Author Topic: Gangotri, the Source of the River Ganga,गंगोत्री गंगा नदी का उद्गगम स्थान  (Read 62358 times)

विनोद सिंह गढ़िया

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गंगोत्रीधाम आएं तो हर्षिल का भी करें दीदार



गंगोत्री धाम की यात्रा पर आएं तो हर्षिल में ठहर कर प्रकृति का लुत्फ उठाने से वंचित न रहें। यहां हिमाच्छादित चोटियों का नजारा और सेब बागानों के बीच एक दर्जन से अधिक धाराओं में बंटकर जालंधरी और ककोड़ागाड का गंगा भागीरथी के साथ संगम बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां बगोरी गांव में भोटिया समुदाय की संस्कृति की झलक पाने के साथ ही हस्त निर्मित ऊनी वस्त्र भी खरीदे जा सकते हैं। आसपास कई कई धार्मिक स्थल भी मौजूद हैं।
पुराणों के अनुसार, जालंधर की पत्नी वृंदा के श्राप से भगवान विष्णु यहां शिला रूप में परिवर्तित हो गए थे। यहां लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास गंगा भागीरथी में उस शिला के दर्शन भी किए जा सकते हैं। इसी वजह से इस स्थान का नाम हरि शिला और अब हर्षिल पड़ा। हिमाचल सीमा से लगे ग्लेशियरों से निकलती जालंधरी नदी हर्षिल से पहले खूबसूरत झरनों और बाद में सेब बागानों के बीच एक दर्जन से अधिक धाराओं में बंटकर गंगा भागीरथी से संगम करती है। हर्षिल से लगे जाड़ भोटिया समुदाय के बगोरी गांव में बौद्ध मंदिर और प्राचीन स्थापत्य कला को सहेजे लकड़ी के कई भवन भी हैं। गंगा का शीतकालीन प्रवास मुखबा, धराली और छोलमी भी चंद कदमों की दूरी पर होने से श्रद्धालु यहां गंगा मंदिर, कल्प केदार और पंचमुखी महादेव मंदिर दर्शन का पुण्य लाभ भी अर्जित कर सकते हैं।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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