Garhwali & Kumaoni Youth दगड़ियों कहा जाता है " जहाँ न पहुंचे रवि वहाँ पहुंचे कवि "।
" जहाँ न पहुंचे रवि वहाँ पहुंचे कवि "।
लेकिन हमारे पहाड़ में कहना चाहिए " जहाँ न पहुंचे रवि वहाँ पहुंचे हमर पहाड़ी बाखर " ये पहाड़ी बाखर ऐसे ऐसे भेलू पाखों पर चले जाते हैं जहाँ सूरज की रोशनी तो क्या कोई भी नहीं पहुँच सकता।