Author Topic: Some Exclusive Kumaoni Folk Songs- कुछ प्रसिद्ध कुमाऊंनी लोकगीतों का संग्रह  (Read 23419 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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प्रसिद्ध गढ़वाली कहानीकार स्वर्गीय श्री भगवती प्रसाद जोशी "हिमवंतवासी "जी तैं
सादर......... एक गीत
जै बोलो बेमान की
----------------------------
जै बोलो बेमान की, जै बोलो बेमान की ।
सच तैं सच बथाणू मुश्किल, घळचाघंड ईमान की ।।
पर्या बांठु फर नेथ धरींच, काणा -गरूडौं कि बार प्वडी़ंच ।
पुजै कु ब्वगठ्या गोळ ह्वै ग्याई, बाक्यूं कि अपुड़ि गिच्चि छ्वड़ींच ।।
बाड़ उज्याड़ खाण लगींच, देखो! आँखा ताण की...
जै बोलो बेमान की, जै बोलो बेमान की............
मतलब सिंह जी स्वाँग रचै की, इज्जत -आदर पाणा छन।
धरम -करम सिंह बेळि निकळणौ देळ्यूँ ट्वकरा खाणा छन ।।
झूठा की जैकार हुयीं च, सच्चा कू बदनाम जी....
जै बोलो बेमान की, जै बोलो बेमान की...........
अखबारों मा खबर छपीं च, माटु -सिमट की जोड़ी मिलींच ।
बोचर -बिल सब पास हुयाँ छन, बजट चपाणकि देर हुयीं च ।।
साबुत सरिया सिमट पचै गिन हमरा हजमाराम जी............
जै बोलो बेमान की, जै बोलो बेमान की..........
हमरा हकौं की बरखा हैंका मुलक मा बरखी ग्याई जी ।
अपुड़ो पराण सौण स्वाति मा चोळि सि तरसी ग्याई जी।
भुयाँ मा ऐकि ग्वळदंगि कैगे यो निरभै असमान भी... ....
जै बोलो बेमान की... जै बोलो बेमान की....
बरमस्या खरदूषण यख जी हम फर दाँत पळ्याणा छन।
जात -पात का मुछ्यळा जगैकी, परदूषण फैलाणा छन ।।
धन गढ़ माँ का फुंड्यानाथौ ! तुम खुण च परणाम जी......
जै बोलो बेमान की..... जै बोलो बेमान की.....
Copyright harish juyal Kutaj.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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जै बोलो बेमान की
----------------------------
जै बोलो बेमान की, जै बोलो बेमान की ।
सच तैं सच बथाणू मुश्किल, घळचाघंड ईमान की ।।
पर्या बांठु फर नेथ धरींच, काणा -गरूडौं कि बार प्वडी़ंच ।
पुजै कु ब्वगठ्या गोळ ह्वै ग्याई, बाक्यूं कि अपुड़ि गिच्चि छ्वड़ींच ।।
बाड़ उज्याड़ खाण लगींच, देखो! आँखा ताण की...
जै बोलो बेमान की, जै बोलो बेमान की............
मतलब सिंह जी स्वाँग रचै की, इज्जत -आदर पाणा छन।
धरम -करम सिंह बेळि निकळणौ देळ्यूँ ट्वकरा खाणा छन ।।
झूठा की जैकार हुयीं च, सच्चा कू बदनाम जी....
जै बोलो बेमान की, जै बोलो बेमान की...........
अखबारों मा खबर छपीं च, माटु -सिमट की जोड़ी मिलींच ।
बोचर -बिल सब पास हुयाँ छन, बजट चपाणकि देर हुयीं च ।।
साबुत सरिया सिमट पचै गिन हमरा हजमाराम जी............
जै बोलो बेमान की, जै बोलो बेमान की..........
हमरा हकौं की बरखा हैंका मुलक मा बरखी ग्याई जी ।
अपुड़ो पराण सौण स्वाति मा चोळि सि तरसी ग्याई जी।
भुयाँ मा ऐकि ग्वळदंगि कैगे यो निरभै असमान भी... ....
जै बोलो बेमान की... जै बोलो बेमान की....
बरमस्या खरदूषण यख जी हम फर दाँत पळ्याणा छन।
जात -पात का मुछ्यळा जगैकी, परदूषण फैलाणा छन ।।
धन गढ़ माँ का फुंड्यानाथौ ! तुम खुण च परणाम जी......
जै बोलो बेमान की..... जै बोलो बेमान की.....

