Tourism in Uttarakhand > Religious Places Of Uttarakhand - देव भूमि उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध देव मन्दिर एवं धार्मिक कहानियां

Panch Badri & Panch Kedar of Devbhomi Uttarkhand- पंच बद्री पंच केदार

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
ADI        BADRINATH                          Another pilgrimage        centre of local importance is this group of 16 temples enroute to Ranikhet        and close to the confluence at Karan Prayag. The main temple is dedicated        to Narayan and has a raised platform in the pyramidal form. Within the        temple, a black stone idol is installed. It is believed that these        temples, dating to the Gupta age, were sanctioned by Adi Shankaracharya        who wanted to spread the tenets of Hinduism to every remote        corner of the country.
HOW        TO GET THERE                 
Air: Nearest        airport is Jolly Grant 209 kms from Rishikesh.
        Rail: The nearest railhead, Rishikesh, is 192 kms.
        Road: Adi Badri is approachable from Kama Prayag, 19 kms, which in        turn is connected by a rnotorable road with Ranikhet, Nainital and        Ramnagar.
ACCOMMODATION
Nearest Tourist Rest        House is at Kamaprayag, Temple Committee Guest        House, private hotels and dhararnshalaa are available at Kama Prayag.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Panch (Kedar)
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Five Kedars are :


1. Kedar Nath
2. Rudranath
3. Kalpeshwar
4. Madh Maheshwar
5. Tungh Nath

 
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:





[केदारनाथ ज्योतिर्लिग]भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिगोंमें से एक है   केदारनाथ। इसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। पुराणों के अनुसार,   केदारनाथ में शिवलिंग,तुंगनाथ में बाहु, रुद्रनाथमें मुख, मध्य महेश्वर में   नाभि, कल्पेश्वरमें जटा के रूप में शिव की पूजा की जाती है। केदारनाथ   मंदिर के प्रवेश द्वार पर नंदी की जीवंत मूर्ति स्थापित की गई है। हर साल   मई से अक्टूबर के बीच केदारनाथ के दर्शन किए जाते हैं।

यहां नागनाथ   शरदोत्सव, जोशीमठशरदोत्सव, शिवरात्रि गोपेश्वरनंदा देवी नौटी,नवमी   जसोलीहरियाली, रूपकुंडमहोत्सव बेदनीबुग्याल,कृष्णा मेला जोशी मठ, गौचरमेला,   अनुसूयादेवी आदि कई मेले आयोजित होते हैं। केदारनाथ के निकट ही गांधी   सरोवर व बासुकी ताल है।


Ukhimath Temple, near Kedarnath, Uttarakhand. Here the Kedarnath deity   as well as the Madhmaheshwar diety are kept during the winter months.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
रुद्रनाथ गुहा मंदिर]

मंदाकिनी और अलकनंदानदी के बीचों-बीच स्थित है   रुद्रनाथगुहा मंदिर। यहां गुहा को एक भित्ति बनाकर बंद कर दिया गया है।   आंतरिक भाग में शिवलिंगहै, जिस पर जल की बूंदेंटपकती रहती हैं।

Here Lord Shiva is mouth is worshiped.


 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
कल्पेश्वर केदारखंडपुराण में उल्लेख है कि कल्पस्थलमें दुर्वासाऋषि   ने कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या की थी। कल्पेश्वरकल्पगंगाघाटी में स्थित है।   कल्पगंगाका प्राचीन नाम हिरण्यवतीथा। दायें तट पर दूरबसाभूमि है, जहां   ध्यान बद्री का मंदिर है। विशाल कल्पेश्वरचट्टान के पाद में गुहा है, जिसके   गर्भ में स्वयंभू शिवलिंगविराजमान हैं। [मध्य महेश्वर] स्थापत्य की दृष्टि   से यह पंच केदारोंमें सर्वाधिक आकर्षक है। मंदिर का शिखर स्वर्ण कलश से   अलंकृत है। पृष्ठभाग में हर गौरी की प्रतिमाएं हैं। छोटे मंदिर में पार्वती   की मूर्ति है। कल्पेश्वर] केदारखंडपुराण में उल्लेख है कि कल्पस्थलमें दुर्वासाऋषि   ने कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या की थी। कल्पेश्वरकल्पगंगाघाटी में स्थित है।   कल्पगंगाका प्राचीन नाम हिरण्यवतीथा। दायें तट पर दूरबसाभूमि है, जहां   ध्यान बद्री का मंदिर है। विशाल कल्पेश्वरचट्टान के पाद में गुहा है, जिसके   गर्भ में स्वयंभू शिवलिंगविराजमान हैं। [

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