तंगहाली में चल बसीं उत्तराखंड के गांधी की पत्नी
गुरबत की हालत में ही चल बसीं सुरजी देवी
पर्वतीय गांधी इंद्रमणि बडोनी के परिवार की सुध न हुक्कामों ने सुध ली, न ही हाकिमों ने।
बडोनी के हर संघर्ष में हर पल साथ निभाने वाली उनकी धर्मपत्नी सुरजी देवी गुरबत की हालत में ही चल बसीं।
सुरजी देवी की देखभाल करने वाली भतीजी विजय बडोनी ने मंत्रियों से गुहार लगाई, शासन-प्रशासन से खतों-किताबत की लेकिन न तो पेंशन मिली, न ही कोई दूसरी सहूलियत।
स्व. बडोनी के पारिवारिक सदस्य अधिवक्ता शीशराम कंसवाल बताते हैं कि 21 मार्च, 2014 को सुरजी देवी की गिरती सेहत का हवाला देकर मुख्यमंत्री हरीश रावत को एक पत्र फैक्स किया गया था।
लेकिन किसी ने संपर्क करने की जहमत तक नहीं उठाई। जबकि सुरजी देवी को स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा आर्थिक मदद की भी दरकार थी।
उनके नाम पर सियासत करने वाले कई लोग आज ऊंचे ओहदों पर हैं, लेकिन किसी ने परिवार वालों की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दिया।
विधायक पेंशन भी बंद
स्व. इंद्रमणि बडोनी अविभाजित उप्र के समय देवप्रयाग विधानसभा से विधायक थे। उन्हें उप्र सरकार से विधायक पेंशन मिलती थी, लेकिन 18 अगस्त 1999 को बडोनी के निधन के बाद वह पेंशन भी आनी बंद हो गई।
उत्तराखंड आंदोलन के प्रणेता और पर्वतीय गांधी स्व. इंद्रमणि बडोनी की 88 वर्षीय पत्नी सुरजी देवी का सोमवार दोपहर निधन हो गया।
बीते रविवार शाम उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत पर मायाकुंड स्थित निर्मल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह 11 बजे पूर्णानंद घाट पर होगा।
(amar ujala)