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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त्वै बुड्या को नाक लम्बो ( परिहासदार, मजेदार , हिलोरेदार लोक नृत्य -गीत )
-
इंटरनेट प्रस्तुति एवं व्याख्या - भीष्म कुकरेती
-
-
त्वै बुड्या को नाक लम्बो
त्वैकु बुड्या मैं रैंदु नी।
रै जा अ रै जा अअ चूची रै जा अ
कुछ नाक छिलण पड़ली
तब्बी बुड्या त्वै मैं छोड़ू नी !!
त्वै बुड्या का फुल्यां जोंगा
त्वैकु बुड्या मैं रैंदु नी। रै जा अ रै जा अअ चूची रै जा अ
त्वै बुड्या जोंगा मुंडण पड़ला
तब्बी बुड्या त्वै मैं छोड़ू नी ! !
त्वै बुड्या को पेट बढ़यूं च
त्वैकु बुड्या मैं रैंदु नी। रै जा अ रै जा अअ चूची रै जा अ
कुछ पेट घटौण पड़लो
तब्बी बुड्या त्वै मैं छोड़ू नी !!
त्वै बुड्या की लम्बी दाड़ी
त्वैकु बुड्या मैं रैंदु नी। रै जा अ रै जा अअ चूची रै जा अ
कुछ दाड़ी कटण पड़ली
तब्बी बुड्या त्वै मैं छोड़ू नी ! !
त्वै बुड्या को लम्बो कोट
त्वैकु बुड्या मैं रैंदु नी।
बुड्या - रै जा अ रै जा उन्नी करलो
जन्नी तू चांदी रै
नायिका - कुछ कोट काटण पड़लो
तब्बी बुड्या त्वै मैं छोड़ू नी !!
तब्बी बुड्या को छोट्टू सुलार
त्वैकु बुड्या मैं रैंदु नी।
कुछ सुलार बढ़ौण पड़लो
तब्बी बुड्या त्वै मैं छोड़ू नी ! !
बुड्या - रै जा अ रै जा उन्नी करलो
जन्नी तू चांदी रै
नायिका त बुड्या ! त्वै मैं छोड़ू नी !!
-
( आभार व गीत सन्दर्भ - डा शिवांनद नौटियाल , गढ़वाल के लोकनृत्य -गीत पृष्ठ 304 )
See Translation

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Gopal Babu Goswami Ji's famous song

कैले बजै मुरली हो बैंणा ऊंची ऊंची डान्यूँ मा
चिरी है कलेजी मेरी तू देख मन मा
मुरुली क सोर सुणी हिया भरी ऐगो
को पापी ल मेरो बैणा मन दुखै हैछो
स्वामी परदेसा मेरा उ जरीं लाम मा
कैले बजै मुरली हो बैंणा ऊंची ऊंची डान्यूँ मा
मेर मैथ की भगवती तू दैणी हजैये
कुशल मंगल म्यारा स्वामी घर लैये
नंगरा निसाड़ा ल्यूँलो देबी मैं तेरा थान मा
कैले बजै मुरली हो बैंणा ऊंची ऊंची डान्यूँ मा
भूमि का भूमिया देबा धर दिया लाज
पंचनामा देबो तुम सुणी लिया धात
गवै की चरेउ मेरी तुमरी छ हाथ
दगड़ रैया देबो स्वामी का साथ मा
कैले बजै मुरली हो बैंणा ऊंची ऊंची डान्यूँ मा

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Gopal Babu Goswami ji song.

