता भाना , सुपना हजारा ,
कौली ब्वारी नजर लगै , आँखी लागी धारा ॥

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
गंगा जी की औत
तराजू मां तोली लेणा, कैकी माया भौत
तराजू मां तोली लेणा, कैकी माया भौत
झंगोरा की घांण, झंगोरा की घांण
जैकी माया घनाघोरा, आंख्यूं मा पछ्याण
जैकी माया घनाघोरा, आंख्यूं मा पछ्याण
जैकी माया घनाघोरा हो.....

सड़का की घूमा, सड़का की घूमा
सड़का की घूमा, सड़का की घूमा
सदानि नि रैंदी सुवा, जवानी की धूमा
सदानि नि रैंदी सुवा, जवानी की धूमा
सदानि नि रैंदी सुवा हो......

भिरा लीगे भिराक, भिरा लीगे भिराक
भिरा लीगे भिराक, भिरा लीगे भिराक
तरुणी उमर सुवा, बथौं सी हराक
तरुणी उमर सुवा, बथौं सी हराक
तरुणी उमर सुवा हो.........

घुघुती को घोल,घुघुती को घोल
घुघुती को घोल,घुघुती को घोल
मनखि माटू ह्वे जांद, रई जांदा बोल
मनखि माटू ह्वे जांद, रई जांदा बोल
मनखि माटू ह्वे.......

गौड़ी कू मखन, गौड़ी कू मखन
गौड़ी कू मखन, गौड़ी कू मखन
दुनिया न मरि जाण, क्या ल्हिजाण यखन
दुनिया न मरि जाण, क्या ल्हिजाण यखन
दुनिया न मरि जाण....

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
घुगतीन बियाती मोण ला घुगल (एक हंसौड़ा लोकनृत्य गीत )
स्रोत्र - शिवा नन्द नौटियाल , गढ़वाल के लोकनृत्य
इंटरनेट प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
फुर घुगती फुर
सड़कूँ का खोल
घुगतीन बियाण ला घुगती मोल। फुर घुगती फुर-
आंखी लाइ ऐना
घुगती न बियाण तै चैत का मैना। फुर घुगती फुर-
नाऊँ धारो गूजा
घुगती बिये गय , कौरा बधाण बालण की पूजा। फुर घुगती फुर-
लागी जाली खूद
कन घुगती तौंकी छई , माणा दूद। फुर घुगती फुर-
काटी जाली खाईं , काटी जाली खाईं
तुमड़ी को पर्या अर भंगल्यट की राई। फुर घुगती फुर-
बल्द धारे जुऊ ,
घुगती छांछ छोळे , छोळण सेर घीऊ। फुर घुगती फुर-
काटी जाली लौकी ,
छोळण सेर घिऊ बोदन , कन घुगती तौंकी। फुर घुगती फुर-
एखी मारी भेखी ,
घुगती घुगती बोदन , आंख्युंन नी देखी।फुर घुगती फुर-
तिमलो को पात ,
छोळण सेर घिऊ बोदन , क्या च बक्की बात। फुर घुगती फुर-
कफू बासो जेठ ,
घुगती बचीं रैली , हम ह्वे जौंला सेठ। फुर घुगती फुर-
ढंडी धोळे जाळा,
गौड़ी -भैंसी बेचीं द्यावा , तैं घुगती पाळा। फुर घुगती फुर-
झंगोरा की धाण ,
घुगती बचीं रैली हमारी , घी दूद खाण। फुर घुगती फुर-
बुति जाली राई ,
घुगतीन दूद दे , कन जमानो आई। फुर घुगती फुर-
कुयेड़ि सी लौंकी ,
चल दीद्यो देखी औंला , कन घुगती तौंकी। फुर घुगती फुर-
खाई जाली बेरा ,
फुर घुगती उड़े , पदानो सेरा। फुर घुगती फुर-
गाड़ी जाला गैणा ,
कैकि घुगती होली , हमन मारी दीणा। फुर घुगती फुर-
गाड़े जालो सैरा।
त्वै तैं मारी देला , औउ घुगती घैरा। फुर घुगती फुर-

