बंशी नारायण के निकट अनेक शिलाओं से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि मंदिर में प्रयुक्त शिलाए निकट से ही ला गयी होगे लेकिन इस दुर्गम स्थान पर किस प्रकार यह मंदिर निर्मित किया गया होगा यह स्वयं में महतवपूर्ण है! वर्गाकार गर्भ वाले इस मंदिर के मुख्य स्थान में शंख, चक्र, गदा पदम् धारी भगवान् विष्णु की प्रतिमा है!
जलेरी में यह विष्णु मूर्ती स्थापित करने के कारन स्थानीय जन यहाँ विष्णु भगवान् पूजा भी करते करते है और शिव रूप में मानकर विल्व पत्र भी चडाते है!