काली गंगा को कालो पाणी, काली गंगा को कालो पाणी
कैलो कैलो, छैलो छैलो, कैलो कैलो, छैलो छैलो
यो जुन्याली रात मे, हाय जुन्याली रात में,
यो जुन्याली रात मे, हाय जुन्याली रात में
काली गंगा को कालो पाणी,
काली गंगा को कालो पाणी
कैलो कैलो, छैलो छैलो, कैलो कैलो, छैलो छैलो
नाख में कि फूलि सुआ, नाख में कि फूली,
नाख में कि फूलि सुआ, नाख में कि फूली
पंछी बनूं उड़योनो रात यो जुन्याली,
पंछे बनूं उड़योनो रात यो जुन्याली
काली गंगा को कालो पाणी,
यो काली गंगा को कालो पाणी
कैलो कैलो, छैलो छैलो, कैलो कैलो, छैलो छैलो
यो जुन्याली रात मे, यो जुन्याली रात में ,
हाय जुन्याली रात मे, यो जुन्याली रात में
काली गंगा को कालो पाणी,
ओ काली गंगा को कालो पाणी
कैलो कैलो, छैलो छैलो, कैलो कैलो, छैलो छैलो
माछी ले फटक मारी बलुवा माटी मा,
माछी ले फटक मारी बलुवा माटी मा !
तुम बिना निश्वासी गयूं हौसिया घाटयूं (घांटी) मा,
तुम बिना निश्वासी गयूं हौसिया घाटयूं (घांटी) मा !!
काली गंगा को कालो पाणी,यो काली गंगा को कालो पाणी
कैलो कैलो, छैलो छैलो, कैलो कैलो, छैलो छैलो
यो जुन्याली रात मे, हाय जुन्याली रात में ,
यो जुन्याली रात मे, यो जुन्याली रात में
काली गंगा को कालो पाणी,यो काली गंगा को कालो पाणी
कैलो कैलो, छैलो छैलो, कैलो कैलो, छैलो छैलो
मुलमुल हसी रे सुवा आगासै (आकासै) की जून,
मुलमुल हसी रे सुवा आगासै (आकासै) की जून ।
आस में निश्वासी गो छो यो विरही मना,
आस में निश्वासी गो छो यो विरही मना
काली गंगा को कालो पाणी,यो काली गंगा को कालो पाणी
कैलो कैलो, छैलो छैलो, कैलो कैलो, छैलो छैलो
हाय जुन्याली रात मे, यो जुन्याली रात में ,
हाय जुन्याली रात मे, यो जुन्याली रात में
काली गंगा को कालो पाणी,
यो काली गंगा को कालो पाणी
कैलो कैलो, छैलो छैलो, कैलो कैलो, छैलो छैलो

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी रंगा लेली मोला मेरा बाजु रंगा
ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी रंगा लेली मोला मेरा बाजु रंगा
ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी रंगा लेली मोला मेरा बाजु रंगा
ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी रंगा लेली मोला मेरा बाजु रंगा

मैला ताल हियू बरख्यो तैला ताल हिलो
मैला ताल हियू बरख्यो तैला ताल हिलो

बोल बोल मेरी सुवा को रंगा रंगीलो
बोल बोल मेरी सुवा को रंगा रंगीलो

ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी को रंगा रंगीलो ओ मेरा बाजु रंगा

बुणीता पलंग सुवा बुणीता पलंगा
बुणीता पलंग सुवा बुणीता पलंगा

रंग मा को रंग सुवा ज्वाणी को रंगा
रंग मा को रंग सुवा ज्वाणी को रंगा

ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी ज्वाणी को रंगा ओ मेरा बाजु रंगा

धारी मा की जून सुवा धार मा की जूना
धारी मा की जून सुवा धार मा की जूना

कै बगी को जैली सुवा इनि माया मुना
कै बगी को जैली सुवा इनि माया मुना

ओ मेरा बाजु रंगा हाँ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी इनि माया मुना ओ मेरा बाजु रंगा

