नरेंद्र सिंह नेगी जी का गया हुया है, जिसके बोल यहाँ पर दिए गए है। इसमे से बहुत से लोगो, जगहों और एतिहासिक सन्दर्भ है, जिनका मुझे इल्म नही है, सिवाय वीरभद्र की पौराणिक कथा और पुरिया नैथानी जी के जो राजा प्रदीप शाह के संरक्षक, और सेनापति थे। और बाद मे अपनी सम्पूर्ण सम्पति दानकर भृत-हरी के प्रभाव मे संन्यासी हो गए थे। अगर किसी को अन्य व्यक्तियों, जगहों या फ़िर एतिहासिक संदर्भो का ज्ञान हो तो बताये।
वीरू भादू कु देस, बावन जादू कु देस,
जय जय बद्री केदार, गढ़ भूमि गढ़ नरेश
वीरू भादू कु देस, बावन जादू कु देस,
जय जय बद्री केदाआआआआअर
द्वेगढ़ भादियार गढ़, लोदन भरदार गढ़
इतिहास लिखित फले साल कई, बड़ा बड़ा सरदार गढ़
तोपगाधि का मे, चौन्दगाधि का चौन्दियाल
चांदपुर गढ़ नरेश, महाराजा कनक पल
कालू भंडारी रानू, रोअत ऐना भिदा ह्वेनी -2
मुंडू का चौरा चीनी, और लवे का चाट रिन्गेनी
वीरू भादू कु देस, बावन जादू कु देस –2,
जय जय बद्री केदार, दुसिया भूमि गढ़ नरेश
अचानक बड़े और और, इससे जादू कु देस,
मे बीच से तरीके
नागपुर गढ़ पहल्यां, बधानियुं कु गढ़ बधन
अपने भरपूर गढ़, ख़्युइलिगध का सजवान
मूल्य अद्रेका गढ़ का,गति पति रमोला ह्वेनी
कुछ जीरी खोला, गोटक जी टी की लेनी
उत्तुगाधि को दिन, धन रे पप्पू चौहान –2
शादीयों भी सिर्र नि झुकी, कण रे हुलु स्वाभिमान
कन्धालियुं कु गढ़ कान्धल, नेगी लोहब गढ़
संगेला गाड़ी का बिष्ट, अस्वालू कु मप्दर
बगदी से आज, मे शादी की
मुंगरा हिंदाव गढ़, कंदा का रोत भाधि
तीलू रोतेली बीरी, बाला तेरु के बुनू साहस -2
उमता आर खेर गढ़ का, द्युरियुं कु खाए की नाश
पीडिया ऐरस गद, गढ़ पंगद कोट गढ़
साबली न वासु गढ़, बांगड़ धुंद कोटि गढ़
उजुदु मासुर गढ़, रमी बदलपुर गढ़
जय देवी उल्खा गाधी,भैरों लंगूर गढ़
जग जग तक रालू याद, सुमाडी कुपंख्या दादा -2
जीतू बग्द्वाल, पुरिया नैथानी वीरगाथा
अजमेर गढ़ का चौहान, नयालू कु गढ़ नयाल
खिम्सरिहा दिकोमाल, मालू माँ गढ़ सुम्यल
देवल गढ़ रानी गढ़, संकरी गढ़ कोली गढ़
भुवना सीरी गुरु गढ़, बांगर दसोली गढ़
जग दे पवार गढ़, भूमि की हवाई शान –2
सीश काटी की जैन, देवतों थे द्याई दान