Uttarakhand > Music of Uttarakhand - उत्तराखण्ड का लोक संगीत
Songs On Bird Ghughuti - घुघुती पक्षी पर रचित उत्तराखंड के सबसे ज्यादे गाने
dayal pandey/ दयाल पाण्डे:
एक पुराना गाना यह भी है जिसको मेरा पहाड़ के शेखर शर्मा एक्सर गाते हैं-
ओ घुघूती जहाँ बसिए म्योर पहाडा रे , मेरी सुवा सुनैली जावी डार मारिली रे
हो हो हो ........................
जंगला घाहूँ जली बडैली घस्यारा, घर ऐ बेर रवत पकली बडैली रीसारा,
बडैली रिसार तू झन बसिए रे म्योर सुवा सुनैली .....................
हो हो हो ..................
धान बोया धन्याड़ी में ग्यों बोया गिलैमा, नि बुलाली झंन बुलाइये, में तेरो दिलै मा
में तेरो दिलै मां तू झंन बसिए रे मेरी सुवा सुनैली .................
ओ घुघूती .................
dayal pandey/ दयाल पाण्डे:
मेरा पहाड़ के ओडियो एल्बम में भी घुघूती का जिक्र है -
घुघूती बासैं छै जब आम वोट डाई, मैकू तेरी याद ऐन्छ लागी छै नराई
बाट तेरी चान - चान आँख भर आई, सुख चैन लुटा मेरी नीद ली हराई
एक बाना निठुरी उ याद ऐसी आई ...........
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
पराणी झुरि गे .
पराणी झुरि गे
घुघुति घुरि गे
पराणी झुरि गे
नै बास घुघुती तू नै बास च्यापणी
नै चमका मेरो मन नि कर निखाणी
सुध बुध उडिगे
पराणी झुरि गे
आंसु लीजा खेडि दियै उनरि बाखई
नै आग भुराण कभै नि लागी बाटुई
फाम कपोरिगे
पराणी झुरि गे
उडि जा उनरि दिसि वां बांस धैं ट्वाला
कै दिये रिंगोई घूई कतुक बचुला
उमरा पुरी गे
पराणी झुरि गे
कावा का जै दिन भागी मैल त पुरूणा
उचाट लगूंछ घू घू कै तेरो घुरूणा
कलेजु कोरिगे
पराणी झुरि गे
(Provided by our Member Rajen Ji)
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
घुघूती
घुघूती तो बास
ये ऊँचा डंणड़ीयुं मा
घुगुती तो बास
तेरी घुग सुने की
याद आणों ये पहाड़
मण पन्हुचगे रुतैला
मुल्क म्यार गढ़वाल
घुगुती तो बास
हीमखंड को शिला यख च
देबतूं को निवाशा
बद्री- केदार कपाट यख
हमरु धन धन भागा
घुगुती तो बास
तेरी घुगे तेरी घुगे
तन उडों ये आकाशा
याद येगै बाबा बोई की
अन्खोयुं निकले धारा
घुगुती तो बास
याद येगै छुटपन की
दागडीयुओं का खेला
ओ हीन्शोलों का डाला
टीपैकी मील जोंला खोंला
घुगुती तो बास
पन्त्दैर का कीबलाटा
घ्स्यरी गीतों गूंजती डंडी
बल्दों की जोड़ी का घंडा
लै जांदी मयारा गों का बाटा
घुगुती तो बास
उख होली उभी मेरी जी
हिरणी होली मेर बाटा
आम की डाई मा बैठिकी
झट दोडी लै आजा संदेसा
घुगुती तो बास
घुघूती तो बास
ये ऊँचा डंणड़ीयुं मा
घुगुती तो बास
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
Devbhoomi,Uttarakhand:
फोजी ललित मोहन ने भी घुघुती पर ये गाना बहुत सुरीले स्वर में अपनी एल्बम मीठी बोली में गाया है !
ना बासा घुघुती रूख मा,इजू हनेली दुख मा
ना बासा घुघुती रूख मा,इजू हनेली दुख मा !
तेरी घुर-घुर होली,कुर्सी हानियों मा, टप-टप आंसू होली इजू अंखियों मा
ना बासा घुघुती रूख मा,इजू हनेली दुख मा
ना बासा घुघुती रूख मा,इजू हनेली दुख मा !
बिराणा मुलुक इजा तंख बोलुन्ला,ना रो मेरी इजू में लौटी ओला
ना बासा घुघुती रूख मा,इजू हनेली दुख मा
ना बासा घुघुती रूख मा,इजू हनेली दुख मा !
नानी बै तू नानि कनी तू मैत बुलाये,नि बुलाली जब इजू तूवाग भुरिये
ना बासा घुघुती रूख मा,इजू हनेली दुख मा
ना बासा घुघुती रूख मा,इजू हनेली दुख मा !
सोची-सोची याद ओंछी,रोई-रोई आंसू,इजू पहाड़ छोड़ी परदेश गेयुं !
ना बासा घुघुती रूख मा,इजू हनेली दुख मा
ना बासा घुघुती रूख मा,इजू हनेली दुख मा !
यम यस जाखी
Navigation
[0] Message Index
[#] Next page
[*] Previous page
Go to full version