इस मंदिर के बारेमें बताते हैं कि एक बार एक मृत व्यक्ति की मां उसके जीवित होते ही उससे लिपट गई और रोते हुए बोली मैं तुम्हें शमशान नहीं ले जाने दूंगी। इससे काफी कठिनाई हुई। इस घटना के बाद फिर कभी किसी शव में प्राणों का पुन:संचार नहीं हुआ और धीरे-धीरे मृत शरीर को इस मंदिर में लाने
इस मंदिर से थोडी दूर ऊंचाई पर एक विशालकाय काले, चिकने एवं चमचमाते शिवलिंगके उदय की कहानी कुछ इस प्रकार बतलाई जाती है कि एक बार शिवजी के एक परम भक्त को इस स्थान से पूजा के लिए जाते हुए एक आवाज सुनाई दी रुको इस स्थान पर एक अत्यंत सुंदर एवं विलक्षण शिवलिंगनीचे जमीन में स्थापित है।
अतएव यह स्थान पूजित है। वह भक्त आश्चर्य चकित रह गया और उसने गांव में जाकर लोगों से इस घटना की चर्चा की। गांव के सभी लोग उस स्थान पर पहुंचकर भगवान् शिव का स्मरण करते हुए वहां खुदाई शुरू कर दी। धीरे-धीरे शिवलिंगका दमकता-चमकता रूप पृथ्वी से उदय होकर सबके सामने था। जनमानस शिव की जय-जयकार करता हुआ श्रद्धा और भक्ति से नत मस्तक हो गया।
यह काले पत्थर का शिवलिंगइतना चिकना है कि थोडा सा पानी डालने पर श्रद्धालु स्वयं अपना प्रतिबिंब देख सकते हैं। मंदिर के पुजारी शिवलिंगपर जल डालकर प्रत्येक श्रद्धालु को दिखाते हैं।