घोटी जाळी भंग सुवा घोटी जाळी भंगा
घोटी जाळी भंग सुवा घोटी जाळी भंगा

ज्वाणी को दगडु रैंद दोई दिना ही संगा
ज्वाणी को दगडु रैंद दोई दिना ही संगा

ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी रंगा लेली मोला मेरा बाजु रंगा
ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी रंगा लेली मोला मेरा बाजु रंगा
ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी रंगा लेली मोला मेरा बाजु रंगा
ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी रंगा लेली मोला मेरा बाजु रंगा
ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी रंगा लेली मोला मेरा बाजु रंगा
ओ मेरा बाजु रंगा
उत्तराखंडी गीत है
ओ मेरा बाजु रंगा रंग दे बेचारी रंगा लेली मोला मेरा बाजु रंगा
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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अरे मैना दो ऐ पैली जब मै सैर उंदूगे

क्वि दिल्ली चंडीगढ़ बंबई
क्वि बसिगे भोपाल
धणमण धणमण रुणु रैगे हाय मेरु गढ़वाल
कि जियूं पुंगड़ियूँ मा खाई कमाई
ऊबी दुबलाण मढी चा
जैं तिबरी मा गौव्या लगेणी
वा भी देखा भुंइ मा पड़ी चा
अरे क्वि क्वि बाबा अलख जगोण
बैठी की ऋषिकेश
काली कमली को खिचडू खैकि
भुलि गैनी वो गढ़ देश

अरे मैना दो ऐ पैली जब मै सैर उंदूगे
मैना दो ऐ पैली जब मै सैर उंदूगे
जैका मैन देखि वैका द्वार धकयां रै
अरे जैका मैन देखि वैका द्वार धकयां रै
मैना दो ऐ पैली जब मै सैर उंदूगे
जैका मैन देखि वैका द्वार धकयां रै

घंटी बजाई मैना टन टन टन
अं हा एगेंन मेम साहब तन मन ठन
कि छन जन बोलणि मेम साहब
कि द्वि सौ गज प्लाट कमरा छन छै
अरे फंडे मा जी गुसलोखानों उनेमा रसोई
अरे मैना दो ऐ पैली जब मै सैर उंदूगे
जैका मैन देखि वैका द्वार धकयां रै

घर कि समोण दिखयूँ चंवलों फुकणा
पर बौ मेरी देसी हाल किलै पुछणा
तब ब्यौखोनि को घर भैजी बजणी छे सात
अरे धम जगै बौ न भे थे छोंकयाली भात
साब वैका बाद जब वैका बाद
भैजी जिठा बल बोलणु बौ मा जी
कि घर भतिन भुला तुमारो ऐ लंबा बिळ बने
द्वारपा तेरु धेवड लगिं जल्दी जा छव्य
आं ह मैना दो ऐ पैली जब मै सैर उंदूगे
जैका मैन देखि वैका द्वार धकयां रै

साब वैका बाद जब बौजी नि भैजी थे बोलि
कि तुमरो भुला भौत
लंबा बिळबणिक घर बैठी छ अंयु
भैजी कैने बल बोनो
कि ये गमड्या छुयूँन मेरु मोन्डर उठो ना
यु बंबई को बाटो ऐरू गैरु चितो ना
सैन पड्युं कि ह्वै बल
की पौछो को जाडो मणि नेटको बणयूं छो
वख जाडल झंगोरा जन पोटगो लगयूं छो
तै का बाद जब रात सब सै गैनी लेकिन
मछर भैजि मेरा संग बातचीत छन कन
कन छन कण
कि मछर बोदा कनोड़ियुं मा की सैंगै ऐ जंवाई
अरे कन बढ़िया हुणु देहराधुंडु पर रुवै
आं ह मैना दो ऐ पैली जब मै सैर उंदूगे
जैका मैन देखि वैका द्वार धकयां रै

