Author Topic: Nanda Raj Jat Story - नंदा राज जात की कहानी  (Read 139480 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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Re: Nanda Raj Jat Story - नंदा राज जात की कहानी
« Reply #160 on: September 06, 2011, 09:16:30 PM »

Devbhoomi,Uttarakhand

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Re: Nanda Raj Jat Story - नंदा राज जात की कहानी
« Reply #161 on: September 06, 2011, 09:16:46 PM »

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Re: Nanda Raj Jat Story - नंदा राज जात की कहानी
« Reply #162 on: September 09, 2011, 09:35:58 PM »
नंदा मैय्या की जैकार के साथ उठा डोला
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अल्मोड़ा: चार शताब्दियों से चंदवंशीय राज परिवार की अगुवाई में अल्मोड़ा में चले आ रहे मां नंदा-सुनंदा की तांत्रिक विधान से पूजा-अर्चना के बाद डोले की परंपरा आज भी बदस्तूर जारी है। शुक्रवार को चंदवंशीय परिवार के केसी सिंह बाबा जो सांसद भी हैं, ने पूरे विधि विधान के साथ मां नंदा-सुनंदा को बतौर बहन विदाई दी। मां के डोले में शामिल होने के लिए नगर ही नहीं नगर के समीपवर्ती खासपर्जा व सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग पहुंचे हुए थे।

मां नंदा-सुनंदा की जयकारे के साथ नंदादेवी मंदिर परिसर से डोला उठाया गया। मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमाओं को सुसज्जित कर हर व्यक्ति मां के डोले में कंधा लगाने को आतुर था। वहीं घरों की छतों में, सड़क व बाजार के दोनों किनारों में मां के दर्शन के लिए खड़ी ग्रामीण व नगर की महिलाएं अक्षत, पुष्प व भेंट चढ़ाकर मां को जहां विदाई दे रही थी, वहीं मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना भी हाथ जोड़कर कर रही थी।

 मां के डोले के पीछे राज परिवार के केसी सिंह बाबा, उनके पुत्र कुंवर नरेंद्र चंद्र सिंह व नाती चल रहे थे। नंदादेवी से शुरू होकर निर्धारित मार्गो से होता हुआ ड्योड़ीपोखर तल्ला महल मां जगदम्बा के दरबार में मां नंदा-सुनंदा की दिखाई की गई। इस अवसर पर जगदम्बा दरबार से रानी मणिमाला व राज पुरोहित परिवार के सदस्यों ने मां नंदा-सुनंदा की आरती उतारी, कल्याण की कामना की।

 मां के प्रतिमाओं के विसर्जन के समय सभी की आंखों में विदाई की पीड़ा थी और मां से सभी के सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य की कामना के साथ अगले वर्ष जल्दी आने की अरज भी की गई। चंद वंशीय राज परिवार के सभी सदस्यों ने मां नंदा-सुनंदा की स्तुति कर उन्हें विदाई दी और नमन किया।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Nanda Raj Jat Story - नंदा राज जात की कहानी
« Reply #163 on: December 01, 2011, 06:28:45 AM »
    photo  Nanda Devi Raj Jat, 2000 - The Beautiful slopes of Bednibugyals.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Nanda Raj Jat Story - नंदा राज जात की कहानी
« Reply #164 on: December 01, 2011, 06:30:00 AM »
    photo  The Palki of Goddess Nanda Devi is  carried by the devotees to Her abode  i.e. in Hamalayas (Homekund) near Trishuli Peak.


Photo by  -  Dinesh Pundhir.
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Nanda Raj Jat Story - नंदा राज जात की कहानी
« Reply #165 on: December 01, 2011, 06:31:20 AM »
    photo 
 An ariel view of Bednikund, surrounded by the devotees.


(Photo -Dinesh PUndhir.
 

Devbhoomi,Uttarakhand

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Re: Nanda Raj Jat Story - नंदा राज जात की कहानी
« Reply #166 on: December 10, 2011, 10:56:44 PM »
माला कू श्याम
प्रवतिया नाट्य मंच मुंबई में अपना 51वें कार्यक्रम "नंदादेवी राजजात" के तुरंत बादही अपने 52वें कार्यक्रम "फिर बॉडी ऐगे बग्वाल" में पहली बार मुंबई में साहब सिंह रमोला जी को प्रस्तुत कर रही है

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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D.r. Purohit.......
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 Nanda paatbira is a 12 year festival of Nanda when the narrative and the ritual re-enacts Nanda's visit to her maika(maternal home) from her in-law's. A festival enlivened with elaborate song, dance and ritual events is held to which all relatives and essentially the dhiyans are invited to participate. About 20 thousand devotees attend the final event of "daali.



एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Chamoli_Indians (Uttarakhand)March 17
"जिलासू गांव (Chamoli) की मां चंडिका  की बन्याथ यात्रा के दौरान देवी के ब्रह्म पुंज को सुसज्जित करता एरवाल"
 
 यात्रा के दौरान देवी की विशेष स्तुति एवं आह्वान के बाद देव नृत्य करता हुआ हुआ देवी पुंज इन्ही एरवालों के सहारे क्षेत्र के हर गांव, हर घर में पहुंचता है, कठिन साधना के प्रतीक एरवालों के द्वारा ब्रह्म पुंज के साथ पौराणिक नृत्य जहां उल्लास पैदा करता ह,। वहीं उनके दस माह तक नंगे पैरों भ्रमण करने, एक समय भोजन करने की कठिन साधना देवी की भक्ति एवं शक्ति को बयां करती है.......मां चंडिका के ब्रह्म (पुंज) को जागृत करने के लिए हर प्रात: तैतीस कोटी की शक्तियों, समस्त तीर्थ एवं प्रयागों आह्वान किया जाता है, उसके उपरांत पुंज को भ्रमण हेतु एरवाल को सौंपा जाता है...
 
 माँ चंडिका के प्रतीक इस ब्रह्म पुंज से हर कोई भक्त अपनी मनोकामनायें मांगता है जो अवश्य पूरी होती हैं......
 Plz Like & Share this photo with all freinds

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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नंदा देवी राज जात २०००- चौ सिंग्या खाडू

 

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