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
हो सरग तारा , जुन्याली रात।
को सुनलो यो मेरी बात ?
पाणी को मसिक सुवा पाणी को मसिक ।
तू न्है गये परदेस मैं रूंली कसीक ?
हो सरग तारा ,जुन्याली रात ,को सुनलो यो मेरी बात ?
विरहा कि रात भागी , विरहा की रात।
आखन वै आंशु झड़ी लागी वरसात ।
हो सरग तारा ,जुन्याली रात ,को सुनलो यो मेरी बात ?
तेल त निमडी गोछ ,बुझरोंछ बाती ।
तेरी माया लै मेडी दियो सरपे कि भांति।
हो सरग तारा ,जुन्याली रात ,को सुनलो यो मेरी बात ?
अस्यारी को रेट सुवा, अस्यारी को रेट ।
आज का जईयां बटी कब होली भेंट।
हो सरग तारा ,जुन्याली रात ,को सुनलो यो मेरी बात ?।
(कुमांऊँ का लोक साहित्य )

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
कुमाउँनी चाँचरी smile emoticon
रहौटै कि तान गीता, ओ गीता त्वैकें खाण पड़ल।
मडुवा रोटो सिणु को साग, ओ गीता त्वैकें खाण पड़ल॥
देइ में तेरी इज बैठिछ, खिड़कि बाट औंण पड़ल।
झाँवर की घाण गीता, ओ गीता त्वैकें खाण पड़ल।
झाँवर की घाण गीता, ओ गीता त्वैकें खाण पड़ल।
पैंली लैछै घणी माया, खिड़कि बाट औंण पड़ल।
पैं नै औनै चाण गीता, खिड़कि बाट औंण पड़ल॥
रहौटै कि तान...............!
बाकरै कि बसी गीता, ओ गीता त्वैकें खाण पड़ल।
बाकरै कि बसी गीता, ओ गीता त्वैकें खाण पड़ल।
देखि हैछै पार डाना, खिड़कि बाट औंण पड़ल।
ब्याण तारा जसी गीता, खिड़कि बाट औंण पड़ल॥
रहौटै कि तान.............! smile emoticon

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
heart emoticon जोहारी आराधना गीत smile emoticon
जनपद पिथौरागढ़ का मुनस्यारी विकास खंड शौका जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। इस क्षेत्र को 'जोहार' के नाम से जाना जाता है। यहाँ की साँस्कृतिक परम्परा विशेष स्थान रखती है। यहाँ कौतिक के दरमियान कौतिक्यार लोग देवस्थल पर पहुँचकर मंदिर की परिक्रमा करते हुए देवी की आराधना करते हुए एक पारम्परिक लोकगीत गाते हैं, जिसके बोल इस प्रकार हैं:-
heart emoticon छिला! ताछी-तुछी कुट्याली क, हाली छ बीन, ताछी-तुछी.....।
छिला! त्वी देवी की सेवा कौंल, बरष दीन, त्वी देवी की.....॥
छिला! नन्दा क कौतीक हुँह, बरष दीन, नन्दा क.....।
छिला द्वि जौंला नाङारा ल्होंल, बरष दीन, द्वि जौंला.....॥
छिला! द्वि जौंला निशान ल्होंल, बरष दीन, द्वि जौंला.....।
छिला! दैण ह्वए नन्दा माई, सबों की तरफ, दैण ह्वए.....॥ smile emoticon

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
एक सुप्रसिद्ध जोहारी लोकगीत :)
रंगीलो मुलुक मेरो, हिमाँल फूल कस्तूरी, फूल कँवाल।
नीमैल घाम, जुन्याली रात, ठंडो पानी छ ठंडो बयाल॥
ऊँचो अल्को यो डाना धुरा, अहा !हरियाली छायूँ छ याँकी बुग्याल।
चड़ि बासँछी, रुणिं-झुनि लैंछी अहा ! गैल पातल बास निवाल॥
देवि-देवों को याँ छ निवास, अहा ! मासि गोगुल, नैर ऊँचो बुग्याल।
यो भूमि की सेवा करूँला, अहा ! येकी रक्षा करी होंल निहाल॥ :)

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22