अपड़ो पहाड़ भैजियों स्वर्ग समाण
अरे धर्म संस्कार जख मान समाण
पहाड़ जिबान भैजियों लंबी उमरा
अरे सैर मा रात दिन सोच फ़िक्रर
अब त मन मुठी पर चबोलि न दणुका ह्वै
पहाड़ो को जिबान जाण पहाड़ों मा समै
अरे पहाड़ो को जिबान जाण पहाड़ मा समै
पहाड़ जिबान जाण पहाड़ों मा समै
यों पहाड़ों मा समै
यों पहाड़ों मा समै
यों पहाड़ों मा समै

उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
अरे मैना दो ऐ पैली जब मै सैर उंदूगे
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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© & P - Bindabasini Music Pvt . Ltd
Song: Jharile झरिले रुझ्दा पनि मेरो तन मन जलेको छ
Lyrics: Dabbu Chhetri
Music: jugal Dangol
Video Director: Dabbu Chhetri
Nabin Lamsal and Rupa Khanal
Camera : Niroj Shrestha
Edit: Mitra Dev Gurung
Album: JHARI

Re-uploading the video from any other channel is strictly prohibited. If found doing so Bindabasini Music will be forced to take a legal action against such deeds. Where as one can embed the video in their links. Support and save Nepali Music. Stop Piracy, Save Music and Save Artists.
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बारा मैनो की ब्वे बारामास गाई

बारा मैनो कि ब्वे बारामास गाई
घगरी फटी कि घुंडियों मां आयी चैत का मैना दिशा भेट होली .... २
तेरी ब्येटुली ब्वे डब डब रोली
बैसाख मैना कोथीग उरोलु
बिना स्वामी जी का प्राण झुरोलू
बारा मैनो की ब्वे............

जेठ का मैना कोदू बूती जालू .... २
मेरी फुंगडियो ब्वे कु बूती आलु
आषाढ़ मैना कुयडी लोङ्काली
बिना स्वामी जी का कनु के कटेली
बारा मैनो की ब्वे............

सौण का मैना कूडो चूंवालो .... २
जो पाणी भैर, भीतर भी आलो
भादो का मैना संगरांद आली
मेरु कु च ब्वे जु मैत बुलाली
बारा मैनो की ब्वे............ अशूज मैना शराद भी आला
पितर हमारा टुक टुक जाला .... २
कार्तिक मैना बग्वाल आली
स्वामी जौंका घौर, पकोडा पकाली
बारा मैनो की ब्वे............ मंगसीर बैख ढाकर जाला
मर्च बिकैकी गुड लूण ल्योला .... २
पूष का मैना जाड्ड च भारी
बिना स्वामी कि कु होली निर्भागी नारी
बारा मैनो की ब्वे............ माघ मॉस बीच मकरेण आली
कन होली भग्यान जु हरिद्वार जाली.... २
फागुण मैना होली खिलेली
रसीला गीतों सुणी जिकुडी झुराली
बारा मैनो ब्वे............ बारा मैनो की ब्वे बारामास ग्याई




उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
बारा मैनो की ब्वे बारामास ग्याई
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उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
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जीवन पाठक
 
भिटौली लोकगीतों में-
ओहो, रितु ऎगे हेरिफेरि रितु रणमणी,
हेरि ऎछ फेरि रितु पलटी ऎछ।
ऊंचा डाना-कानान में कफुवा बासलो,
गैला-मैला पातलों मे नेवलि बासलि॥
ओ, तु बासै कफुवा, म्यार मैति का देसा,
इजु की नराई लागिया चेली, वासा।
छाजा बैठि धना आंसु वे ढबकाली,
नालि-नालि नेतर ढावि आंचल भिजाली।
इजू, दयोराणि-जेठानी का भै आला भिटोई,
मैं निरोलि को इजू को आलो भिटोई॥

 

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