जल, जंगल, जमीन बचाने को सामूहिक प्रयास की जरूरत : बहुगुणा
प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुन्दर लाल बहुगुणा ने कहा कि जल, जंगल एवं जमीन को बचाने के लिए आम जनमानस को सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है, इसके लिए उन्हें आगे आना होगा। इस दौरान उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के कारीगरों को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़े जाने पर बल दिया। आज यहां दून स्कूल के सभागार में हैस्को के तत्वाधान में पर्वतीय कारीगरों को सशक्त करने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि श्री बहुगुणा ने कहा कि आज के परिवेश में कारीगरों को विज्ञान का अधिक से अधिक उपयोग अपने घर व पहाड़ों में करने की जरूरत है, जिससे उनका अधिक ज्ञान अर्जन हो सके। उन्होंने कहा कि अगर पहाड़ को सुरक्षित करना है तो इसके लिए हमें जल व जंगल को बचाना होगा और यह तभी बचेगें जब एकजुटता से आगे आकर सामूहिक प्रयास किया जा सके। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के कारीगरों को आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण मिले ऐसी व्यवस्था किये जाने की आवश्यकता है, इसके लिए वैज्ञानिकों को भी सचेत होना होगा। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में कारीगरों में वैज्ञानिक सोच पैदा की जानी चाहिए जिससे कारीगर इस विज्ञान का लाभ पहाड़ हित करते हुए आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में विभिन्न तरीकों से रोजगार कैसे प्राप्त हो सकता है ऐसा दिखाने का प्रयास हैस्को कर रहा है यह सराहनीय है, अन्य स्वयं सेवी संस्थाओं को भी इस दिशा में कार्य करने के लिए आगे आना होगा। इस अवसर पर कुलपति डा. वी. के. तिवारी ने कहा कि गांवों में ज्यादा से ज्यादा तकनीकी इनपुट देकर अधिक से अधिक आउटपुट देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कारीगरों को कच्चा माल व डिजाइन मुहैया कराने से उनकी गुणवत्ता में सुधार आएगा साथ ही नए-नए उत्पाद बाजार में आयेंगे। उन्होंने कहा कि कारीगरों को यह भी तय करना होगा की उनकी समस्याओं का निदान किस प्रकार से हो, इसके लिए उन्हें स्वयं ही जागरूक होकर आगे आना होगा। इस मौके पर डी.एस.टी दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुनील अग्रवाल ने कहा कि लाइव बेवसाइट जल्द शुरू होने वाली है इस वेबसाइट से कारीगरों को लाभ मिलेगा साथ ही गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम समय-समय पर चला कर कारीगरों को प्रशिक्षण देना चाहिए। इस अवसर पर हैस्को के संस्थापक डा. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्र के कारीगरों की समस्या से रू-ब-रू होने के साथ-साथ उन्हें वैज्ञानिक तकनीकों से परिचित कराना था। उन्होंने कहा कि संस्था कारीगरों को देश की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रयत्नशील रहेगी। इससे पूर्व मुख्य अतिथि पर्यावरणविद् श्री बहुगुणा ने ‘माउन्टेन टैक्नोलाजी एजेण्डा’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। कार्यशाला में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के आए मूर्तिकार, बढ़ाई, मिस्त्री, कास्तकार, राजमिस्त्री, रूड़िया, दर्जी, लोहार आदि उपस्थित थे।