Author Topic: Kunjapuri in Tehri - सिद्धपीठ माँ कुन्जापुरी: पूरी करती है सबकी मनोकामना  (Read 15844 times)

पंकज सिंह महर

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हेम पन्त

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सन्दीप द और पंकज दा... इस महान आध्यात्मिक स्थान से हम सब को परिचित कराने के लिये आप दोनों का धन्यवाद... दोनों को +१ कर्मा भी... पुन: धन्यवाद...

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Thanks Sandeep bhai aur Pankaj Bhai Maa ke darshan karane ke liye.

Aap dono ko +1 karma :)

sanjupahari

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Sandeep Ji and Mahar ji bahut bahut dhanyawaad itni badiya information dene ke liye...thnx a lot

पंकज सिंह महर

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Sandeep Ji and Mahar ji bahut bahut dhanyawaad itni badiya information dene ke liye...thnx a lot


जै हो माता कुंजापुरी, आपकी महिमा अपरम्पार है, आपकी जानकारी फोरम पर प्रस्तुत करते ही हमारे आजकल विलुप्त से हो गये संजू दा भी प्रकट हो गये।  ;)  :D  ;D

पंकज सिंह महर

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कुंजापुरी मेला


वर्ष 1972 से प्रतिवर्ष दशहरा पर्व के पहले नवरात्रों के दौरान कुंजापुरी मंदिर में कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले का आयोजन किया जाता है।

यह इस क्षेत्र के सबसे बड़े पर्यटक आकर्षण केन्द्रों में से एक है। इसमें पड़ोसी क्षेत्रों के साथ-साथ दुनियाभर के लगभग 50,000 दर्शक भाग लेते हैं। यह मेला पर्यटन एवं विकास को बढ़ावा देने की दोहरी भूमिका निभाता है। कई प्रकार की अंतसांस्कृतिक प्रदर्शनियां और संगीत एवं नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें देशभर के कलाकार हिस्सा लेते हैं। सरकार भी विकास के एक साधन के तौर पर इस मेले का उपयोग करती है तथा स्थानीय किसानों को फसलों और खेती की तकनीकों के बारे में जानकारी देने के लिए इस अवसर का उपयोग करती है।

Devbhoomi,Uttarakhand

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कुंजापुरी माता के प्रमुख शक्ति एवं सिद्ध पीठों में से एक हैं जहां मां के अंग का एक भाग गिरा था. ओर तभी से एक पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाने लगा. कुंजापुरी मंदिर उत्तराखंड में स्थित 51 सिद्ध पीठों में से एक माना जाता है. मंदिर का सरल श्वेत प्रवेश द्वार सभी को आकर्षित करता है जो सेना द्वारा मां को अर्पण किया गया है.

यह मंदिर गढ़वाल के सुंदर रमणीक स्थलों में से भी एक है इसके चारों ओर प्रकृति की सुंदर छ्टा के दर्शन होते हैं. पहाड़ों पर स्थित यह मंदिर भक्तों की आस्था का अटूट केन्द्र है जिसकी डोर माता के दर्शनों से बंधी हुई होती है तथा भक्त यहां खींचा चला आता है

कुंजापुरी मंदिर बहुत ही सुंदर रूप से निर्मित किया गया है कुंजापुरी मंदिर का निर्माण सन 1979 के समय किया गया था. मंदिर का प्रवेश द्वार ही इतना आकर्षक है की मंदिर की आभा में चार चांद लगा देता है. मंदिर तक पहुँचने के लिए सीढ़ियां का इस्तेमाल किया जाता है जो मंदिर की उँचाई से वाक़िफ़ कराती प्रतीत होती हैं.

मंदिर परिसर में शिव ,भैरों, महाकाली, तथा नरसिंह की मूर्तियां विराजित हैं. कुंजापुरी मंदिर श्वेत रुप में निर्मित है परंतु फिर भी मंदिर के कुछ भागों में अन्य मनमोहक रंगों का भी उपयोग किया गया है. मंदिर की शिल्प कला बहुत ही उत्कृष्ट है. प्रवेश द्वार के सामने शेर की मूर्ति को देखा जा सकता है.

जो देखने में ऎसा प्रतीत होता है जैसे की यह शेर मां के मंदिर की रखवाली में लगा हो. मंदिर के गर्भ गृह में गड्ढा बना हुआ है मान्यता है कि इसी स्थान पर माता का कुंजा गिरा था इस स्थान को बहुत ही पूजनिय माना जाता है यहीँ माँ की पूजा की जाती है.

Devbhoomi,Uttarakhand

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आधा अधूरी तैयारी के बीच मेला आज से
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आधी-अधूरी तैयारियों के बीच कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेला बुधवार से शुरू होगा। मुख्य अतिथि व सांस्कृतिक कार्यक्रम का अभी तक निर्धारण नहीं हो सका। गत 11 सितम्बर को निकटवर्ती डौंर गांव में दैवीय आपदा से 6 लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गई थी। इस कारण मेले के आयोजन को लेकर क्षेत्र के लोग दो धड़ों में बंटे नजर आए। काफी प्रयासों के बाद क्षेत्रीय विधायक की पहल पर मेला आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

मेला की तैयारियों का समय कम होने से इसका असर भी दिख रहा है। बुधवार को मेले का उद्घाटन होना है, लेकिन समाचार लिखे जाने तक मेले के उद्घाटन के मुख्य अतिथि का नाम तय नहीं हो पाया था। मेले के दौरान आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी निर्धारण नहीं हो पाया है। विकास प्रदर्शनी के लिए स्टाल तो बनाए गए, लेकिन विभाग ने स्टाल बुक नहीं करवाए हैं।
मेले के आयोजन को लकर मेलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राणा ने तैयारियों में देरी को मजबूरी बताया। मेले को लेकर बाजार तो सजाया गया, लेकिन शहर के अन्य क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था चौपट है।नरेंद्रनगर: सिद्धपीठ कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले को लेकर विभिन्न संगठनों ने ऐतराज जताया है। पिछले दिनों डौंर गांव में दैवीय आपदा से हुई जनहानी को देखते हुए राजनीतिक दलों एवं संगठनों ने इस बार मेला आयोजन न करने की प्रशासन से मांग की है। उक्रांद पी के वरिष्ठ नेता संजय कोठियाल ने कहा कि शहर से लगे गांव में इतना बड़ा हादसा होने से इस बार मेला स्थगित कर देना चाहिए। यदि आयोजित करना भी है तो सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होने चाहिए।


राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र सकलानी, ग्राम डौंर के पूर्व प्रधान मंगल सिंह नेगी, बसपा के आशुतोष भंडारी, पौड़ी लोकसभा क्षेत्र के यूथ कांग्रेस अध्यक्ष हिमांशु बिजल्वाण, पीसीसी सदस्य विनोद कुकरेती आदि ने मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम पर एतराज जताया।



http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8276179.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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