स्वर्गीय गोपाल बाबु गोस्वामी जी बहुत से गीत आज भी उतने प्रसिद्ध है जितने की यह गाने कैसेट के रूप में आये होंगे! उन गानों में विरह, पलायन की पीड़ी झलती है !
१) आज मीके बाटुली लागी
घुट घुट गावा में सुवा, घुट घुँट गावा
२) भादो मासा की ऋतू घोरा
न बासो, न बासो, ओ पापी मोरा
भादो मासा की ........
३) घर छो रंगीली, घरवाली रंगीली
ओ मेरो डाब जसो परिवार,
म्यार घर छो रंगीलो
यह लाइन की एक विशेषता
द्वी फूल जसो, हमर परिवार छो
हम द्वी हमर द्वी, जीवन आधार छो
यानी परिवार नियोजन के लिए