नंदा मैय्या की जैकार के साथ उठा डोला
==============================
अल्मोड़ा: चार शताब्दियों से चंदवंशीय राज परिवार की अगुवाई में अल्मोड़ा में चले आ रहे मां नंदा-सुनंदा की तांत्रिक विधान से पूजा-अर्चना के बाद डोले की परंपरा आज भी बदस्तूर जारी है। शुक्रवार को चंदवंशीय परिवार के केसी सिंह बाबा जो सांसद भी हैं, ने पूरे विधि विधान के साथ मां नंदा-सुनंदा को बतौर बहन विदाई दी। मां के डोले में शामिल होने के लिए नगर ही नहीं नगर के समीपवर्ती खासपर्जा व सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग पहुंचे हुए थे।
मां नंदा-सुनंदा की जयकारे के साथ नंदादेवी मंदिर परिसर से डोला उठाया गया। मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमाओं को सुसज्जित कर हर व्यक्ति मां के डोले में कंधा लगाने को आतुर था। वहीं घरों की छतों में, सड़क व बाजार के दोनों किनारों में मां के दर्शन के लिए खड़ी ग्रामीण व नगर की महिलाएं अक्षत, पुष्प व भेंट चढ़ाकर मां को जहां विदाई दे रही थी, वहीं मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना भी हाथ जोड़कर कर रही थी।
मां के डोले के पीछे राज परिवार के केसी सिंह बाबा, उनके पुत्र कुंवर नरेंद्र चंद्र सिंह व नाती चल रहे थे। नंदादेवी से शुरू होकर निर्धारित मार्गो से होता हुआ ड्योड़ीपोखर तल्ला महल मां जगदम्बा के दरबार में मां नंदा-सुनंदा की दिखाई की गई। इस अवसर पर जगदम्बा दरबार से रानी मणिमाला व राज पुरोहित परिवार के सदस्यों ने मां नंदा-सुनंदा की आरती उतारी, कल्याण की कामना की।
मां के प्रतिमाओं के विसर्जन के समय सभी की आंखों में विदाई की पीड़ा थी और मां से सभी के सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य की कामना के साथ अगले वर्ष जल्दी आने की अरज भी की गई। चंद वंशीय राज परिवार के सभी सदस्यों ने मां नंदा-सुनंदा की स्तुति कर उन्हें विदाई दी और नमन किया।