शिवानी जी की कुछ प्रसिद्ध रचनाएं-
आमादेर शान्तिनिकेतन, एक थी रामरती, कृष्णकली, कालिंदी, चौदह फेरे, चिरस्वयंवरा, कैंजा, चल खुसरो घर आपने, स्मृति-कलश, सुरंगमा, करिये छिमा, विप्रलब्धा...
सूची बहुत लम्बी है. मैने इनमें से अधिकांश किताबें पढी हुयी हैं, इस आधार पर कह सकता हूँ कि शिवानी जी कहानियां पढने का एक 'चश्का' लग जाता है. मैं जब भी किसी बुक स्टाल पर जाता हूँ तो शिवानी की किताब के लिये अवश्य पूछता हूँ. अगर वहाँ मेरी नहीं पढी हुयी शिवानी की कोई किताब होती है तो मैं उसे जरूर खरीद लेता हूँ.