Tourism in Uttarakhand > Religious Places Of Uttarakhand - देव भूमि उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध देव मन्दिर एवं धार्मिक कहानियां

Nanda Raj Jat 2014 update -हिमालयी कुम्भ नंदा राज जात 18 अगस्त से 06 सितम्बर 14

<< < (2/7) > >>

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
ग्यारहवां पड़ाव : मुंदोली
ल्वाणी, बगरियागाड़ में पूजा-अर्चना के बाद राजजात मुंदोली पहुंचती है। गांव में महिलाएं और पुरुष सामूहिक झौंड़ा गीत गाते हैं।
बारहवां पड़ाव : वाण
लोहाजंग से देवी की राजजात अंतिम बस्ती गांव वाण पहुंचती है। यहां पर घौंसिंह, काली दानू और नंदा देवी के मंदिर हैं।
तेरहवां पड़ाव : गैरोलीपातल
द्धाणीग्वर और दाडिमडाली स्थान के बाद गरोलीपातल आता है। यह पहाड़ यात्रा का पहला निर्जन पड़ाव है।हैं।

चौदहवां पड़ाव : वैदनी
इस वर्ष की राजजात में वैदनी को पड़ाव बनाया गया है। मान्यता है कि महाकाली ने जब रक्तबीज राक्षस का वध किया था, तो भगवान शंकर ने महाकाली को इसी कुंड में स्नान कराया था, जिससे वे पुन: महागौरी रूप में आ गई थी।
15वां पड़ाव : पातरनचौंणियां
वेदनी कुड से यात्री दल पातरनचौंणियां पहुंचती है। यहां पर पूजा के बाद विश्राम होता है।
सोलहवां पड़ाव : शिला समुद्र
पातरनचौंणियां के बाद तेज चढ़ाई पार कर कैलवाविनायक पहुंचा जाता है। यहां गणेश जी की भव्य मूर्ति है। इस दौरान बगुवावासा, बल्लभ स्वेलड़ा, रुमकुंड आदि स्थानों से होकर मां नंदा की राजजात शिलासमुद्र पहुंचती है।

सत्रहवां पड़ाव : चंदनियाघाट
होमकुंड में राजजात मनाने के बाद नंदा भक्त रात्रि विश्राम के लिए चंदनियाघाट पहुंचते हैं। यहां पहुंचने का रास्ता काफी खतरनाक है।
अठारहवां पड़ाव : सुतोल
राजजात पूजा के बाद श्रद्धालु रात्रि विश्राम के लिए सुतोल पहुंचते हैं। इस गांव के रास्ते में तातड़ा में धौसिंह का मंदिर है।
उन्नीसवां पड़ाव : घाट
नंदाकिनी नदी के दाहिने किनारे चलकर सितैल से नंदाकिनी का पुल पार कर श्रद्धालु घाट पहुंचते हैं।

वापसी नौटी
घाट और नंदप्रयाग से होते हुए श्रद्धालु सड़क मार्ग से कर्णप्रयाग पहुंचते हैं। यहां ड्यूड़ी ब्राह्मण राजकुंवर और बारह थोकी के ब्राह्मणों को विदा करते हैं। नौटी पहुंचते हैं। अन्य को भी सुफल देते हुए राजकुंवर और राज पुरोहित के साथ शेष यात्री नंदाधाम नौटी पहुंचते हैं।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
आसमान में छाए छिटपुट बादल इस बात का इशारा कर रहे हैं कि आज नहीं तो कल जरूर बारिश होगी, पर नौटी को इस बात की परवाह नही है।

मुख्यमंत्री की यात्रा स्थगित करने की अपील का नौटी पर कोई असर नहीं पड़ा है। यात्रा पहले भी दो बार स्थगित हो चुकी है। ऐसे में इस बार यात्रा आयोजक किसी भी हाल में यात्रा को स्थगित होने देना नहीं चाहते।

नौटी की इष्ट देवी उफराईं है, पर गांव के बीचोंबीच स्थित नंदा के मंदिर में खासी चहल-पहल है। नंदा की जात इस बार सोमवार को नौटी से ही शुरू हो रही है।

वर्ष 2000 में जात आधिकारिक रूप से कांसवा से शुरू हुई थी। 1987 में भी यात्रा कांसवा से शुरू हुई थी। इस बार यात्रा नौटी से शुरू होने का कोई खास कारण तो नहीं बताया जा रहा है।

इतना जरूर है कि परंपरा वही पुरानी है। कांसवा से चौसिंग्या खाडू नौटी लाया गया है। सोमवार को यह खाडू ईड़ा बधानी के लिए रवाना होगा।

मान्यता है कि नंदा जब अपने ससुराल के लिए निकली तो इस गांव के लोगों ने नंदा का खूब स्वागत किया था। तब से नंदा की जात ईड़ा बधानी जरूर जाती है। पर दूर से सीधी और सरल दिखने वाली जात स्थानीय स्तर पर उतनी ही उलझी हु़ई है।

परंपरा के बीच में नई परंपराएं भी गढ़ी जा रही है। नौटी से यात्रा की शुरू आत इसी का सबब है। कांसवा से खाडू रविवार को ही नौटी लाया गया। स्थानीय स्तर पर भादौं का पहला दिन और संग्रांद है और शुभ कार्य के लिए सबसे बेहतर।

ऐसे में यात्रा आज से ही शुरू हो जानी चाहिए थी। दो गते भादौं से यात्रा शुरू होने को गांव के ही कुछ लोग बेहतर नहीं मान रहे हैं, पर यात्रा अपने धार्मिक अनुष्ठान के साथ जारी है।

नंदा को विदा करने की इस जात का गांव से गहरा नाता है और यह दिख भी रहा है। 175 परिवार वाले नौटी गांव में करीब सौ परिवार ही गांव में रहते हैं, पर जात के लिए बाकी केपरिवार वापस गांव पहुंच रहे हैं। नौटी में चहल-पहल खासी बढ़ गई है। गाड़ियों का तांता लग चुका है और नौटी में सड़क पर जाम की स्थिति है।
(source amar ujala)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
सुहाने मौसम के बीच पूजा-अर्चना के साथ चमोली जिले में नौटी से सोमवार को श्रीनंदा राजजात-2014 का श्रीगणेश हुआ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

nanda devi raj jat yatra start मां नंदा को मायके से ससुराल यानी कैलास विदा करने की 14 साल बाद हो रही यात्रा को लेकर भक्तों में आस्था, उल्लास और भावुकता की त्रिवेणी प्रवाहमान दिखी।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

मां नंदा की डोली चली तो छलक पड़े आंखों से आंसू

नौटी में अपनी ध्याण (नंदा) को ससुराल विदा करते समय यूं छलछला गई भक्तों की आंखें।

(source amar ujala)

Navigation

[0] Message Index

[#] Next page

[*] Previous page

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 
Go to full version