Author Topic: Agastymuni Rudrpryag Uttarakhand,अगस्त्यमुनि देवस्थल उत्तराखंड  (Read 13541 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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अगस्त्य ऋषि के नाम पर मचा घमासान
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महर्षि अगस्त्य की तप स्थली अगस्त्यमुनि में अब उनके ही नाम को लेकर जंग छिड़ी हुई है। लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते वर्षो से संचालित हो रहे सरकारी संस्थानों के नाम अपने परिजनों के नाम से रखने की मांग कर रहे हैं।

ब्लॉक मुख्यालय अगस्त्यमुनि को पौराणिक काल से ही महर्षि अगस्त्य ऋषि की तपभूमि के नाम से जाना जाता है और इसका वृतांत श्रीमद्भागवत में भी है। यहां अधिकतर सरकारी संस्थान महर्षि के नाम से ही संचालित होते हैं। वहीं, अब व्यक्तिगत पहचान की होड़ में स्थानीय लोग दशकों से अगस्त्य ऋषि के नाम से संचालित हो रहे सरकारी संस्थानों का नाम अपने परिजनों के नाम पर रखने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग ने अब विवाद का रूप ले लिया है।

रुद्रप्रयाग में क्रीड़ा मैदान, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं राजकीय इंटर कॉलेज के नाम महर्षि के नाम पर रखे गए हैं। गत दिनों विभिन्न कार्यक्रमों में पहुंचे सूबे के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से कुछ स्थानीय लोगों ने राइंका अगस्त्यमुनि व सामुदायिक स्वास्थ्य को स्व. हरिदत्त बेंजवाल तथा क्रीड़ा मैदान को उत्तराखंड आंदोलनकारी यशोधर बेंजवाल के नाम करने की पेशकश की गई। यही मुद्दा अब क्षेत्र में बवाल व चर्चा का विषय बना हुआ है।

महर्षि की पहचान होगी समाप्त

अगस्त्यमुनि: अगस्त्य मंदिर के मठाधीश अनुसूया प्रसाद बेंजवाल का कहना है कि जिस तरह लोग नाम परिवर्तन की बात कर रहे हैं इससे महर्षि की पहचान को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। जिला पंचायत सदस्य अवतार सिंह राणा का कहना है कि शहीद व सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम अन्य योजनाओं में अंकित होना चाहिए न की महर्षि के नाम से संचालित हो रहे संस्थानों पर ।

सरकार की स्वीकृति आवश्यक

किसी भी संस्थान के नाम परिवर्तन के लिए शासन से शासनादेश जारी होता है या फिर मुख्यमंत्री द्वारा इसकी विधिवत घोषणा की जाती है। उप जिलाधिकारी जगदीश लाल का कहना है कि यदि इस तरह का कोई प्रस्ताव आता है तो उसे शासन को भेजा जाएगा।

सभी के नाम को मिले पहचान

अगस्त्यमुनि: क्षेत्रीय निवासी गोविंद सिंह राणा व योगम्बर सिंह नेगी का कहना है कि उनके पूर्वज ग्राम सभा भौंसाल डोभा निवासी स्व. भूपाल सिंह राणा व ग्राम सभा बावई निवासी स्व. नैन सिंह नेगी का भी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, इसलिए उन्हें पहचान मिलनी चाहिए।

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अगस्त्यमुनि क्रीड़ा मैदान का बदलेगा नाम
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अगस्त्यमुनि (रुद्रप्रयाग), निज प्रतिनिधि: निर्माणाधीन स्पोर्टस काम्पलेक्स अगस्त्यमुनि के क्रीड़ा मैदान का नाम स्व. शहीद यशोधर बेंजवाल के नाम पर रखे जाने का शासनादेश पारित हो गया है। शहीद यशोधर बेंजवाल समिति की ओर से लंबे समय से शहीद के नाम पर निर्माणाधीन स्पोर्टस काम्पलेक्स अगस्त्यमुनि क्रीड़ा मैदान का नाम शहीद के नाम रखे जाने की मांग शासन से की जपा रही थी। विगत नवम्बर माह में अगस्त्यमुनि पहुंचे मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को समिति की ओर से इस आशय का प्रस्ताव दिया गया जिस पर मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पर शीघ्र अमल का आश्वासन दिया था और अब इस संबंध में शासनादेश पारित कर दिया है। यशोधर बेंजवाल आंदोलन समिति के सचिव दीपक बेंजवाल ने बताया कि शहीद के नाम से क्रीड़ा मैदान का नाम रखे जाने से पहचान मिलेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री निशंक, विधायक आशा नौटियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट का अभार व्यक्त किया है।

जिला क्रीड़ा अधिकारी एसएस साकी का कहना है कि सरकार से शासनादेश आने के बाद स्टेडियम का नाम शहीद यशोधर बेंजवाल रखा गया है। इसका विधिवत उद्घाटन 24 दिसम्बर को होगा।

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अगस्त्यमुनि मंदिर  का बहुत महत्वपूर्ण मंदिर है जो महान महर्षि अगस्त्य की साधना स्थली बना कहते हैं जब एक बार ऋषि अगस्त्य भारत भ्रमण के दौरान उत्तराखक्षेत्र में आए तो यहां के रमणीय शांत वातावरण से प्रभावित हो यहीं पर निवास करने. अनेक लोग इनके शिष्य बने महर्षि अगस्त्य ने रुद्रप्रयाग के पास ही सूर्य भगवान की उपासना भी की थी.

इसके अतिरिक्त एक बार आतापी और वातापी राक्षसों का अंत करने के लिए उन्होंने देवी का आहवान किया था उनकी तपस्या से प्रसन्न हो देवी ने कूर्मासना रुप में अवतार लेकर दैत्य का अंत किया और इस कारण यहां पर ऋषि के मंदिर के समीप ही देवी का मन्दिर भी है.

 

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