मेरु गौं बागी नौसा, चंद्रवदनी पटटी, टिहरी गढ़वाळ।अपणा प्यारा गौं मा मैं......मैकु छ अपणु गौं, ज्यु पराण सी प्यारु,मन बस्युं जख मेरु, दुन्यां मा न्यारु......-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु,दिनांक 27.1.2015