जागर में भी इसका वर्णन होता है, क्योंकि उनके हरिद्वार जाकर गुरु से दीक्षा लेने का वर्णन भी हर जागर में होता है और वह अतरते हुये अपने गुरु की आरती भी करते हैं, यह जागर का एक आवश्यक पार्ट है।
http://www.esnips.com/doc/428537ec-54a4-4ebe-9b01-53703cd97e92/1लीजिये यहा सुनिए नैन नाथ रावल की आवाज़ में गंगनाथ देवता की जागरी