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Tribute To Gopal Babu Goswami - गोपाल बाबू गोस्वामी(महान गायक) की यादे

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Gopal Babu Goswami ji Song

रंगीली चंगीली पुतई कैसी,
फुल फटंगां जून जैसी,
काकड़े फुल्युड़ कैसी !
ओ मेरी किसाणा !
उठ सुआ उज्याउ हैगो,
चम चमको घामा,
उठ सुआ उज्याउ हैगो,
चम चमको घामा
रंगीली चंगीली पुतई कैसी,
फुल फटंगां जून जैसी,
काकड़े फुल्युड़ जैसी
ओ मेरी किसाणा
उठ सुआ उज्याउ हैगो,
चम चमको घामा,
उठ सुआ उज्याउ हैगो,
चम चमको घामा
गोरू बाछा अड़ाट लैगो
भुखै गोठ पाना,
गोरू बाछा अड़ाट लैगो
भुखै गोठ पाना
तेरि नीना बज्यूण हैगे,
उठ वे चमाचम,
तेरि नीना बज्यूण हैगे,
उठ वे चमाचम
घस्यारूं दातुली खणकि,
घस्यारू दातुली खणकि,
वार पार का डाना,
उठ मेरी नांरिंगे दाणी,
उठ वे चमाचम,
उठ मेरी नांरिंगे दाणी, उठ वे चमाचम
उठ भागी नाखर ना कर,
पली खेड़ खाताड़ा,
उठ भागी नाखर ना कर,
पली खेड़ खाताड़ा
ले पिले चहा गिलास गरमा गरम,
ले पिले चहा गिलास गरमा गरम
उठे मेरी पुन्यू की जूना, उठे मेरी पुन्यू की जूना,
छोड़ वे घुर घूरा
ले पिले चहा घुटुकी, गुड़ को कटका,
ले पिले चहा घुटुकी, गुड़ को कटका
रंगीली चंगीली पुतई कैसी,
फुल फटंगां जून जैसी,
काकड़े फुल्युड़ कैसी ओ मेरी किसाणा
उठ सुआ उज्याउ हैगो,
चम चमैगो घामा

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
भिटौली लोकगीतों में-
ओहो, रितु ऎगे हेरिफेरि रितु रणमणी,
हेरि ऎछ फेरि रितु पलटी ऎछ।
ऊंचा डाना-कानान में कफुवा बासलो,
गैला-मैला पातलों मे नेवलि बासलि॥
ओ, तु बासै कफुवा, म्यार मैति का देसा,
इजु की नराई लागिया चेली, वासा।
छाजा बैठि धना आंसु वे ढबकाली,
नालि-नालि नेतर ढावि आंचल भिजाली।
इजू, दयोराणि-जेठानी का भै आला भिटोई,
मैं निरोलि को इजू को आलो भिटोई॥
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गोस्वामी जी के इस गाने मे भिटोला महीना के बारे मे वर्णन है.
बाटी लागी बारात चेली
बैठ डोली मे, बाबु की लाडली चेली बैठ डोली मे..
तेरो बाजू भिटोयी आला बैठ डोली मे.....
एक भिटोला .. बारात के दिन भी दिया जाता है. जैसे ही बारात बिदा होती है.. शाम को लड़की की तरफ़ से लोग भिटोला जाते है.

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