Hunkiya Baul photo.
हरीश त्रिपाठीमैँ सूखे क्षेत्र मेँ रहने वाला, मेरे ऐसे भाग कहाँ कि पहाड़ की इस तरह की लोक संस्कृति को करीब से देख पाऊँ। अमर उजाला मेँ प्रकाशित हुड़की बाँल का ये अद्भुत नजारा, जो शायद कुछ धुँधला हो परन्तु सांस्कृतिक और कलात्मक दृष्टि से एकदम स्वच्छ।