Uttarakhand > Music of Uttarakhand - उत्तराखण्ड का लोक संगीत
Songs For Saving Forests - वन सम्पदा को वचाने के लिए ये गाने
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
दोस्तों,
उत्तराखंड के लोक संगीत में बहुत सारे एसे गाने बनाये गए है जिसमे की लोगो को उत्तराखंड की वनसंपदा को बचाने के लिए लोगो को जागरूक करने की कोशिश की गयी है !
उत्तराखंड के लोक संगीत में शुरू से जंगलो को बचाने के लिए बहुत गाने बने है! हलाकि आज के समय यह बहुत कम देखने को मिलता है !
आपको हम इस थ्रेड में कुछ इस प्रकार के गानों के बारे में जानकारी देंगे !
M S Mehta
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
यह एक बहुत पुराना झोडा है जिसमे वनसंपदा ko वचाने के बारे कहा गया है !
सरकारी जंगल लछिमा बाज नी काट
लाछिमा.. बाज (पेड़ का नाम) नी काट
पतरोल (जंगल की निगरानी करने वाला) रिसाल
लछिमा, बाज नी काट .
जोडो के द्वारा इस झोडे के आगे बढाया जाता है
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
एक पुराना गीत...
यह जीजा (धनसिंह) जो कि जंगलात विभाग में चौकीदार है और उसकी साली (घस्यारी) जो कि अपने ब्याई हुई भैस के लिय मालू के पत्ते काट रही के बीच संवाद है.. जीजा साली को पहिले पहचानता नहीं और मालू काटने के लिए मना करता है, लेकिन साली उसे पहचान लेती है.. बाद में वह उसे पहचान लेता है और मालू काटने देता है.
चौकीदार:
पारकी भीड़ा को छै घस्यारी,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...
घस्यारी:
वारकी भीड़ा मैं छूँ घस्यारी,
मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...
चौकीदार:
मालू काटी को पाप लागोंछौ,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...
घस्यारी:
भैंसी बिहै रे थोरी है रै छौ, भैंसी बिहै रे थोरी है रै छौ,
मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...
चौकीदार:
तै भैंसीकैणी भ्योल घुर्ये दे, तै थोरी कैणी गाड़ बगे दे,
तै भैंसीकैणी भ्योल घुर्ये दे, तै थोरी कैणी गाड़ बगे दे,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...
घस्यारी:
भैंसी छा भागी दीदी गें प्यारी, भैंसी छा भागी दीदी गें प्यारी
थोरी छौ भागी मिकेणि प्यारी,
भैसी बिहाली दुध पिवाली,
मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...
चौकीदार:
के छू ए तेरो दीदी को नामा,
के छू ए तेरो दीदी को नामा,
वीक मरदा के करों कामा,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...
घस्यारी (मुस्कराते हुए):
दीदी को नामा रामदुलारी, दीदी को नामा रामदुलारी,
धनसिंगा भीना त्यरी अन्वारी,
उनकी छूं मैं साली पियारी,
मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...
चौकीदार (हैरानी और खुशी से):
नौक नि मान्या मैंनी पछ्याणी, नौक नि मान्या मैंनी पछ्याणी,
धनसिंगा मैं छूँ तू मेरी साली.
गोरू बछा गें पन्यार नि पायुँ,
मालू ए तु मालु काटी ले, तू मालू रे...
रोज एजाये पारेकी ढई, वेती लि हैये दूध पराई.
मालू ए तु मालु काटी ले, तू मालू रे...
Provded by OUr member Virendra Singh
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
नरेन्द्र सिह नेगी जी यह गाना, जो की छम घुघरू फिल्म से है !
आवा दीदी, भुली आवा
नाअग घरती की बचवा
डाली बन .... बन लगवा..
.. आवा दीदी, भुली आवा
नाअग घरती की बचवा
हेम पन्त:
उत्तराखण्ड की पुरुष व महिलाओं को वन-संरक्षण की महत्ता समझाने के लिये नरेन्द्र नेगी जी ने निम्न गाना गाया है-
ना काट, तौ डाल्यूं ना काट
डाली काटलि त माटि बगलि, ना कुङि, ना डोखरी ना पुंगङी बचलि
घास लखाङा ना खेति हि रालि, बोला तेरि आस औलाद क्या खालि..
तौ डाल्यूं ना काट, दिदौ डाल्यूं ना काट...
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