बागेश्वर से कुछ और .
सरयू नदी का एक और विहंगम दृश्य |
तेरे मटमैले पानी में भी बसता जीवन अपार,तू कल कल करती संगीत की रानी है,मुझे कुछ और नहीं मालूम तेरे बारे में,जो सूझा ओ कलम की जुबानी है,Quote from: विनोद सिंह गड़िया on August 12, 2010, 05:00:47 PMसरयू नदी का एक और विहंगम दृश्य |