Tourism in Uttarakhand > Religious Places Of Uttarakhand - देव भूमि उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध देव मन्दिर एवं धार्मिक कहानियां

Kalimath Temple, Rudraprayag Uttarakhand-कालीमठ मंदिर, रुद्रप्रयाग उत्तराखंड

<< < (4/4)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
पांडवों ने किया महाराजा पांडू का श्राद्ध

December 5, 2012


रुद्रप्रयाग। कालीमठ में चल रही पांडव लीला में अर्जुन द्वारा गैंडा वध (गैंडा कौथिग), अर्जुन-नागार्जुन युद्ध और पांडवों द्वारा महाराजा पांडू का श्राद्ध कर्म का मंचन किया गया।
कथाक्रम के अनुसार, पांडू की आत्मा धरती पर भटकती रहती है। वह माता कुंती के सपने में आकर श्राद्ध की बात कहते हैं। कुंती यह बात पुत्रों को बताती है। महर्षि वेद व्यास शर्त रखते हैं कि श्राद्ध-तर्पण के लिए गैंडे के सींग का होना जरूरी है।
माता की आज्ञा पाकर वीर अर्जुन भारत वर्ष में गैंडे की खोज में निकल जाते हैं। भटकते हुए अर्जुन को गैंडा नागलोक में मिल जाता है और वह उसका वध कर देते हैं। यह देखकर नागलोक का राजा नागार्जुन क्रोधित हो जाता है। वह लड़ाई में अर्जुन को पराजित कर उनको मूर्च्छित कर देता है।
लड़ाई से वापस लौट नागार्जुन यह बात माता वासदंता को सुनाता है। वासदंता अर्जुन को देख नागार्जुन को बताती है, वह नागार्जुन के पिता हैं। नागार्जुन इंद्रलोक से अमृत लाकर अर्जुन को पुनर्जीवित कर देता है। अर्जुन सपरिवार सींग के साथ अपने घर लौट आते हैं, जिसके बाद महाराजा पांडू का श्राद्ध किया जाता है।

(source amar ujala)

Pawan Pathak:
माँ कालिका मंदिर कालीमठ रुद्रप्रयाग
स्कंद पुराण के अंतर्गत केदारखंड के बासठवें अध्याय में मंदिर का वर्णन है। साथ यहां शिलालेखों में पूरा वर्णन है। इस मंदिर की स्थापना शंकराचार्य की ओर से की गई थी। रुद्रशूल नामक राजा की ओर से यहां शिलालेख स्थापित किए गए हैं जो बाह्मीलिपी में लिखे गए हैं। यहां मां काली ने रक्तबीज राक्षस का संहार किया था, जिसके देवी मां इसी जगह पर अंर्तध्यान हो गई थीं। आज भी यहां पर रक्तशिला, मातंगशिला व चंद्रशिला स्थित है।
नवरात्र के समय महाअष्टमी को रात्रि में यहां महानिशा की पूजा होती है। रात्रि के चारों पहर लोग उपवास रखकर पूजा करते हैं। इस पूजा का सबसे अधिक महत्व है। इस सिद्धपीठ में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु मां को कच्चा नारियल व देवी के श्रृंगार से जुड़ी सामग्री जिसमें चूड़ी, बिंदी, छोटा दर्पण, कंघी, रिबन, चुनरिया अर्पित करते हैं।
sorce
https://www.facebook.com/apnauk/photos/a.596437320435414.1073741828.596432277102585/732463040166174/?type=1

Navigation

[0] Message Index

[*] Previous page

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 
Go to full version