Uttarakhand > Personalities of Uttarakhand - उत्तराखण्ड की महान/प्रसिद्ध विभूतियां

NSG Commando Gajendra Singh /अमर शहीद गजेन्द्र सिंह बिष्ट

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Mukesh Joshi:
गजेंद्र को थी देश पर न्योछावर होने की धुनअमित ठाकुर, देहरादून मुंबई में आतंकी कार्रवाई में शहीद हुआ दून का सपूत गजेन्द्र बात-बात पर देश पर जान न्यौछावर करने की बात करता था। उनके बड़े भाई बताते हैं कि आखिरी बार गजेन्द्र जब पिता के निधन के वक्त घर आया था तो तब भी उनकी जुबान पर देश की रक्षा की बातें ही चढ़ी हुई थी। करीब बीस दिन पहले बड़े भाई की गजेन्द्र से मोबाइल पर बात हुई थी। स्वभाव से काफी हंसमुख और बेहद मिलनसार गजेन्द्र का बचपन दून में ही बीता। उनके बड़े भाई विरेन्द्र सिंह बिष्ट बताते हैं कि वर्ष 1991 में जब उन्होंने बारहवीं की परीक्षा पास की तो उसने सेना में भर्ती होने की इच्छा जताई। विरेन्द्र बताते हैं कि उस समय उन्होंने गजेन्द्र को फौज के बजाए पुलिस में जाने की सलाह दी लेकिन गजेन्द्र राजी नहीं हुआ। उसकी रट किसी बात को लेकर थी तो बस सेना में जाकर देश की सेवा करने की। वह बताते हैं कि जब समझाने पर भी गजेन्द्र नहीं माना तो उन्होंने व पिताजी ने उनके सेना में जाने की इच्छा पर हामी भर दी। अपने सर्विस के दौरान गजेन्द्र ने अमूमन देश के प्रत्येक कोने में काम किया। उनके मुताबिक जब भी वह दून आता तो भाईयों व अन्य परिवारवालों के साथ अक्सर देश के लिए कुर्बान होने की बातें किया करता था। बड़े भाई विरेन्द्र बताते हैं कि आखिरी बार वह अगस्त माह में पिता के निधन के वक्त दून आया था। उस दौरान भी उनकी जुबान पर इसी तरह की बातें चढ़ी रहा करती थी। उन्होंने बताया कि आखिरी बार करीब बीस दिन पहले उनकी मोबाइल पर गजेन्द्र से बातचीत हुई थी। तब वह अपने किसी काम से गुड़गांव आया हुआ था। तब बस वह सिर्फ उसकी और बच्चों की कुशलक्षेम ही पूछ पाए थे। बताते हैं कि फिलहाल उनकी दून आने की कोई योजना नहीं थी। संभवत: अगले साल ही वह दून आते। उनका कहना है कि उन्हें कभी ऐसा अहसास भी नहीं था कि कुदरत उनके साथ ऐसा खेल खेलेगी। अपने भाई की शहादत पर गौरान्वित बड़े भाई विजेन्द्र कहते हैं कि उनका भाई शेर था। वह कभी किसी से डरा नहीं। वह बस यही कहा करता था एक दिन देश के लिए प्राण भी न्यौछावर करने पड़े तो इससे पीछे नहीं हटूंगा।
 

Anubhav / अनुभव उपाध्याय:
NSG hawaldar Gajendra Singh, who gave the supreme sacrifice of his Life fighting terrorists in Mumbai's Nariman House.

We salute the martyr from Uttarakhand who did India proud.

Anubhav / अनुभव उपाध्याय:
The body of NSG hawaldar Gajendra Singh, who died fighting terrorists in Mumbai's Nariman House, was brought to Delhi before being taken to his native place Dehradun for the last rites on Saturday.

All ranks and file of the elite force gathered at NSG headquarters in Palam to pay their tributes to the slain hawaldar.

The body of Singh, who was a member of NSG's 51 Special Action Group, will be later taken to Dehradun, an NSG spokesperson said.

Risky Pathak:
 Is Bharitya Sapoot ko sat Sat Naman..

पंकज सिंह महर:
amar shaheed GAJENDRA SINGH BISHT ko mera pahad ki vinamra shradhanjali

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