भैरों चौक
भैरों चौक को उत्तरकाशी का सबसे पुराने स्थलों में से एक माना जाता है। प्राचीन ग्रंथों में इसे चामला की चौड़ी कहा गया जो उत्तरकाशी के प्राचीन नाम बड़ाहाट से संबद्ध है। चामला की चौड़ी का नाम यहां लगे एक चंपा के पेड़ के नाम से है एवं इस चौक का उपयोग ग्रामीण सभा की बैठकों तथा तीर्थयात्रियों द्वारा एकत्र होकर प्रार्थना करने की जगह के लिये होता था जो वे गंगोत्री की कठिन पैदल यात्रा से पहले करते थे।
चौक के अंदर तीन महत्त्वपूर्ण मंदिर हैं और ये हैं प्राचीन अन्नपूर्णा माता मंदिर, प्राचीन परशुराम मंदिर एवं प्राचीन भैरों मंदिर।