Uttarakhand > Personalities of Uttarakhand - उत्तराखण्ड की महान/प्रसिद्ध विभूतियां

NSG Commando Gajendra Singh /अमर शहीद गजेन्द्र सिंह बिष्ट

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Very good lines written by Joshi Ji to combat the terrorism. Enough is enough. Now time has come for India to take serious decision / action.


--- Quote from: khimsrawat on December 02, 2008, 04:53:54 PM ---mumbai aatanki hamale par ek kavita pasoon joshi ki

इस बार  नहीं
इस बार जब वोह चोटी सी बच्ची मेरे पास अपनी खरोंच ले कर आएगी
मैं उसे फू फू कर नहीं बहलाऊँगा
पनपने दूँगा उसकी तीस को
इस बार  नहीं
इस बार जब मैं चेहरों पर दर्द लिखा देखूँगा
नहीं गूंगा गीत पीड़ा भुला देने वाले
दर्द को रिसने दूँगा, उतारने दूँगा अन्दर गहरे
इस बार  नहीं
इस  बार  मैं  न  मरहम  लगाऊँगा
न ही उठाऊँगा रुई के फाहे
और न ही कहूँगा की तुम  आँखें  बंद कर लो, गर्दन उधर कर लो मैं दवा लगता हूँ
देखने दूँगा सबको हम सबको खुले नंगे घाव
इस बार  नहीं
इस बार जब उलझने देखूँगा, छटपटाहट देखूँगा
नहीं दौडूंगा उलझी डोर लपेटने
उलझने दूँगा जब तक उलझ सके
इस बार  नहीं
इस बार कर्म का हवाला दे कर नहीं उठाऊँगा औजार
नहीं करूंगा फिर से एक नयी शुरुआत
नहीं बनूँगा मिसाल एक कर्मयोगी की
नहीं आने दूँगा ज़िन्दगी को आसानी से पटरी पर
उतारने दूँगा उसे कीचड मैं,टेढे मेधे रास्तों पे
नहीं सूखने दूँगा दीवारों पर लगा खून
हल्का नहीं पड़ने दूँगा उसका रंग
इस बार नहीं बनने दूँगा उसे इतना लाचार
की पान की पीक और खून का फर्क ही ख़त्म हो जाए
इस बार  नहीं
इस बार घावों को देखना है गौर से
थोड़ा  लंबे  वक्त तक
कुछ  फैसले
और उसके बाद हौसले
कहीं तोः शुरुआत करनी ही होगी
इस बार यही तय किया है 

... प्रसून  जोशी


--- End quote ---

Anubhav / अनुभव उपाध्याय:
Sabhi deshwasion ki peeda vyakt kar di hai Prasun ji ne in shabdon main.


--- Quote from: khimsrawat on December 02, 2008, 04:53:54 PM ---mumbai aatanki hamale par ek kavita pasoon joshi ki

इस बार  नहीं
इस बार जब वोह चोटी सी बच्ची मेरे पास अपनी खरोंच ले कर आएगी
मैं उसे फू फू कर नहीं बहलाऊँगा
पनपने दूँगा उसकी तीस को
इस बार  नहीं
इस बार जब मैं चेहरों पर दर्द लिखा देखूँगा
नहीं गूंगा गीत पीड़ा भुला देने वाले
दर्द को रिसने दूँगा, उतारने दूँगा अन्दर गहरे
इस बार  नहीं
इस  बार  मैं  न  मरहम  लगाऊँगा
न ही उठाऊँगा रुई के फाहे
और न ही कहूँगा की तुम  आँखें  बंद कर लो, गर्दन उधर कर लो मैं दवा लगता हूँ
देखने दूँगा सबको हम सबको खुले नंगे घाव
इस बार  नहीं
इस बार जब उलझने देखूँगा, छटपटाहट देखूँगा
नहीं दौडूंगा उलझी डोर लपेटने
उलझने दूँगा जब तक उलझ सके
इस बार  नहीं
इस बार कर्म का हवाला दे कर नहीं उठाऊँगा औजार
नहीं करूंगा फिर से एक नयी शुरुआत
नहीं बनूँगा मिसाल एक कर्मयोगी की
नहीं आने दूँगा ज़िन्दगी को आसानी से पटरी पर
उतारने दूँगा उसे कीचड मैं,टेढे मेधे रास्तों पे
नहीं सूखने दूँगा दीवारों पर लगा खून
हल्का नहीं पड़ने दूँगा उसका रंग
इस बार नहीं बनने दूँगा उसे इतना लाचार
की पान की पीक और खून का फर्क ही ख़त्म हो जाए
इस बार  नहीं
इस बार घावों को देखना है गौर से
थोड़ा  लंबे  वक्त तक
कुछ  फैसले
और उसके बाद हौसले
कहीं तोः शुरुआत करनी ही होगी
इस बार यही तय किया है 

... प्रसून  जोशी


--- End quote ---

Mohan Bisht -Thet Pahadi/मोहन बिष्ट-ठेठ पहाडी:
ye NDTV bhi dikha raha hai....

really mai bhai....   bas ek page mai hi sab kuch bata diya.. sachi mai....





KAILASH PANDEY/THET PAHADI:
Salute to all Martyr's.........

पंकज सिंह महर:
शहीद गजेंद्र सिंह के परिवार को चार लाख की मदद


देहरादून, जागरण प्रतिनिधि: मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए कमांडो गजेंद्र सिंह बिष्ट के परिवार को ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के अध्यक्ष कमल घनशाला ने चार लाख रुपये की सहायता दी है। साथ ही उन्होंने शहीद के दोनों बच्चों गौरव व प्रीति को ग्राफिक एरा में स्नातक पाठ्यक्रमों में निशुल्क शिक्षा प्रदान करने की भी घोषणा की। श्री घनशाला ने कहा कि शहीद गजेंद्र का बलिदान उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश के लिए क्षति है। उन्होंने परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि इस राशि को सहायता न मानकर शहीद के प्रति कृतज्ञता समझा जाए। इससे पूर्व श्री घनशाला अपनी पत्नी राखी घनशाला के साथ शहीद गजेंद्र के परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान उनके साथ विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एसआर खंडूजा, चांसलर केपी नौटियाल, प्रशासनिक अधिकारी डीएस रावत, बीके कौल, प्रकाश चंद्र बड़थ्वाल, एमके बंसल व नवीन गुप्ता मौजूद रहे।


शहीद गजेंद्र के नाम पर बनेगा प्रवेश द्वार

देहरादून: मुंबई में आतंकी हमले में शहीद हुए एनएसजी कमांडो गजेंद्र बिष्ट के नाम पर उनके पैतृक गांव अरखुंड में प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। गणेशपुर गांव में पेयजल मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने शहीद गजेंद्र के परिजनों से मुलाकात में यह घोषणा की। श्री कंडारी ने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले के जखोली विकासखंड में कड़ुवापानी जलाशय, वहां की पेयजल योजनाओं, नलकूपों, नहरों, गूलों का नाम भी शहीद गजेंद्र के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने सिंचाई विभाग को शहीद गजेंद्र के बाढ़ में बहे खेतों में चैक डैम बनाने के निर्देश दिए। इस मौके पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि खेमचंद्र गुप्ता मौजूद रहे।

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