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Ekta Bisht 1st Women Cricket Player from Uttarakhnd in Indian Team - एकता बिष्ट

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Ekta Bisht plying shot.
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
एकता की सफलता [/t]
[/t][/t] अल्मोड़ा की एकता बिष्ट ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम में न सिर्फ अपनी जगह बनाई बल्कि इंग्लैंड के साथ हुये मैच में बेहतर प्रदर्शन कर टीम को जीत तक पहुंचाया। इसके लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' का खिताब मिला। भारतीय महिला क्रिकेट के प्रति भले ही सरकारें उदासीन हों पर ल्मोड़ावासियों को अपनी इस प्रतिभावान बेटी पर गर्व है   
उत्तराखण्ड में जब भी क्रिकेट की बात होती है तो लोग
भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के खिलाड़ी महेन्द्र सिंह धोनी का नाम लेते हैं। लेकिन आजकल धोनी नहीं एकता बिष्ट का नाम लोगों की जुबान पर है और हर कोई अपने प्रदेश की इस बेटी पर गर्व कर रहा है। एकता अपनी मेहनत और लगन के बूते पहाड़ के एक छोटे से शहर अल्मोड़ा से भारत की महिला क्रिकेट टीम तक पहुंचीं। हाल ही में वे अतंरराष्ट्रीय स्तर पर हुये महिला क्रिकेट मैच में उत्कूष्ट प्रदर्शन कर अपने गृह जनपद लौटी हैं।
अल्मोड़ा लौटने पर एकता का नगर में भव्य जुलूस और ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत हुआ तथा रैमजे परिसर में नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर एकता के कोच लियाकत अली का भी स्वागत किया गया और एकता की सफलता का श्रेय उन्हें दिया गया। एकता के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गये प्रदर्शन पर हर्ष जताते हुये पूर्व खिलाड़ियों ने कहा कि बिना किसी अकादमी के और सीमित संसाधनों में मध्यमवर्गीय परिवार की इस लड़की ने देश एवं प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर शहर के लोगों ने कहा कि उन्हें गर्व है कि एकता का संबंध अल्मोड़ा से है। एकता के लिये सभी से मिल रही ये सराहना कभी न भूूल पाने वाला सुखद अनुभव की तरह है।
चार देशों की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बाएं हाथ की इस स्पिनर गेंदबाज के उत्कूष्ठ प्रदर्शन ने भारत को जीत दिलाई और वह प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजी गयीं। एकता ने अंतिम मुकाबले में ८ ओवर में ४ मेडेन फेंके और १५ रन देकर तीन विकेट छटके। एकता के पिता के एस बिष्ट और मां तारा बिष्ट अपनी इस होनहार बेटी की सफलता से हैरान भी हैं और खुश भी। भाई विनीत बिष्ट को भी अपनी बहन पर गर्व है। अनेक लोग एकता को उपहार देकर सम्मानित कर रहे हैं। एकता खुद को मिल रहे इतने स्नेह और सम्मान से खुश तो हैं पर वे चाहती हैं कि लड़कियों के लिये खेल के इस क्षेत्र में और अधिक संसाधन विकसित किये जायें। वे प्रदेश में खेलों को लेकर सरकार की उदासीनता से खफा हैं। एकता कहती हैं कि खेल और खिलाड़ियों को लेकर प्रदेश सरकार अभी गंभीर नहीं है।
निम्न मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी एकता मानती हैं कि संसाधनों के अभाव में सफलता की सीढ़ियां चढ़ना बहुत कठिन है पर असंभव नहीं। एकता वर्तमान में अपने परिवार के साथ अल्मोड़ा के खजांची मोहल्ले में रहती हैं। उनका संबंध आपदा ग्रस्त गांव देवली से भी है। बचपन से ही एकता को क्रिकेट पसंद था। वे गुड्डे गुड़िया खेलने की उम्र में ही मोहल्ले की गलियों में प्लास्टिक की गेंद से क्रिकेट खेलती थीं। पढ़ाई और कॅरियर के दबाव के बीच वे १२ साल से खेल के प्रति अपने समर्पण से कभी पीछे नहीं हटीं। कोच लियाकत अली की प्रेरणा ने आज उन्हें अंतरराष्ट्रीय आईकॉन बना दिया है।
एकता बताती हैं 'मैंने १६ साल की उम्र से क्रिकेट को पूरे
मनोयोग से खेला। २००२ में गोरखपुर स्टेट और लगातार २ सालों से सेंटर जोन और इंडिया चैलेंजर में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हूं। विश्वकप प्रतियोगिता में भी शामिल हो चुकी हूं।' अपने इंग्लैण्ड के अनुभवों के आधार पर उन्होंने बताया कि वहां की तुलना में यहां खिलाड़ियों को आधी सुविधा भी बहाल नहीं है। आज अल्मोड़ा नगर में एक अच्छा स्टेडियम तक नहीं है। छोटे से खेल के मैदान में ही सभी खिलाड़ी विभिन्न प्रकार के खेल खेलते आए हैं। जबकि अन्य देशों और कई प्रदेशों में खेल के मैदानों की भरमार है। वहां के खिलाड़ी खेल के सामान और फिटनेस को लेकर कभी कमी महसूस नहीं करते।
सुविधाओं की कमी के बावदूद एकता चाहती हैं कि वे लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलती रहें और बेहतर प्रदर्शन करें। उन्होंने बताया कि अब तक के पूरे सफर में परिवार की पे्ररणा और कोच लियाकत अली का मार्गदर्शन उनके बहुत काम आया। पर उन्हें शिकायत है कि राज्य सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली। एकता का मानना है कि खिलाड़ियों को सुविधाएं देने में राज्य सरकार अभी बहुत पीछे है। सरकारों को इस दिशा में गंभीर होना होगा। क्रिकेट में उत्तराखण्ड की लड़कियों का भविष्य कठिन है। इसकी मिसाल आज तक इस राज्य में लड़कियों के लिए क्रिकेट एसोशिएसन तक गठित नहीं हो पाना है। क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी के उत्तराखण्ड से संबंधों और झारखण्ड के निकटता के बारे में एकता कहती हैं कि झारखण्ड ने धोनी को हमेशा आगे बढ़ाया है। इसलिये स्वाभाविक है कोई भी खिलाड़ी उसी राज्य से अपना नाता जोड़ेगा जो उसका साथ देगा।
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Himalayan Warrior /पहाड़ी योद्धा:

It is matter of great pride of whole the National. Particularly, Uttarakhand state people would be very happy the way latent talent of Uttarakhand is emerging now.

Many-2 congrulations to Ekta. Best wishes from Merapahad Community for her upcoming matches.

As far as Dhoni, he never turned up to his paternal state after being a part of National Cricket Team and winning the world cup.

Ekta hails from Almora. She born & brought up there. So i am sure she will bring many good names for nation as well as Uttarakhand.

May Nanda Devi bless you. Ekta..

adhikari harish dhoura:

कमरा कसो झंन हटिया, डटीया राया.

जय हिंद जय उत्तराखंड

Devbhoomi,Uttarakhand:
Wish You all the very best to you Ekta
चक दे इण्डिया,चक दे उत्तराखंड

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