Author Topic: Danda Nagraj Temple Dedicated to Lord Sri Krishna-डांडा नागराज मंदिर  (Read 19281 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Staircase of Danda Nagraja. photo by Jagdish Rawat  J.D.

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डंडा नागराजा
 डंडा नागराजा कु मंदिर उत्तराखंड का पौड़ी जिला का बलेंस्युन पट्टी माँ च. यु मंदिर पौड़ी से लगभग 33 किलोमीटर कि दुरी पर स्थित च. ये मंदिर माँ पहुचाणु का वास्ता आप पौड़ी से बस या टैक्सी मिल जली. यु मंदिर भगवान श्री कृषण कु मंदिर च. ये मंदिर कि मान्यता पूरा पूरा गढ़वाल च. ये मंदिर माँ आन वाला भक्क्तो कि मुराद पूरी व्हे जदिन. ये मंदिर माँ गुड कु परसाद व मुराद पूरी व्हे जन भक्तजन छत्तर व घंटा आदि चडानादन. २ गति बैसाख डंडा नागराजा कु कौतिग भी होंद. जगम हजारों कौथिगेर व भक्तजन अदन,   
 
 नागराजा  यख एक गुंफा मा वास करदा पर प्राणु मंदिर नयी मंदिर भीतर सुरक्षीत च !!
 
 एक कथा पर्चलीत च  डंडा नागराजा
 एक बार की बात च्या को दुट्याल रात का बेली डंडा नागराजा मंदिर मा ध्याड़ी बाण राख्यां छंन पर एक रती वों का मन मा खोंटा ऐग्या कांसा का बड़ा बड़ा घंडा देखी की वों थै चराणु को प्रयास क्याई पर जैसे ही घंड़ा थै हाथ लगाई बल सबैर बगत वी दुट्याल चीट्की रहाई सबैर पंडित जी पास छमा याचना बाद वों की मुक्ती वहाई
 डंडा नागराजा आपकी मुराद पूरी करू.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Harish Joshi नागराज एक संस्कृत शब्द है जो कि नाग तथा राज (राजा) से मिलकर बना है अर्थात नागों का राजा। यह मुख्य रुप से तीन देवताओं हेतु प्रयुक्त होता है - अनन्त (शेषनाग), तक्षक तथा वासुकि। अनन्त, तक्षक तथा वासुकि तीनों भाई महर्षि कश्यप, तथा उनकी पत्नी कद्रु के पुत्र थे जो कि सभी साँपों के जनक माने जाते हैं। मान्यता के अनुसार नाग का वास पाताललोक में है।
 
 सबसे बड़े भाई अनन्त भगवान विष्णु के भक्त हैं एवं साँपों का मित्रतापूर्ण पहलू प्रस्तुत करते हैं क्योंकि वे चूहे आदि जीवों से खाद्यान्न की रक्षा करते हैं। भगवान विष्णु जब क्षीरसागर में योगनिद्रा में होते हैं तो अनन्त उनका आसन बनते हैं तथा उनकी यह मुद्रा अनन्तशयनम् कहलाती है। अनन्त ने अपने सिर पर पृथ्वी को धारण किया हुआ है। उन्होंने भगवान विष्णु के साथ रामायण काल में राम के छोटे भाई लक्ष्मण तथा महाभारत काल में कृष्ण के बड़े भाई बलराम के रुप में अवतार लिया। इसके अतिरिक्त रामानुज तथा नित्यानन्द भी उनके अवतार कहे जाते हैं।
 
 छोटे भाई वासुकि भगवान शिव के भक्त हैं, भगवान शिव हमेशा उन्हें गर्दन में पहने रहते हैं। तक्षक साँपों के खतरनाक पहलू को प्रस्तुत करते हैं, क्योंकि उनके जहर के कारण सभी उनसे डरते हैं।
 
 देवभूमि उत्तराखण्ड में नागराज के छोटे-बड़े अनेक मन्दिर हैं। वहाँ नागराज को आमतौर पर नागराजा कहा जाता है। सेममुखेम नागराज उत्तराखण्ड का सबसे प्रसिद्ध नागतीर्थ है। यह उत्तराकाशी जिले में है तथा श्रद्धालुओं में सेम नागराजा के नाम से प्रसिद्ध है। एक अन्य प्रसिद्ध मन्दिर डाण्डा नागराज पौड़ी जिले में है।
 
 तमिलनाडु के जिले के नागरकोइल में नागराज को समर्पित एक मन्दिर है। इसके अतिरिक्त एक अन्य प्रसिद्ध मन्दिर मान्नारशाला मन्दिर केरल के अलीप्पी जिले में है। इस मन्दिर में अनन्त तथा वासुकि दोनों के सम्मिलित रुप में देवता हैं।
 
 केरल के तिरुअनन्तपुरम् जिले के पूजाप्पुरा में एक नागराज को समर्पित एक मन्दिर है। यह पूजाप्पुरा नगरुकावु मन्दिर के नाम से जाना जाता है। इस मन्दिर की अद्वितीयता यह है कि इसमें यहाँ नागराज का परिवार जिनमें नागरम्मा, नागों की रानी तथा नागकन्या, नाग राजशाही की राजकुमारी शामिल है, एक ही मन्दिर में रखे गये हैं। — with Vikram Singh Negi and 50 others.
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